छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के तिल्दा-नेवरा क्षेत्र के तुलसी नेवरा गांव के निवासी सोनचंद जलक्षत्री ने प्रधानमंत्री से एक अनूठी गुहार लगाई है। उन्होंने खुद को 12 दिनों के लिए देश का शिक्षा मंत्री नियुक्त करने की मांग की है, ताकि वे भारत की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला सकें।
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राजस्व मंत्री को सौंपा अपना आवेदन
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सोनचंद ने अपना आवेदन राज्य के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को सौंपा और इसकी एक प्रति राष्ट्रपति को भी भेजी। उनका कहना है कि स्वतंत्र भारत के 77 वर्षों में शिक्षा की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। 35 साल के शोध और विकास के अनुभव के साथ सोनचंद का दावा है कि वे महज 12 दिन, यानी 96 घंटे (प्रतिदिन 8 घंटे) में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं।
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केंद्रीय विद्यालयों का दिया हवाला
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उनका कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से उनकी तकनीक शिक्षा में सुधार का "ट्रेलर" तैयार कर सकती है। सोनचंद ने फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे 2-4 साल की जिंदगी को 3 घंटे की फिल्म में समेटा जाता है, वैसे ही उनकी तकनीक को कुछ घंटों में लागू किया जा सकता है। उन्होंने केंद्रीय विद्यालयों का हवाला दिया, जहां शिक्षकों को सालाना 50 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य है। उनके मुताबिक, 96 घंटे का समय शिक्षा व्यवस्था को नया रूप देने के लिए पर्याप्त है।
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