/sootr/media/media_files/2025/06/15/es1Calj6mjxkMZsdEFt4.jpg)
छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, कोंडागांव जिले के ओडिशा सीमा से सटे ग्राम गमरी में अवैध रूप से भंडारित 12 हजार से अधिक बोरी यूरिया खाद बरामद की गई है। जिला प्रशासन की इस बड़ी कार्रवाई ने खाद की कालाबाजारी की आशंका को और गहरा कर दिया है, जबकि किसान खाद की कमी के कारण खेती के कार्य में पिछड़ रहे हैं।
ये खबर भी पढ़ें... मान्यता के बिना स्टेट लैब में रुकी खाद्य पदार्थों के सैंपलों की जांच
कोंडागांव में प्रशासन की कार्रवाई
कोंडागांव जिले के ग्राम गमरी में अवैध खाद भंडारण की सूचना पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। केशकाल एसडीएम, कृषि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने तीन अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान एक गोदाम और तीन ट्रकों में रखी गई लगभग 12 हजार बोरी यूरिया खाद जब्त की गई। बाजार में इस खाद की अनुमानित कीमत 31 लाख रुपये है। जब्त किए गए खाद के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए, जिसके आधार पर ट्रकों को सीज कर लिया गया। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कालाबाजारी की संभावना को देखते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
ये खबर भी पढ़ें... खाद्य अधिकारियों की फाइल मंत्री ने रोकी सवाल पूछने पर बोले, चलते-चलते नहीं पूछा जाता
खाद की कमी से किसान परेशान
छत्तीसगढ़ के कई जिलों, विशेष रूप से सरगुजा और कोंडागांव में खरीफ सीजन के लिए खाद की कमी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। किसान समितियों में यूरिया और अन्य उर्वरकों की आपूर्ति पर्याप्त नहीं है, जिसके कारण किसानों को कई किलोमीटर तक खाद के लिए भटकना पड़ रहा है। खेती के लिए समय पर खाद न मिलने से फसल की बुआई और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन में कटौती ने भी उनकी आर्थिक परेशानियों को बढ़ाया है।
ये खबर भी पढ़ें... रूस-यूक्रेन संकट से छत्तीसगढ़ में डीएपी खाद की किल्लत
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने उठाया मुदा
खाद संकट को लेकर सरगुजा में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने किसानों के साथ मिलकर प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) नीरज कौशिक से मुलाकात कर खाद की कमी और केसीसी लोन में कटौती जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। भगत ने कहा, "किसान समितियों में खाद का स्टॉक खत्म हो चुका है। समय पर खाद न मिलने से खरीफ फसलों की बुआई प्रभावित हो रही है, जिससे किसानों में चिंता बढ़ रही है। इसके साथ ही केसीसी लोन में कटौती ने उनकी आर्थिक स्थिति को और कमजोर किया है।" उन्होंने प्रशासन से इन समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की।
ये खबर भी पढ़ें... कबीरधाम में 20 करोड़ का खाद घोटाला, किसानों को बेची गई घटिया पोटाश खाद
कालाबाजारी की आशंका
कोंडागांव में इतनी बड़ी मात्रा में खाद का अवैध भंडारण खाद की कमी के बीच कालाबाजारी की आशंका को बल देता है। विशेषज्ञों का मानें तो, खाद की कमी के दौरान कुछ लोग इसे ऊंची कीमतों पर बेचने के लिए भंडारण कर रहे हैं, जिससे किसानों को बाजार में खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा। प्रशासन की कार्रवाई से कालाबाजारी पर कुछ हद तक अंकुश लगने की उम्मीद है, लेकिन खाद की आपूर्ति को सुचारु करना अभी भी एक चुनौती है।
खाद उपलब्ध कराने की मांग
प्रशासन ने जब्त खाद को किसानों तक पहुंचाने के लिए वितरण की योजना बनानी शुरू कर दी है। साथ ही, कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, किसानों की सबसे बड़ी मांग समय पर खाद की उपलब्धता और केसीसी लोन की सुविधा को बहाल करना है। सरकार और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं को दूर करना इस संकट को हल करने के लिए जरूरी है।
किसानों के सामने दोहरा संकट
छत्तीसगढ़ में खाद की कमी और कालाबाजारी ने किसानों के सामने दोहरा संकट खड़ा कर दिया है। कोंडागांव में प्रशासन की कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह समस्या का पूर्ण समाधान नहीं है। खाद की सुचारु आपूर्ति और किसानों को राहत देने के लिए तत्काल नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है। अन्यथा, खरीफ सीजन में फसल उत्पादन पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जो न केवल किसानों बल्कि पूरे क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
प्रशासन ने बरामद की 12 हजार बोरी यूरिया खाद | प्रशासन ने बरामद की 12 हजार बोरी यूरिया खाद और 3 ट्रक भी किए सीज | The administration recovered 12 thousand bags of urea fertilizer | The administration recovered 12 thousand bags of urea fertilizer and 3 trucks were also seized