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रायपुर : विधायकों की विधायक निधि पर अब सरकार की नजर है। माननीय किस पर कितना पैसा लुटा रहे हैं इस पर सरकारी की पूरी निगरानी रहेगी। विधायकों को विधायक निधि उनके क्षेत्र में विकास के कामों के लिए दी जाती है, लेकिन कई बार यह खर्च व्यक्तिगत हो जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अब विधायक निधि के खर्च को जानने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया है। इसी पोर्टल के जरिए विधायक किसी काम की अनुशंसा करेंगे और इसी पर उस काम की स्वीकृति होगी। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे अभी रायपुर जिले में ही लागू किया गया है। रायपुर में सात विधानसभा सीटें के विधायक आते हैं जो काम की ऑनलाइन सिफारिश कर रहे हैं।
माननीयों की निधि अब ऑनलाइन होगी खर्च
छत्तीसगढ़ सरकार ने विधायक निधि के सही और पारदर्शी खर्च पर नजर रखने के लिए एमएलएलैड्स पोर्टल बनाया है। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे फिलहाल रायपुर में ही लागू किया गया है। रायपुर जिले में सात विधानसभा सीट आती हैं। यह पोर्टल इन सातों विधानसभा क्षेत्रों में लागू किया गया है। इस पोर्टल के जरिए अब विधायक अपनी विधायक निधि से काम कराने की ऑनलाइन सिफारिश कर रहे हैं। इससे स्वीकृति की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही तय हो सकेगी। एमपीलैड्स की तरह बनाए गए इस मैकेनिज्म में विधायक ऑनलाइन ही काम की अनुशंसा कर पाएंगे। विधायकों की अनुशंसा पर आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मंजूरी देता है। अब तक इस पोर्टल पर 70 से ज्यादा कार्यों की अनुशंसा हो चुकी है। इससे पहले विधायक अपनी विधायक निधि से होने वाले कामों का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजते थे। इसकी मंजूरी के बाद जिला प्रशासन के जरिए विधायक निधि के काम करवाए जाते थे।
निर्माण एजेंसी भी पोर्टल से तय होगी
इस पोर्टल में सभी सरकारी एजेंसी की लिस्ट भी उपलब्ध है। स्वीकृत कामों के क्षेत्र के मुताबिक संबंधित एजेंसी का चयन ऑटोमेशन मोड पर होगा। यानी जिस इलाके का काम होगा उसके लिए उस इलाके में काम करने वाली निर्माण एजेंसी को ऑटोमेटिक काम मिल जाएगा। एजेंसी काम के लिए टेंडर भी इसी पोर्टल के जरिए निकालेगी। पोर्टल में एजेंसी और विधायकों के लिए लॉगिन की सुविधा दी गई है। उनको आईडी और पासवर्ड जारी किए गए हैं। इससे वे अपने काम की स्थिति देख सकते हैं।
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हर काम की होगी डिजिटल निगरानी
कार्य की स्वीकृति के बाद राशि का भुगतान दो किश्तों में किया जाएगा। पहली किश्त काम प्रारंभ होते ही और दूसरी किश्त काम पूरा होने के बाद दी जाएगी। काम के निर्माण की प्रगति रिपोर्ट निर्माण एजेंसी पोर्टल पर अपलोड करेगी। इस पोर्टल को अप्रैल 2025 में लांच किया गया है। यदि यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। यह पोर्टल एमपीलैड्स की तरह विधायक निधि से जुड़ी गाइडलाइन,खर्च और कामों की स्थिति की सभी जानकारी डिजिटल रुप में उपलब्ध कराएगा।
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विधायकों की इतनी ऑनलाइन सिफारिशें
रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत ने पोर्टल के जरिए 60 कामों की अनुशंसा की है। इन पर 54 लाख 50 हजार रुपए खर्च होंगे, जिनकी स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें से अधिकांश काम ठंडे पानी के लिए स्कूलों में वॉटर कूलर लगवाने को लेकर हैं।
अभनपुर विधायक इंद्रकुमार साहू ने 7 कामों के लिए 35 लाख रुपए की अनुशंसा की है।
रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू ने तीन कामों के लिए 26 लाख 60 हजार रुपए की अनुशंसा की है।
आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अनुसार एक महीने में 70 कामों को मंजूरी के लिए भेजा गया है।
क्या होती है विधायक निधि
किसी भी राज्य में विधायक को क्षेत्र की जनता चुनकर विधानसभा भेजती है। चुनाव के बाद सरकार जब सरकार बन जाती है और सभी विधायक और मुख्यमंत्री अपना पदभार संभाल लेते हैं, उसके बाद हर राज्य के विधायक को उस क्षेत्र के विकास के लिए अलग-अलग बजट देती है, जिसमें सबसे मुख्य विधायक निधि होती है। जो राज्य के सभी विधायकों को तय नियमों के मुताबिक दिया जाता है। हालांकि इसके अलावा भी सरकार के पास अलग-अलग विकास कार्यों के लिए बजट देने का अधिकार होता है,लेकिन विधायक निधि सभी विधायकों के लिए समान होती है, जिसका इस्तेमाल विधायक अलग-अलग कामों में करते हैं। छत्तीसगढ़ में विधायकों को 4 करोड़ रुपए सालाना की विधायक निधि मिलती है।
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