The mastermind of Jheeram Ghati attack Chaitu was killed : जवानों ने झीरम घाटी हमले के मास्टरमाइंड चैतू को मार गिराया है। दंतेवाड़ा-बीजापुर-नारायणपुर जिले की सरहद पर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। इसमें 5 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। 3 शवों के साथ इंसास राइफल बरामद की गई हैं। नक्सलियों के बड़े कैडर्स की मौजूदगी की सूचना पर करीब 500 जवान कोर इलाके में घुसे हैं। सुबह 8 बजे से फायरिंग जारी है।
इंद्रावती नदी के पार भारी संख्या में नक्सलियों का जमावड़ा
पुलिस को सूचना मिली थी कि इंद्रावती नदी के पार भारी संख्या में नक्सलियों का जमावड़ा है। इसी के आधार पर एक दिन पहले दंतेवाड़ा और बीजापुर से जवानों को ऑपरेशन के लिए निकाला गया था। वहीं आज 25 मार्च की सुबह नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में कुछ बड़े कैडर्स के मारे जाने की खबर है। लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय का कहना है कि मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ खत्म होने और सर्च ऑपरेशन पूरा होने के बाद ही स्थिति क्लियर हो पाएगी।
दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सरहद पर 4 दिन पहले दो मुठभेड़ में फोर्स ने 30 नक्सलियों को मार गिराया था। दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर 26 और कांकेर में 4 नक्सली मारे गए थे। नक्सलियों को उनके TCOC ( टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन ) माह में ही सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। सूत्रों के अनुसार पुलिस की यह कार्रवाई एक हफ्ते पहले सरेंडर किए नक्सली दिनेश मोड़ियाम की निशानदेही पर की गई थी।
25 मई 2013 को नक्सलियों छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में दरभा घाटी के झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में 27 नेताओं की मौत हो गई, जिसमें पूर्व राज्य मंत्री महेंद्र कर्मा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल भी शामिल थे।
FAQ
झीरम घाटी हमले के मास्टरमाइंड चैतू को किसने मारा ?
झीरम घाटी हमले के मास्टरमाइंड चैतू को जवानों ने मार गिराया है।
दंतेवाड़ा-बीजापुर-नारायणपुर जिले के सरहद पर चल रही मुठभेड़ में कितने नक्सली मारे गए हैं ?
दंतेवाड़ा-बीजापुर-नारायणपुर जिले के सरहद पर चल रही मुठभेड़ में 5 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है।
पुलिस को इंद्रावती नदी के पार नक्सलियों के जमावड़े की जानकारी कैसे मिली ?
पुलिस को सूचना मिली थी कि इंद्रावती नदी के पार भारी संख्या में नक्सलियों का जमावड़ा है, जिसके आधार पर जवानों को ऑपरेशन के लिए भेजा गया था।