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Raipur. मुगल काल और हिंदुओं की स्थिति को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता टीएस सिंहदेव ने भिलाई में एक बड़ा और विवादित बयान दिया है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें बघेल ने कहा था कि मुगलकाल में हिंदू सुरक्षित थे। टीएस सिंहदेव ने दावा किया कि इतिहास में हिंदुओं पर मुगल शासकों द्वारा दमन या अत्याचार के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलते।
मुगलों ने हिंदुओं पर अत्याचार नहीं किया - सिंहदेव
भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव से मुलाकात करने पहुंचे टीएस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा के दौरान इतिहास का हवाला दिया। सिंहदेव (जो स्वयं इतिहास में एमए हैं) ने दावा किया कि इतिहास में ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिलते कि मुगल शासकों ने सुनियोजित तरीके से हिंदुओं का दमन किया हो।
उन्होंने तर्क दिया कि मुगल संख्या में बहुत कम थे, इसलिए वे धार्मिक टकराव के बजाय सामाजिक संबंधों के जरिए शासन करते थे। उन्होंने अपने गृह क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि मुगल काल में भी सरगुजा जैसी हिंदू रियासतें पूरी तरह सुरक्षित थीं।
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ऐसे समझें पूरी खबरपूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि इतिहास में मुगलों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता। इतिहास में एमए सिंहदेव ने तर्क दिया कि मुगल संख्या में कम थे और वे सामाजिक तालमेल से शासन करते थे। सिंहदेव ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस पुराने बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने मुगल काल के दौरान हिंदुओं के सुरक्षित होने की बात कही थी। भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने पलटवार करते हुए सिंहदेव को 'सनातन विरोधी' बताया और कहा कि कांग्रेस हमेशा भ्रम फैलाने का काम करती है। सांसद पांडेय ने अंबिकापुर मंदिर के चंदे पर सवाल उठाते हुए सिंहदेव को चुनौती दी कि वे वहां के मंदिर का प्रबंधन सरकारी ट्रस्ट को सौंपें। |
बौद्ध धर्म और सम्राट अशोक का जिक्र
सिंहदेव ने प्राचीन भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह सम्राट अशोक के समय बौद्ध धर्म का प्रसार स्वेच्छा से हुआ, वही परंपरा मध्यकालीन भारत में भी दिखी। उनके अनुसार, जबरन धर्मांतरण की बातें इतिहास के तथ्यों से मेल नहीं खातीं।
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भाजपा का पलटवार: कांग्रेस है सनातन विरोधी
सिंहदेव के बयान पर राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। सांसद ने कहा कि सिंहदेव कोरोना काल से ही जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं (वैक्सीन पर दिए पुराने बयानों का हवाला देते हुए)।
संतोष पांडेय ने तीखा सवाल पूछते हुए कहा कि अगर सिंहदेव इतने ही धार्मिक हैं, तो अंबिकापुर में माता भवानी के मंदिर का चंदा कहां जाता है? उन्होंने मांग की कि वहां भी रतनपुर या बमलेश्वरी की तरह ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए।
राजनीतिक निहितार्थ
यह बयान ऐसे समय में आया है जब छत्तीसगढ़ में 'सॉफ्ट हिंदुत्व' बनाम 'सनातन' की बहस तेज है। भूपेश बघेल के मूल बयान के बाद सिंहदेव का समर्थन यह दर्शाता है कि कांग्रेस इतिहास के विमर्श को बदलने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा इसे सीधे हिंदू आस्था और ऐतिहासिक सत्य पर चोट बता रही है।
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