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छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ने नक्सलियों के तेलंगाना कैडर पर करारी चोट पहुंचाई है। यह अभियान नक्सलियों के खात्मे के लिए मार्च 2026 के लक्ष्य को पूरा करने की निर्णायक लड़ाई में बड़ा कदम माना जा रहा है। बीते 14 दिनों से जारी इस घेराबंदी में उस रणनीतिक कारीडोर को बंद किया गया है, जिसका नक्सली वर्षों से उपयोग कर रहे थे।
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यह कारिडोर उनके लिए छत्तीसगढ़ में वारदातों को अंजाम देने और फिर तेलंगाना में शरण लेने का सुरक्षित मार्ग था। राज्य में पिछले 15 माह में माओवादियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में 385 से अधिक नक्सली मारे गए हैं। 1200 से अधिक आत्मसमर्पण और इतनी ही संख्या में गिरफ्तार भी किए गए हैं।
70% नक्सली तेलंगाना व आंध्रप्रदेश राज्य से
संगठन में तेलंगाना कैडर का दबदबा नक्सली संगठन के भीतर तेलंगाना कैडर के नक्सलियों का दबदबा है। इसलिए तेलंगाना कैडर के नक्सलियों पर अंकुश लगाने कर्रेगुट्टा अभियान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नक्सली संगठन में शीर्ष पदों पर 70% नक्सली तेलंगाना व आंध्रप्रदेश राज्य के हैं। इसमें नम्बाला केशव राव उर्फ गगन्ना उर्फ बसव राजू, मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति, मलोजुल्ला उर्फ भूपति थिप्पारी तिरुपति उर्फ देवजी।
- सेंट्रल कमेटी सदस्य: कादरी सत्यनारायण रेड़डी, पुल्लुरी प्रसाद राव उर्फ चंद्रन्ना, मोदेम बाला कृष्णा, मल्लाराजी रेड्डी, गजराल रवि उर्फ उदय, दामोदर जैसे बड़े नाम सम्मिलित हैं।
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बना रहे अस्थायी कैंप हेलीकाप्टर से पहुंचाया सामान कर्रेगुट़्टा पर्वत शृंखला को लंबे समय से नक्सलियों ने अपना ठिकाना बना रखा था। यहां पिछले 14 दिन से चल रहे अभियान के बाद यहां की नीलमसरई और धोबे पहाड़ी को सुरक्षा बल ने नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करा लिया है। इन दोनों पहाड़ी पर अस्थायी कैंप बनाकर जवान डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया कि यहां नक्सलियों की उपस्थिति बनी हुई है, जिन्हें जवान घेरे हुए हैं।
अंतरराज्यीय सीमा पर लगेगा अंकुश
नक्सली विशेषज्ञ छत्तीसगढ़ के पूर्व पुलिस महानिदेशक आरके विज कहते हैं कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर यह अभियान दोनों राज्यों के बीच माओवादियों गतिविधियों पर अंकुश लगाने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यदि उस क्षेत्र में अभी भी माओवादियों की उपस्थिति बनी हुई है और जवानों ने उन्हें घेरे रखा है, तो फिर इस अभियान में सुरक्षा बलों को निर्णायक बढ़त भी मिल सकती है।
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FAQ
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