केंद्र सरकार ने मेटल स्क्रैप के कारोबार में होने वाली टैक्स चोरी रोकने के लिए एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब पंजीकृत मेटल स्क्रैप व्यापारी को 18% GST के साथ 2% TDS भी जमा करना होगा। सरकार के इस कदम का उद्देश्य इस उद्योग में पारदर्शिता लाना और राजस्व को बढ़ाना है।
नया कर प्रावधान लागू
कर विशेषज्ञ देवेन्द्र अग्रवाल ने जानकारी दी कि 54वीं जीएसटी काउंसिल की अनुशंसा के बाद यह नया प्रावधान लागू किया गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, पंजीकृत कारोबारी अगर किसी अपंजीकृत व्यापारी से मेटल स्क्रैप खरीदता है, तो उसे 18% GST के साथ 2% TDS भी काटना होगा। पहले केवल GST ही देना होता था, लेकिन अब टैक्स चोरी की घटनाओं को देखते हुए अतिरिक्त TDS का प्रावधान भी किया गया है।
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नहीं मिलेगी किसी भी तरह की छूट
इस नए प्रावधान के अंतर्गत, पंजीकरण की सीमा पार करने पर व्यापारियों के लिए जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। रिवर्स चार्ज मैकेनिजम (आरसीएम) भी लागू कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत अगर एक पंजीकृत कारोबारी किसी अन्य पंजीकृत कारोबारी से ₹2.5 लाख से अधिक की स्क्रैप खरीदी करता है, तो उसे 2% GST TDS काटकर भुगतान करना होगा।
नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना
अगर कोई व्यापारी इस नए नियम का पालन नहीं करता है तो उसे प्रतिदिन ₹200 का जुर्माना भरना पड़ेगा, साथ ही 18% ब्याज भी देना होगा। जीएसटी विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि इस नियम का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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8000 करोड़ का कारोबार, हजारों छोटे व्यापारी होंगे प्रभावित
छत्तीसगढ़ में हर साल करीब 8000 करोड़ का मेटल स्क्रैप कारोबार होता है, जिसमें 300 से ज्यादा पंजीकृत और 5000 से अधिक अपंजीकृत व्यापारी शामिल हैं। इन व्यापारियों में कई टैक्स चोरी में शामिल थे। इस नियम के आने से न केवल टैक्स चोरी रुकेगी, बल्कि छोटे व्यापारियों को भी अपने कारोबार को पंजीकृत करने की दिशा में मजबूर होना पड़ेगा।
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