प्रदेश के आसमां में गूंजा 'जय जोहार' और 'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, वायुसेना के विमानों ने दिखाई कलाबाज़ी

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर नवा रायपुर के सेंध जलाशय के ऊपर भारतीय वायु सेना की प्रतिष्ठित एरोबेटिक "सूर्यकिरण" की टीम ने रोमांचक एयर शो का प्रदर्शन किया।

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Arun Tiwari
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Raipur.छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर नवा रायपुर के सेंध जलाशय के ऊपर भारतीय वायु सेना की प्रतिष्ठित एरोबेटिक "सूर्यकिरण" की टीम ने रोमांचक एयर शो का प्रदर्शन किया।  उप राष्ट्रपति  सी.पी. राधाकृष्णन, राज्यपाल  रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के साथ हजारों लोगों ने अद्भूत और रोमांचक एयर शो का आनंद लिया।प्रदेशवासियों के लिए वायु सेना का एयर शो कमाल का अनुभव रहा। सेंध जलाशय के ऊपर वायु सेना के फाइटर प्लेन्स ने एक के बाद एक कई हवाई करतब दिखाए। आसमान में पंछियों के झुंड की तरह बिल्कुल क्रम से उड़ने वाले फाइटर प्लेन्स के माध्यम से वायु सेना के जाबांजों ने अपने नियंत्रण और शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया। विमानों के माध्यम से जब आकाश में तिरंगा लहराया तो छत्तीसगढ़ भारत माता की जय के नारे से गूंज उठा।

सूर्यकिरण टीम का अद्भुत प्रदर्शन:

एयर शो के दौरान "सूर्यकिरण" टीम के लीडर ग्रुप कैप्टन  अजय दशरथी ने आसमान से छत्तीसगढ़वासियों को रजत महोत्सव की बधाई दी। वहीं छत्तीसगढ़ निवासी भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर  गौरव पटेल ने सेंध जलाशय के ऊपर अपने कॉकपिट से 'जय जोहार' और 'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया' कहकर दर्शकों का अभिवादन किया। 

सूर्यकिरण" टीम ने अनुशासन, परस्पर विश्वास, सटीकता और उत्साह के साथ एक घंटे तक वायु सेना के विमानों के साथ कलाबाजी दिखाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। नवा रायपुर के सेंध जलाशय में मौजूद हजारों दर्शक पायलटों के हैरतअंगेज साहस और करतबों को देखकर मंत्रमुग्ध होते रहे। विंग कमांडर  ए.व्ही. सिंह के नेतृत्व में वन-एफ-9 और वन-एफ-8 हेलीकॉप्टर यूनिट ने वी-17 और वी-5 हेलीकॉप्टरों से स्लीपरी और स्काई-ऑपरेशन के करतब दिखाए। 'आदिदेव' नाम के इन हेलीकॉप्टरों से केवल 15 मीटर ऊंचाई पर स्थिर रहकर 14 गरूड़ कमांडोज रस्सी के सहारे नीचे उतरे। वहीं स्काई-ऑपरेशन के दौरान आठ गरूड़ कमांडोज रस्सी पर लटककर हेलीकॉप्टर से दर्शकों के सामने से आकाश में उड़ते हुए गुजरे। इन दोनों ऑपरेशनों को लड़ाई और आपदा के दौरान जनसामान्य को बचाने के लिए किया जाता है।

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इस तरह भी हुआ प्रदर्शन:

एयर शो में सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम के नौ हॉक-मार्क-123 फाइटर विमानों ने आसमान में हार्ट, डायमंड, लूप, ग्रोवर, डान लाइट, कॉम्बैट तेजस जैसे शानदार फार्मेशन बनाकर लोगों को रोमांचित किया। नीले आसमान में उड़ते लाल-सफेद जेट विमानों द्वारा तिरंगे की आकर्षक ट्रेल छोड़ने पर सेंध जलाशय परिसर तालियों और जय-हिंद के नारों से गूंज उठा। हज़ारों की संख्या में मौजूद नागरिक, युवा और बच्चे लगातार विमानों की कलाबाजियों को अपने कैमरों और मोबाइलों में कैद करते रहे। 

