शिवनाथ एक्सप्रेस के एसी कोच में आधी रात 65 लाख रूपए की चोरी हुई। चोरी के बाद शातिरों ने 65 लाख के हीरे के हार और अंगूठी को कोलकाता के एक ज्वेलरी शॉप में 11 लाख रूपए में बेच दिया। यह वारदात न केवल सुनियोजित थी बल्कि इसमें प्रोफेशनल गैंग की संलिप्तता भी सामने आई है। इस गुत्थी को जीआरपी ने सुलझा लिया है।
जीआरपी ने इस मामले में दो शातिर चोरों अब्दुल मन्नार और संतोष साव को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने फर्जी नामों से टिकट बुक कर एसी टू टियर में सफर किया और आधी रात को पूरी योजना के साथ वारदात को अंजाम दिया।
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घटना की पूरी कहानी
4 अप्रैल की रात, शिवनाथ एक्सप्रेस के एसी 2 टियर कोच में सफर कर रही एक महिला यात्री की नींद उस वक्त टूटी, जब उसे पता चला कि उसका बैग गायब है। जांच के बाद सामने आया कि बैग में हीरे का नेकलेस, महंगी अंगूठियाँ, अन्य ज्वेलरी और नकद मिलाकर करीब 65 लाख की संपत्ति थी। जांच में कोलकाता के ज्वेलरी शॉप में 65 लाख के माल को पुलिस 11 लाख रूपए में बेचे जाने के खुलासे ने पुलिस के शक को और बढ़ा दिया। पुलिस को शुरू में इस केस में कोई ठोस सुराग नहीं मिल रहा था, लेकिन कोच में लगे सीसीटीवी कैमरों और यात्रियों के बयान के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया गया।
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ऐसे पकड़े गए चोर
जांच में पता चला कि चोरों ने फर्जी पहचान का उपयोग कर रिजर्वेशन करवाया था। ट्रेन में चढ़ते वक्त उन्होंने सामान्य यात्री की तरह व्यवहार किया, लेकिन जैसे ही रात गहराई, उन्होंने वारदात को अंजाम दे डाला।
पुलिस ने ट्रेन में चढ़ने और उतरने वाले संदिग्ध यात्रियों की सूची बनाई और कॉल डिटेल्स, सीसीटीवी फुटेज तथा रेलवे की रिजर्वेशन डाटा के आधार पर संदेहियों की पहचान की। कई दिनों की मेहनत के बाद अंततः अब्दुल मन्नार और संतोष साव को गिरफ्तार कर लिया गया।
यह मिला पुलिस को
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपराध कबूल किया। उनके पास से चोरी की गई कुछ ज्वेलरी और नकदी बरामद की गई है। शेष माल को लेकर पूछताछ जारी है और पुलिस का मानना है कि गैंग के और भी सदस्य इस अपराध में शामिल हो सकते हैं।
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पुलिस का बयान
जीआरपी अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सामान्य चोरी नहीं थी, बल्कि पूरी तरह प्रोफेशनल और योजनाबद्ध अपराध था। आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और उन्हें रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी।
इस वारदात ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि जीआरपी की तत्परता और तकनीकी सहायता से बड़ी चोरी का खुलासा संभव हो पाया, लेकिन इस घटना से यह साफ है कि हाईप्रोफाइल यात्रियों को भी ट्रेन सफर के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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