सूरजपुर में 32 प्राइवेट स्कूलों की मान्यता रद्द, मासूम बच्चे को पेड़ पर लटकाने की घटना के बाद बड़ा एक्शन

सूरजपुर जिले में नर्सरी के एक बच्चे को होमवर्क नहीं करने पर पेड़ पर लटकाने की अमानवीय घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन सख्त हो गया है। टीचर काजल साहू बर्खास्त। जिला प्रशासन ने मानक उल्लंघन पर 32 निजी स्कूलों की मान्यता तत्काल रद्द की।

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Harrison Masih
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Surajpur. छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में नर्सरी के बच्चे को होमवर्क नहीं करने पर पेड़ पर रस्सी के सहारे लटकाने की अमानवीय घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। इस वायरल घटना में दोषी टीचर को बर्खास्त करने के साथ-साथ, जांच के दौरान मानकों का उल्लंघन करने वाले 32 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है।

आमापारा, नारायणपुर स्थित हंस वाहिनी विद्या मंदिर की शिक्षिका काजल साहू को बर्खास्त कर दिया गया है। वह वही टीचर है जिसने बच्चे को पेड़ पर लटकाकर सजा दी थी। यह कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के बाद की गई। संयुक्त कलेक्टर पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मानकों का उल्लंघन करने वाले सभी स्कूलों पर आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

टीचर ने बच्चे को टी-शर्ट के सहारे पेड़ से लटकाया

यह मामला सूरजपुर जिले के हंस वाहिनी विद्या मंदिर स्कूल नारायणपुर का है। नर्सरी कक्षा के एक मासूम बच्चे को होमवर्क पूरा न करने पर स्कूल की टीचर काजल साहू ने तालिबानी सजा दी। टीचर ने बच्चे को उसकी टी-शर्ट के सहारे पेड़ की डाल से लटका दिया। वायरल वीडियो में बच्चा टी-शर्ट से लटका हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि नीचे उसने सिर्फ अंडरवीयर पहना हुआ है। स्कूली बच्चों ने बताया कि मैडम (काजल साहू) द्वारा पहले भी बच्चों को कुएं में लटकाने जैसी अमानवीय सजा दी जाती थी।

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प्रशासन का सख्त एक्शन: टीचर बर्खास्त, 32 स्कूलों की मान्यता रद्द

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद अभिभावकों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश था। पालकों की मांग पर जिला प्रशासन ने त्वरित और बड़ा एक्शन लिया है। मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर, हंस वाहिनी विद्या मंदिर स्कूल, नारायणपुर की दोषी टीचर काजल साहू को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच में पाया कि कई निजी स्कूल तय मानकों का पालन नहीं कर रहे थे। विशेष रूप से, ये सभी 32 स्कूल मैदान (खेल के मैदान) के अनिवार्य मानकों को पूरा नहीं करते थे। इन सभी स्कूलों की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी होने के बाद निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है।

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सुरक्षा से समझौता बर्दाश्त नहीं

जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

"सुरक्षा से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसी स्कूलों की सख्त जांच होगी।"
- पुष्पेंद्र शर्मा, संयुक्त कलेक्टर, सूरजपुर

घटना की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल शिक्षा विभाग के अधिकारी को मौके पर भेजकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मामले की जांच करवाई थी, जिसके बाद यह सख्त कदम उठाया गया है। यह कार्रवाई निजी स्कूलों में मनमानी और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने वालों के लिए एक बड़ी चेतावनी मानी जा रही है।

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