छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के राखी थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़े ठगी के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। दो शातिर ठग, अविनाश शर्मा (28) और विनय यादव (25), जो खुद को खनिज विभाग का अधिकारी बताकर हाइवा चालकों से अवैध वसूली कर रहे थे, को गिरफ्तार किया गया है। यह जोड़ी रात के समय सुनसान सड़कों पर ट्रकों को रोककर डराने-धमकाने और पैसे ऐंठने का गोरखधंधा चला रही थी। पुलिस ने मौके से फर्जी दस्तावेज, दो मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद की है।
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कुछ हाइवा चालकों ने पुलिस को शिकायत की
मामला तब उजागर हुआ जब कुछ हाइवा चालकों ने राखी थाना पुलिस को शिकायत की कि दो संदिग्ध व्यक्ति बार-बार उनके ट्रकों को रोककर माइनिंग दस्तावेजों की जांच के बहाने पैसे मांग रहे हैं। चालक रमेश यादव ने बताया, “वे छोटी-मोटी कमियों का हवाला देकर 5,000 से 10,000 रुपये तक की उगाही कर रहे थे। जब हमने उनका पहचान पत्र मांगा, तो वे बहाने बनाने लगे।” शिकायत मिलते ही पुलिस ने जाल बिछाया और दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
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खनिज विभाग से कोई लेना-देना नहीं
पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि वे रायपुर के डीडी नगर के रहने वाले हैं और उनका खनिज विभाग से कोई लेना-देना नहीं है। वे नकली वर्दी और जाली दस्तावेजों के सहारे चालकों को ठग रहे थे। राखी थाना प्रभारी संजय ठाकुर ने बताया, “आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी (IPC 420), जालसाजी (IPC 467, 468), और आपराधिक धमकी (IPC 506) की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।” पुलिस ने उनके पास से एक फर्जी माइनिंग पत्र, दो फोन और एक बाइक जब्त की है।
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रात के अंधेरे में ये ट्रक चालकों से ‘जुर्माना
जांच में खुलासा हुआ कि यह जोड़ी रायपुर के अभनपुर, माना, और उरला जैसे इलाकों में पहले भी इस तरह की ठगी कर चुकी है। रात के अंधेरे में ये ट्रक चालकों से ‘जुर्माना’ या ‘सेटलमेंट’ के नाम पर 2,000 से 15,000 रुपये तक वसूलते थे।
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पुलिस की इस कार्रवाई सराहना
रायपुर SSP रमेश बंसल ने कहा, “हम इनके पूरे नेटवर्क को खंगाल रहे हैं। इनके कॉल डिटेल्स और बैंक खातों की जांच की जा रही है ताकि अन्य संलिप्त लोगों का पता लगाया जा सके।” पुलिस को शक है कि इस रैकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। स्थानीय चालकों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है और मांग की है कि ऐसे ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की धोखाधड़ी न कर सके।
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