छत्तीसगढ़ के धमतरी के जिला मुख्यालय के एसपी कार्यालय के सामने एक युवक न्याय मांगने के लिए धरने पर बैठ गया। मगर, न्याय के लिए शांतिपूर्ण धरना देना भी उसको भारी पड़ गया। युवक नीलकमल साहू प्राथमिकी दर्ज न होने से नाराज था। प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर वह एसपी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया। यह न्याय मांगना प्रशासन का नागवार गुजरा। फिर क्या था, जिला प्रशासन ने इस प्रदर्शन को ही गैरकानूनी मानते हुए युवक पर कार्रवाई कर दी।
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पारिवारिक जमीन विवाद से जुड़ा है मामला
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एसपी कार्यालय के सामने धरने पर बैठने के खिलाफ अर्जुनी थाना क्षेत्र निवासी नीलकमल साहू के खिलाफ शांति भंग, मारपीट के तहत कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि नीलकमल साहू पारिवारिक जमीन विवाद से जुड़े मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने नाराज था। इससे पहले उसने संबंधित थाना और वरिष्ठ अधिकारियों तक से शिकायत कर चुका था। इसके बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो विवश होकर वह एसपी कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गया।
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बिना अनुमति के धरना देना नियमों का उल्लंघन
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इस संबंध में जब पुलिस प्रशासन से बात की गई तो पुलिस का तर्क है कि नियमानुसार बिना अनुमति के धरना देना कानून का उल्लंघन है। इसके विपरीत युवक का आरोप है कि पुलिस उनकी शिकायत पर ध्यान ही नहीं दे रही है। अब लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि अपने लिए न्याय मांगना कब से अपराध हो गया। युवक शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठा था। ऐसे में प्रशासन को उससे बात करनी चाहिए था कि उसकी समस्या क्या है। संभव होता तो समाधान निकालना चाहिए था। बहरहाल, घटना के बाद स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा है कि अब तो आमजन को न्याय के लिए धरना देना भी अपराध हो गया है।
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