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छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के प्रमुख शहर अंबिकापुर में व्यापारियों ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) विभाग की छापेमारी के खिलाफ एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए शहर के सभी प्रमुख बाजारों को बंद कर दिया। यह पहला मौका है जब अंबिकापुर के व्यापारियों ने जीएसटी विभाग की कार्रवाइयों के विरोध में इतने बड़े पैमाने पर एकजुटता दिखाई और पूरे शहर में दुकानें बंद कर रैली निकाली। इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में व्यापारियों और प्रशासन के बीच तनाव को उजागर किया है।
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जीएसटी छापेमारी और व्यापारियों का आक्रोश
अंबिकापुर में जीएसटी विभाग द्वारा हाल के महीनों में बार-बार की जा रही छापेमारी ने व्यापारी समुदाय में भारी असंतोष पैदा कर दिया है। खास तौर पर, बिलासपुर रोड पर स्थित लक्ष्मी ट्रेडर्स में पिछले छह महीनों में तीसरी बार छापेमारी की गई, जिसे व्यापारियों ने उत्पीड़न के रूप में देखा। इसके अलावा, गोधनपुर में विवेक ट्रेडर्स और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी जीएसटी की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं। व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी अधिकारी बिना ठोस आधार के दुकानों पर छापे मार रहे हैं, तकनीकी खामियां निकालकर भारी जुर्माना लगा रहे हैं और अवैध वसूली कर रहे हैं।
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बैठक में दुकानें बंद कर प्रदर्शन का लिया निर्णय
छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स और छत्तीसगढ़ व्यापारी संघ के नेतृत्व में व्यापारियों ने इस उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई। शनिवार को लक्ष्मी ट्रेडर्स में छापेमारी के दौरान व्यापारियों और जीएसटी अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद व्यापारी संगठनों ने अग्रसेन भवन में एक आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बैठक में पूरे शहर में दुकानें बंद करने और विरोध रैली निकालने का फैसला लिया गया। व्यापारियों ने पोस्टर जारी किए, जिनमें लिखा था, “हम व्यापारी हैं, चोर नहीं,” जो उनके गुस्से और असंतोष को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
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विरोध का स्वरूप रविवार को अंबिकापुर बंद
विरोध में अंबिकापुर के प्रमुख बाजार, जैसे बिलासपुर रोड, गोधनपुर, और अन्य व्यापारिक क्षेत्रों में दुकानों के शटर बंद रहे। व्यापारियों ने एक रैली निकाली, जिसमें सैकड़ों व्यापारी शामिल हुए। रैली के दौरान “जीएसटी अधिकारी होश में आओ” जैसे नारे लगाए गए और जीएसटी विभाग की कार्रवाइयों के खिलाफ नारेबाजी की गई। व्यापारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार उमेश सिंह बाज को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें छापेमारी पर रोक लगाने और व्यापारियों को बेवजह परेशान न करने की मांग की गई।
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जीएसटी विभाग का पक्ष
जीएसटी विभाग ने अपने बचाव में कहा है कि उनकी कार्रवाइयां पूरी तरह से कानून के दायरे में हैं और कर चोरी को रोकने के लिए आवश्यक हैं। स्टेट जीएसटी विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी कर दावा किया कि लक्ष्मी ट्रेडर्स में 30 और 31 मई 2025 को की गई जांच में लाखों रुपये की कर चोरी पकड़ी गई। विभाग के अनुसार, लक्ष्मी ट्रेडर्स का कुल टर्नओवर अधिक है, लेकिन इस पर कर का भुगतान नगण्य रहा। खरीद के मुकाबले केवल सप्लाई कम दिखाई गई, जो वित्तीय अनियमितता का संकेत देता है। बंसल ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन और अन्य फर्मों में भी इसी तरह की अनियमितताएं पाई गई हैं। उनकी कार्रवाइयां केवल उन व्यापारियों पर केंद्रित हैं जो कर चोरी में लिप्त हैं और यह आम व्यापारियों को परेशान करने का इरादा नहीं है।
जीएसटी का व्यापारियों पर प्रभाव
व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी मिसमैच या मामूली त्रुटियों के लिए भारी जुर्माना लगाया जा रहा है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और कमजोर कर रहा है। इसके अलावा, बार-बार की छापेमारी से व्यापारियों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। कई व्यापारी दुकानें बंद कर भागने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। रविवार को अंबिकापुर में बाजार बंद होने से लाखों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को झटका लगा।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
इस विरोध ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। कांग्रेस ने इसे बीजेपी सरकार के खिलाफ एक मुद्दा बनाया है, और नेताओं जैसे टी.एस. सिंहदेव और भूपेश बघेल ने जीएसटी विभाग की कार्रवाइयों को व्यापारियों के उत्पीड़न का हिस्सा बताया है। स्थानीय स्तर पर, व्यापारी समुदाय ने चेतावनी दी है कि अगर जीएसटी विभाग की कार्रवाइयां नहीं रुकीं, तो वे अपनी दुकानों की चाबियां जीएसटी कार्यालय में जमा कर देंगे।
यह स्थिति प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है, क्योंकि व्यापारी शहर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इस तनाव को कम करने के लिए सरकार और जीएसटी विभाग को व्यापारियों के साथ संवाद स्थापित करना होगा, ताकि पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके। अन्यथा, इस तरह के विरोध पूरे छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों में भी फैल सकते हैं, जो अर्थव्यवस्था और सामाजिक माहौल के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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