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आरोपी अपोलो बीएसआर के पूर्व डायरेक्टर डॉ. एमके खंडूजा के खिलाफ शनिवार की रात स्मृति नगर थाना में तीसरी एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने रिटायर बीएसपी कर्मी प्रभात नारायण शुक्ला की शिकायत पर निवेश का झांसा देकर 38 लाख रुपए ठगने के मामले में अपराध दर्ज किया है।
इसके अलावा राधिका नगर निवासी रिटायर बीएसपी कर्मी शारदा प्रसाद सिन्हा (71 वर्ष) की शिकायत पर पूर्व से दर्ज 420, 409, 34 के प्रकरण में चिटफंड की धारा 7 एवं 10 को जोड़ा गया है। इससे पहले ही छावनी और स्मृति नगर चौकी में ही दो एफआईआर हो चुकी है। ताजा मामले में पुलिस ने बताया कि सेक्टर 2 निवासी प्रभात नारायण शुक्ला ( 76 वर्ष) ने शिकायत दर्ज कराई है। प्रार्थी के अनुसार वह बीएसपी के शिक्षा विभाग 31 अगस्त 2008 को रिटायर हुआ।
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बीएसआर हेल्थ वेंचर में निवेश का झांसा
फाइनल सेटलमेंट में उसे 44 लाख रुपए मिले थे। 27 अप्रैल 2011 को डॉ. एमके खंडूजा का मैनेजर राजेश राय उसके घर आया और बताया कि बीएसआर हेल्थ वेंचर में रकम निवेश करने पर 5 वर्षों में दोगुनी रकम मिलेगी। राजेश की बातों में आकर वह उसके साथ बीएसआर हेल्थ वेंचर के डायरेक्टर डॉ. खंडूजा से मिला। उसने भी राशि 5 वर्षों के लिए फिक्स डिपॉजिट करने पर दोगुनी रकम का लालच दिया।
उनकी बातों में आकर प्रभात नारायण ने अपने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा सुपेला के खाते से 6 बार में अलग-अलग चेक के माध्यम से कुल 38 लाख रुपए अपने और पत्नी कमला शुक्ला के नाम पर निवेश करा दिए। 5 वर्ष बाद उसने खंडुजा से रकम वापस मांगी तो उसने अपने एक्सिस बैंक के 5 चेक और देना बैंक के 2 चेक दे दिए, लेकिन चेक से विड्राल करने के लिए नहीं कहा। चेक आहरण की अवधि भी खत्म हो गई।
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निवेशकों को झांसा देकर इकरारनामा कराया
बीएसआर हेल्थ वेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर डॉ. मनमोहन खंडूजा ने निवेशकों से की प्लानिंग वर्ष 2018 में ही कर ली थी। प्लानिंग के तहत उसने निवेशकों को झांसा देकर इकरारनामा कराया और छह महीने में ब्याज समेत पूरा पैसा लौटाने का वादा किया था। लोगों ने उस पर भरोसा कर लिया। फिर खंडूजा कोलकाता शिफ्ट हो गया। खंडूजा ने इकरारनामा करने के एक साल पहले ही निवेशकों को ब्याज देना बंद कर दिया था।
इधर, चिटफंड की धारा लगने के बाद खंडूजा की बीएसआर हेल्थ वेंचर, बीएसआर डायग्नोस्टिक और बीएसआर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के बाकी डायरेक्टर्स की भूमिका की भी जांच होगी। कंपनी और डायरेक्टर्स की संपत्ति की जांच के बाद प्रशासन सभी को अपने कब्जे में लेगा। नीलामी से मिली राशि को निवेशकों को लौटाया जाएगा। तीनों कंपनियों की जानकारी जुटाने कोलकाता और बिलासपुर स्थित रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के रीजनल दफ्तरों से पत्राचार किया है। 7 दिनों में कंपनी की जानकारी आ जाएगी। खंडूजा के खिलाफ भिलाई या रायपुर में चौथी एफआईआर भी हो सकती है।
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