छत्तीसगढ़ में अवैध खनन की अनकही कहानी

छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बसे बलरामपुर जिले के लिबरा गांव में 11 मई की रात रेत माफियाओं का आतंक देखने को मिला, अवैध रेत परिवहन की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंची पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर दिया गया।

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बसे बलरामपुर जिले के लिबरा गांव में 11 मई की रात रेत माफियाओं का आतंक उस समय देखने को मिला जब अवैध रेत परिवहन की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंची पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर दिया गया। इस हमले में कांस्टेबल शिव भजन सिंह की ट्रैक्टर से कुचलकर बेरहमी से हत्या कर दी गई।

हत्याकांड से दहशत में ग्रामीण

यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में किस हद तक अवैध रेत खनन फल-फूल रहा है। कांस्टेबल की शहादत के बाद से पूरे इलाके में गम और गुस्से का माहौल है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि यह घटना प्रशासन की लापरवाही और खनिज विभाग की निष्क्रियता का परिणाम है।

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हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

कांस्टेबल की हत्या के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए खनिज विभाग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया है कि जब इलाके में वर्षों से अवैध खनन हो रहा था, तब संबंधित विभाग क्या कर रहा था?

रेत के पहाड़ बन चुके हैं भंडारण स्थल

जानकारी के मुताबिक झारखंड के गढ़वा क्षेत्र में रेत का इस हद तक अवैध भंडारण हो चुका है कि अब उसे "रेत के पहाड़" कहा जा रहा है। घटना के बाद प्रशासन द्वारा इन अवैध भंडारण स्थलों को हटाने की कवायद शुरू की गई है।

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खनिज अधिकारी के तबादले के बाद भी नहीं हुए रिलीव

अवैध खनन के मुद्दे पर एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। खनिज अधिकारी अजय रंजन दास का तबादला 8 मई को रायगढ़ कर दिया गया था, लेकिन वे अब तक रिलीव नहीं हुए हैं। ऐसे में क्षेत्र में खनन कार्यों की निगरानी का कोई स्पष्ट जिम्मेदार नहीं है।

कलेक्टर की सफाई

जब इस घटना पर बलरामपुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा से पूछा गया, तो उन्होंने घटना को "निंदनीय" बताया और कहा कि कुछ शिकायतों पर पहले कार्रवाई की गई थी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सीमावर्ती क्षेत्र होने की वजह से निगरानी में दिक्कतें आती हैं, लेकिन अवैध रेत खनन पर रोक लगाने का आश्वासन दिया।

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आईजी की सख्ती, थाना प्रभारी निलंबित

सरगुजा रेंज के आईजी दीपक झा ने कार्रवाई करते हुए सनवाल थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है क्योंकि उन्होंने बिना पर्याप्त बल के कार्रवाई की अनुमति दी थी। आईजी खुद मौके पर मौजूद हैं और लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं। वहीं, मुख्य आरोपी अब भी फरार है और उसकी तलाश में कई टीमें जुटी हुई हैं। कुछ संदेहियों को हिरासत में लिया गया है।

कांस्टेबल की शहादत सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुस्ती और अवैध रेत कारोबार की गहराई को उजागर करती है। अब देखना होगा कि हाईकोर्ट के हस्तक्षेप और जनदबाव के बाद दोषियों पर क्या सख्त कार्रवाई होती है और अवैध खनन पर लगाम लग पाती है या नहीं।

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