सरस्वती शिशु मंदिर के आचार्य रोड पर उतरे, सालभर से नहीं मिला वेतन

Saraswati Shishu Mandir : सरस्वती शिशु मंदिर के टीचिंग स्टाफ को वेतन के लिए इस तरह सड़क पर उतरना पड़ा हो, संभवत: इस तरह का पहला मामला देखने को मिल रहा है। सरस्वती शिशु मंदिर RSS की अनुसांगिक संस्था है।

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Marut raj
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Teachers are not getting salary in Saraswati Shishu Mandir the sootr

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Saraswati Shishu Mandir : सरस्वती शिशु मंदिर में का टीचिंग स्टाफ यानी आचार्यजी और दीदियां वेतन को तरस रहे हैं। इन्हें सालभर से वेतन नहीं मिला है। नतीजा, वेतन के लिए ये लोग अफसरों के यहां चक्कर लगा रहे हैं।

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सरस्वती शिशु मंदिर के टीचिंग स्टाफ को वेतन के लिए इस तरह सड़क पर उतरना पड़ा हो, संभवत: इस तरह का पहला मामला देखने को मिल रहा है। दरअसल, सरस्वती शिशु मंदिर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस ( RSS ) की अनुसांगिक संस्था है। यहां इस तरह की घटना होना की उम्मीद नहीं की जाती।

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क्या है पूरा मामला

बिलासपुर के अशोक नगर में सरस्वती शिशु मंदिर है। यहां का टीचिंग स्टाफ यानी आचार्यजी और दीदियां पिछले दिनों कलेक्टर के यहां एक आवेदन देने पहुंचा था। इन लोगों का कहना था कि उनको पिछले 12 महीने यानी एक साल से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना था कि दस शिक्षक- शिक्षिकाओं को इस परेशानी का सामना कर रही हैं।

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वेतन के लिए नहीं है फंड

प्राचार्य का कहना है कि स्कूल के पास वेतन देने के लिए फंड ही नहीं है। इस पर शिकायत लेकर पहुंचे टीचिंग स्टाफ का कहना था कि उनके वेतन की मद से जमीन खरीदी गई है। इस जमीन को बेचकर उनके वेतन का भुगतान किया जा सकता है।

टीचिंग स्टाफ के फंड से खरीदी जमीन

कलेक्टर को आवेदन देने पहुंचे टीचिंग स्टाफ का आरोप था कि शिक्षकों के फंड से जमीन खरीदी गई है। इसके बाद भी उन्हें वेतन के लिए परेशान किया जा रहा है। उधर, जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उन्होंने इस मामले में सरस्वती शिशु मंदिर की प्राचार्य गायत्री तिवारी से फोन पर बात की है। 

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FAQ

सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल का इतिहास क्या है ?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अनुशांगिक संस्था विद्या भारती द्वारा संचालित स्कूलों को सरस्वती शिशु मंदिर तथा सरस्वती विद्या मंदिर कहा जाता है। RSS सरस्वती शिशु मंदिर की शिक्षा प्रणाली का प्रचार- प्रसार करता है। इसकी प्रसिद्धि इंटरनेशनल स्तर पर है। गैर सरकारी स्तर पर चलने वाला यह प्राइवेट स्कूलों को विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क बताया जाता है। यहां पढ़ाने वाले मेल टीचिंग स्टाफ को आचार्य और फीमेल स्टाफ को दीदी कहा जाता है।

 

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