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बच्चों की पढ़ाई लिखाई के मामले में विष्णु सरकार अब कुछ सख्त फैसले लेने वाली है। इसके पीछे दो कारण हैं। एक तो सीएम के पास ऐसे टीचर्स की शिकायतें पहुंची है जो शराब पीकर स्कूल आते हैं और अश्लील हरकतें करते है। दूसरा कारण यह है कि हाल ही में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था असर के सर्वे में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शिक्षा की हालत बहुत खराब है।
सीएम ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है। सीएम के निर्देश के बाद शिक्षकों की नई तबादला नीति का मसौदा तैयार किया है। इस पॉलिसी में लिखा है कि अश्लील हरकतें और द्विअर्थी बातें करने वाले टीचरों को कंपलसरी रिटायरमेंट दिया जाएगा यानी उनको जबरिया रिटायर किया जाएगा। साथ ही 30 फीसदी से कम रिजल्ट आने पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी जवाबदेह माने जाएंगे।
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नई पॉलिसी में डबल मीनिंग पर डंडा
नए शिक्षा सत्र से पहले विष्णु सरकार कुछ नया कुछ सख्त करने वाली है। सरकार ने शिक्षकों की नई तबादला नीति का मसौदा तैयार किया है। इस तबादला नीति को नए शिक्षण सत्र में लागू किया जाएगा। नीति तो तबादले की है लेकिन इसमें कुछ ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो शिक्षकों को जबरिया रिटायरमेंट भी देंगे।
सीएम विष्णुदेव साय के सामने स्कूली बच्चों की कुछ ऐसी शिकायतें आई हैं जिनको उन्होंने बेहद गंभीरता से लिया है। बच्चों ने स्कूलों में शिक्षकों के शराब पीकर आने, लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करने और सार्वजनिक तौर पर द्विअर्थी बातें करने की शिकायत की है।
सकार ने इस नई नीति में यह तय किया है कि जो टीचर स्कूल में शराब पीकर आएंगे, बच्चों के साथ बेड टच करेंगे या फिर डबल मीनिंग में बात करेंगे, उनको कंपलसरी रिटायरमेंट यानी जबरिया रिटायर किया जाएगा।
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केस नंबर 1 : बालोद जिले में शिक्षक प्रभात पाठक की शिकायत की गई। बच्चों ने कहा कि प्रभात पाठक गलत टच करते हैं और गलत बातें करते हैं। इस शिकायत के बाद पाठक को सस्पेंड कर दिया गया।
केस नंबर 2 : बलरामपुर में शिकायत के बाद एक शिक्षक पर पॉस्को एक्ट लागू किया गया। शिक्षक बंद कमरे में छात्राओं को बुलाकर बेड टच करता था। सरकार ने इस शिक्षक को सस्पेंड कर दिया।
केस नंबर 3 : महासमुंद के एक स्कूल में कुछ टीचर हमेशा शराब पीकर आते थे। यह टीचर सड़क पर भी हंगामा करते देखे गए। इन पर निलंबन की कार्रवाई की गई।
केस नंबर 4 : बिलासपुर जिले के एक स्कूल में लेक्चरर ने गणतंत्र दिवस पर सार्वजनिक रुप से माइक पर डबल मीनिग कविता सुनाई। इसको भी सस्पेंड कर दिया गया।
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खराब रिजल्ट पर बीईओ और डीईओ नपेंगे
इस पॉलिसी में यह भी तय किया गया है कि तीस फीसदी से कम रिजल्ट आने पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं लंबे समय से अनुपस्थित और खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी। ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है।
नए शिक्षा सत्र से पहले इन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में शिक्षा पर काम करने वाली संस्था असर ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों की स्थिति बेहद खराब है। बच्चों को हिंदी के अक्षर और गणित के नंबर तक समझ में नहीं आते।
शिक्षकों का होगा युक्तियुक्त करण
प्राथमिक शिक्षा किसी बच्चे की पढ़ाई लिखाई की नींव मानी जाती है। छत्तीसगढ़ में पांच हजार से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं जहां पर एक ही शिक्षक है। कई स्कूल ऐसे भी हैं जो शिक्षक विहीन हैं। द सूत्र ने प्रमुखता से यह खबर दिखाई थी की सीएम के गृह जिले जशपुर में भी बिना शिक्षकों के भरोसे स्कूल चल रहे हैं।
प्रदेश में 7 हजार टीचर सरप्लस हैं। इनका युक्तियुक्त करण कर इनको बिना शिक्षकों वाले और एक शिक्षक वाले स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। ये वे टीचर हैं जो सिफरिश से शहरों के स्कूल में बैठे हैं या फिर मंत्री स्टॉफ में लग गए हैं।
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स्कूलों का निरीक्षण अनिवार्य
इस नीति में सरकार ने स्कूलों के नियमित निरीक्षण को भी जरुरी किया है। बालक_बालिका स्कूल अलग अलग न होकर अब एक स्कूल में ही संचालि होंगे। बच्चों की यूनिफॉर्म के रंग में बदलाव किया जाएगा। पिछड़े इलाकों में शिक्षा के लिए विशेष रणनीति बनेगी और बेहतर शिक्षा वाले दूसरे राज्यों का अध्ययन कर उन बातों को प्रदेश की शिक्षा नीति में शामिल किया जाएगा।