अप्राकृतिक सेक्स से नहीं हुई थी पत्नी की मौत... ये कोई क्राइम भी नहीं

Unnatural sex with wife is not a crime Bilaspur High Court : अगर पति अपनी वयस्क पत्नी के साथ उसकी सहमति के बिना भी यौन संबंध या अप्राकृतिक यौन क्रिया करता है, तो इसे अपराध नहीं माना जा सकता।

author-image
Marut raj
New Update
Unnatural sex with wife is not a crime Bilaspur High Court the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Unnatural sex with wife is not a crime Bilaspur High Court : अगर पति अपनी वयस्क पत्नी के साथ उसकी सहमति के बिना भी यौन संबंध या अप्राकृतिक यौन क्रिया करता है, तो इसे अपराध नहीं माना जा सकता। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए जगदलपुर के एक निवासी को बरी कर दिया। उसे निचली अदालत ने पत्नी के साथ बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध और अन्य आरोपों में दोषी ठहराया था।

ये खबर भी पढ़ें... 26 फरवरी तक शराब दुकानें बंद रहेंगी , छत्तीसगढ़ शासन का आदेश

मृत्यु पूर्व पत्नी बोली-अप्राकृतिक यौन संबंध की वजह से बीमार हुई

जानकारी के अनुसार आरोपी को 2017 में गिरफ्तार किया गया था, जब उसकी पत्नी की मृत्यु के बाद उस पर धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 304 (हत्या के समान अपराध) के तहत आरोप लगाए गए थे। पत्नी ने मृत्यु से पहले मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने बयान में आरोप लगाया था कि उसके पति ने जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। इसके कारण वह बीमार हो गई।

ये खबर भी पढ़ें... पूर्व महापौर एजाज ढेबर हो सकते हैं गिरफ्तार, शराब घोटाले में पेशी आज

2013 में बदली गई दुष्कर्म की परिभाषा

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि IPC की धारा 375 ( बलात्कार की परिभाषा ) में 2013 में किए गए संशोधन के अनुसार यदि पत्नी की आयु 15 वर्ष से अधिक है, तो पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ किया गया यौन संबंध बलात्कार नहीं माना जाएगा। इसलिए पत्नी की सहमति के बिना किए गए अप्राकृतिक यौन संबंध को भी अपराध नहीं माना जा सकता।

ये खबर भी पढ़ें... IAS-IPS अधिकारी वोट देने नहीं निकले, ऑफिसर्स कॉलोनी में महज 32% वोटिंग

अप्राकृतिक यौन संबंध केस पति-पत्नी के बीच लागू नहीं होता

कोर्ट ने यह भी कहा कि IPC की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) पति-पत्नी के बीच लागू नहीं होती, क्योंकि धारा 375 में किए गए संशोधन के बाद पति-पत्नी के बीच सहमति की जरूरत नहीं है। पीड़ित पक्ष ने कोर्ट को बताया था कि महिला अपनी पहली डिलीवरी के तुरंत बाद बवासीर से पीड़ित थी। जिसके कारण उसे रक्तस्राव होता था और पेट में दर्द होता था।

ये खबर भी पढ़ें... वोटर्स को नास्ता-लंच-डिनर करवा रहे प्रत्याशी, कई होटलें बुक

FAQ

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पति द्वारा पत्नी के साथ बिना सहमति के किए गए अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध क्यों नहीं माना ?
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया कि 2013 में आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 375 में हुए संशोधन के अनुसार यदि पत्नी की आयु 15 वर्ष से अधिक है, तो पति द्वारा पत्नी के साथ किया गया यौन संबंध बलात्कार नहीं माना जाएगा। इसके अलावा, धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) पति-पत्नी के बीच लागू नहीं होती है, क्योंकि इसमें सहमति की आवश्यकता नहीं होती।
इस मामले में पत्नी ने क्या आरोप लगाए थे ?
पत्नी ने मृत्यु से पहले मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में आरोप लगाया था कि उसके पति ने जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए थे, जिसके कारण वह बीमार हो गई थी और उसे रक्तस्राव और पेट में दर्द की समस्याएं हो रही थीं।
आरोपी को किस आधार पर बरी किया गया ?
आरोपी को बरी किया गया क्योंकि उच्च न्यायालय ने यह माना कि पति-पत्नी के बीच बिना सहमति के किए गए अप्राकृतिक यौन संबंध को भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है। इसके अलावा, 2013 के संशोधन के तहत पत्नी की सहमति के बिना किए गए यौन संबंध को भी अपराध नहीं माना गया।

UNNATURAL SEX अप्राकृतिक सेक्स रेप नहीं unnatural sex with wife Bilaspur unnatural sex Bilaspur High Court बिलासपुर हाईकोर्ट case of unnatural sex छत्तीसगढ़ न्यूज बिलासपुर हाईकोर्ट न्यूज
Advertisment