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Photograph: (the sootr)
SUKMA.छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला सुकमा जिले के एक सब इंजीनियर से जुड़ा है। इस इंजीनियर ने पुलिया निर्माण की राशि का पेमेंट करने के लिए पंचायत सचिव से पांच प्रतिशत राशि की मांग की। पंचायत सचिव ने इंजीनियर की इस मांग की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को कर दी। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी की टीम ने अपना जाल बिछाकर इंजीनियर को रंगे हाथों दबोच लिया। इस घटना ने निर्माण कार्यों में चल रहे भ्रष्टाचार को भी उजागर किया।
क्या था पूरा मामला?
आज दोपहर डेढ़ बजे एसीबी की टीम ने छिंदगढ़ मुख्यालय पर छापा मारा। एसीबी ने सब इंजीनियर प्रदीप बघेल को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। बघेल पुलिया निर्माण के भुगतान के बदले 30 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे थे।
शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने बघेल के खिलाफ ट्रैप कार्रवाई की और गिरफ्तार किया। मौके से रिश्वत की रकम, दस्तावेज और मोबाइल जब्त कर लिया गया। इस कार्रवाई से क्षेत्र में अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
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पंचायत सचिव से रिश्वत की मांग को ऐसे समझें
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एसीबी का जाल: ₹30,000 लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तारी
जब पंचायत सचिव से बार-बार रिश्वत की मांग हो रही थी। परेशान होकर उसने एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो), जगदलपुर की टीम से शिकायत की। ACB टीम ने पहले मामले की पुष्टि की। इसके बाद ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई।
दोपहर करीब डेढ़ बजे, ACB की टीम छिंदगढ़ मुख्यालय में सब इंजीनियर प्रदीप बघेल के सरकारी क्वार्टर पर पहुंची।
शिकायतकर्ता ने तय की गई रिश्वत की रकम यानी ₹30,000 सब इंजीनियर बघेल को दी। जैसे ही उन्होंने पैसे अपने हाथ में लिए ACB की टीम ने तुरंत एक्शन लिया।
प्रदीप बघेल को रंगे हाथों पकड़ा गया। मौके से रिश्वत की रकम, जरूरी सरकारी दस्तावेज और उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया।
यह कार्रवाई पूरे इलाके के अफसरों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि भ्रष्टाचार अब छिप नहीं सकता।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम
इस कार्रवाई से यह साफ है कि एसीबी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए एसीबी की टीम लगातार काम कर रही है। एसीबी लगातार रिश्वतखोरों को पकड़ने के लिए कार्रवाई कर रही है।
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