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शराब की खपत और शराब घोटाले को लेकर सूर्खियों में रहने वाले छत्तीसगढ़ में न तो पीने वालों की संख्या में कोई कमी आती है और ना ही इसकी आड़ में गोरखधंधा करने वालों की जेब कभी खाली होती है। ताजा मामला राजधानी रायपुर का बताया है। एक बार फिर नकली होलोग्राम का जिन्न बाहर आ गया है। इस बार इसके पीछे किसका हाथ है, यह अभी तक पता नहीं चल पाया। हालांकि इस मामले में प्रदेश की राजनीति में नया उबाल देखने को मिल रहा है।
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प्रशासन क्यों लापरवाह और बेबस
छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम की आड़ लेकर दो हजार करोड़ से ज्यादा का शराब घोटाला कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था। इसका भंडाफोड़ होने के बाद कई शराब माफियाओं को सलाखों के पीछे डाल दिया गया तो पीछे-पीछे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी जेल डाल दिए गए। अब 40 हजार नकली होलोग्राम का पकड़ा जाना कई और सवालों को खड़े कर रहा है। साथ ही इस मामले में प्रशासन क्यों लापरवाह और बेबस है। ये भी समझ से परे है, क्योंकि इस बार पकड़े गए आरोपी ने रणजीत गुप्ता का नाम लिया था। इसके बावजूद पुलिस अभी तक नहीं ढूंढ पाई है।
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सरगना का नाम आने के बाद भी कार्रवाई नहीं
बड़ा सवाल यह है कि जांच कब तक जारी रहेगी? नकली होलोग्राम बनाने वाले सरगना का नाम पकड़े गए आरोपियों ने सरेआम बताया है। इसके बावजूद सरगना पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। नकली होलो ग्राम मामले में जिस ढाबा पर सबसे पहले छापेमारी की गई थी और जहां से नकली होलोग्राम और बोतल के ढक्कन मिले थे। साथ ही इस मामले से संबंधित जानकारी भी यही से हासिल हुई थी। वह ढाबा अभी भी धड़ले से चल रहा है। आबकारी विभाग ने इस ढाबे में काम करने वाले आरोपी युवक से साथ फोटो खिंचवाकर मीडिया को दिया था। वह युवक 24 घंटे बाद उसी ढाबे में पर मिला। ऐसे में आबकारी विभाग की लापरवाही साफ नजर आ रही है।
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आबकारी विभाग और आमानाका पुलिस उदासीन
इस मामले में गिरफ्त में आए आरोपियों ने हवालात जाने से पहले रंजीत गुप्ता के नाम का जिक्र किया है। सवाल उठता है कि आखिर रंजीत गुप्ता कौन है ? दूसरा बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश में पहले ही शराब घोटाला फूट चुका है। इस मामले में कई नामचीन हस्तियां सलाखों के पीछे हैं। ईडी और सीबीआई लगातार इस मामले की जांच में जुटी है, इसके बावजूद आखिर प्रदेश में दूसरी बार किसने दहकते आग के गोले में हाथ डालने की कोशिश की है। आबकारी विभाग ने अवैध शराब परोसने के मामले में ही सही, लेकिन दबिश देकर नकली होलोग्राम के एक और नए अध्याय का खुलासा कर दिया है। हालांकि इस पूरे मसले पर छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग और आमानाका पुलिस की कार्रवाई उदासीन नजर आ रही है।
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