आसमान में बनाई दिल की आकृति:

वायु सेना के जाबांज फाइटर पायलटों ने आसमान में दिल की आकृति बनाकर 25वें राज्योत्सव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने तिरंगे के तीन रंगों से डीएनए की आकृति बनाकर तिरंगे के प्रति अपना सम्मान प्रस्तुत किया। उन्होंने 360° में फाइटर जेट उड़ाते हुए उल्टा जेट भी उड़ाया। तेजस और युवाओं को समर्पित अंग्रेजी अक्षर 'वाई' की आकृति बनाने के साथ ही कई करतब दिखाए। टीम का प्रदर्शन केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि युवाओं में देशप्रेम, साहस और भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा की प्रेरणा जगाने का संदेश भी देता है।

एयरशो में छत्तीसगढ़ के सपूत ने भी दिखाया करतब:

एयर शो में छत्तीसगढ़ के स्क्वाड्रन लीडर गौरव पटेल का शामिल होना राज्यवासियों के लिए गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का पल था। आसमान में अपने विमान को तेज गति से उड़ाते हुए  पटेल ने अपने कॉकपिट से 'जय जोहार' और 'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया' का जय घोष किया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट  कंवल संधू ने अपनी लाइव कमेंट्री के दौरान एयर शो के रोमांचक वर्णन के साथ ही पायलटों के अनुशासन, समर्पण, प्रशिक्षण और जोखिम प्रबंधन की बारीकियों की जानकारी दी।

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'सूर्यकिरण' एशिया की एकमात्र नौ लड़ाकू विमानों वाली एरोबैटिक टीम:

भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम (Surya Kiran Aerobatic Team) एशिया की एकमात्र नौ लड़ाकू विमानों वाली एरोबैटिक टीम है। यह विशिष्ट टीम भारत में ही निर्मित एचएएल (HAL) लाइसेंस प्राप्त हॉक एमके-132 (Mk-132) विमान उड़ाती है। इन विमानों के ज़रिए भारतीय वायु सेना की सटीकता, पेशेवर उत्कृष्टता और कौशल का अद्भुत प्रदर्शन करती है, जिसमें रोमांचक हवाई करतब और बेहद सटीक फॉर्मेशन शामिल होते हैं। सूर्यकिरण टीम को उसका मिशन विशेष बनाता है। देश के युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होकर देशसेवा के लिए प्रेरित करना इनका मिशन है। 

1996 में हुई स्थापना:

सूर्यकिरण टीम की स्थापना वर्ष 1996 में की गई थी। तब से यह टीम एशिया की एकमात्र नौ-विमानों वाली एरोबैटिक टीम होने का गौरव रखती है और दुनिया की कुछ चुनिंदा शीर्ष एरोबैटिक टीमों में शामिल है। यह असाधारण टीम अब तक भारत भर में 700 से अधिक प्रदर्शन कर चुकी है। साथ ही चीन, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय एयर शोज़ में भी किया है। टीम मंं कुल 13 पायलट, 3 इंजीनियरिंग अधिकारी, 1 उद्घोषक (कमेन्टेटर) और 1 चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।
सूर्यकिरण टीम भारतीय वायुसेना की उस भावना को दर्शाती है जो उत्कृष्टता, अनुशासन और टीमवर्क पर आधारित है। टीम के सभी पायलट अत्यंत कठिन प्रशिक्षण से गुजरते हैं, जिसमें जटिल एरोबैटिक मूवमेंट्स का महीनों तक अभ्यास किया जाता है। उनका बेदाग़ तालमेल और नियंत्रण ही क्लोज़ फॉर्मेशन फ्लाइंग की नींव है जहाँ नौ विमान मानो एक ही आत्मा से संचालित प्रतीत होते हैं।

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