लाल आतंक के सरगना बसव राजू को ढेर करने के बाद छत्तीसगढ़ के जांबाज जवानों ने न सिर्फ नक्सलियों को करारा जवाब दिया, बल्कि जश्न का ऐसा रंग जमाया कि जंगल गूंज उठा! अबूझमाड़ के घने जंगलों में हुई इस ताबड़तोड़ मुठभेड़ में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और सीआरपीएफ के जवानों ने नक्सलियों के महासचिव बसव राजू समेत 27 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया। इसके बाद जवानों ने हथियार लहराते हुए नाच-गाना शुरू कर दिया और बरामद हथियारों की शानदार प्रदर्शनी लगाकर अपनी जीत का डंका बजाया।
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2010 की सलगती याद और जवानों का जवाब
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याद कीजिए अप्रैल 2010 का वो काला दिन, जब ताड़मेटला में नक्सलियों ने CRPF के 76 जवानों को शहीद कर दिया था। उस हमले के बाद नक्सलियों ने हथियारों की प्रदर्शनी लगाकर जश्न मनाया था और वीडियो जारी कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की थी। लेकिन, जैसा कि कहते हैं, समय बड़ा बलवान है! अब 15 साल बाद जवानों ने उसी अंदाज में नक्सलियों को सबक सिखाया। ताड़मेटला, झीरम, और रानिबोदली जैसे खौफनाक हमलों के मास्टरमाइंड बसव राजू को ढेर कर जवानों ने साफ कर दिया कि अब "ईंट का जवाब पत्थर से" नहीं, बल्कि "ईंट का जवाब ईंट से" दिया जाएगा!
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1 करोड़ का इनामी नक्सली चीफ और उसका अंत
बसव राजू कोई छोटा-मोटा नक्सली नहीं था। 1 करोड़ रुपये का इनामी ये शातिर नक्सली नक्सल संगठन का महासचिव था, जिसके इशारे पर बस्तर में कई बड़े हमले हुए। लेकिन अबूझमाड़ में जवानों ने उसे और उसके 26 साथियों को जंगल में ही ढेर कर दिया। मुठभेड़ के बाद जंगल में बरामद हथियारों की प्रदर्शनी लगी, जिसमें बंदूकें, गोला-बारूद और नक्सलियों का सामान देखकर हर कोई दंग रह गया। जवानों ने न सिर्फ हथियारों का जखीरा बरामद किया, बल्कि जश्न में डूबकर लाल आतंक को चेतावनी दी कि अब उनकी खैर नहीं!
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जवानों का जश्न, वीडियो वायरल
मुठभेड़ के बाद जवानों का जोश देखते ही बनता था। हथियार लहराते हुए डीआरजी के जवान नाच रहे थे, गा रहे थे, और जीत का जश।
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