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Vague reply in the Legislative Assembly on the Nursing Ready to Eat medicine scam : विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वे तमाम मुद्दे उठे जिन पर द सूत्र ने सवाल खड़े किए थे। सरकार के पास इन सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं था। इन सवालों पर सरकार ने गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। द सूत्र ने बिना आईएनसी की मान्यता के छत्तीसगढ़ में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों के मामले को परत दर परत उधेड़ा था।
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स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मान लिया कि कई कॉलेज ऐसे हैं जिनको आईएनसी ने आयोग्य माना है। यह सवाल एक बार नहीं आधा दर्जन बार उठाया गया। वहीं रेडी टू ईट को महिला स्वसहायता समूहों को घोषणा के बाद भी न देने पर भी सरकार घेरे में आई। दवा घोटाले के सवाल पर भी सरकार ने जांच का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। आइए आपको बताते हैं कि किस तरह द सूत्र के मुद्दों पर उठे सवालों पर सरकार ने किस तरह जवाब दिया।
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क्योंकि हम पालकी नहीं सवाल उठाते हैं :
द सूत्र ने पिछले कुछ दिनों में ऐसे मुद्दे उठाए जिन पर सरकार विधानसभा में घिरती नजर आई। इन मुद्दों पर कई विधायकों ने अलग-अलग सवाल लगाए, लेकिन सरकार जवाब गोलमोल ही रहा। द सूत्र ने नर्सिंग कॉलेजों की गड़बड़ियों को लेकर सिलसिलेवार कई खबरें एक के बाद एक दिखाईं। इन खबरों में जो सवाल उठाए गए थे वही सवाल विधायकों ने लगाए।
वहीं, घोषणा के एक साल बाद भी रेडी टू ईट का फैसला सरकार नहीं कर पाई। इस सवाल पर भी सरकार कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई। तीसरा मुद्दा था रीएजेंट खरीदी का। इस खरीदी में हुए घोटाले को भी सरकार ने जांच का मामला बता दिया। आइए आपको बताते हैं वे सभी मुद्दे जो द सूत्र ने उठाए थे।
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नर्सिंग घोटाला : इस मामले में विधायकों ने सवाल पूछा कि छत्तीसगढ़ में कितने नर्सिंग कॉलेज बिना आईएनसी की मान्यता के चल रहे हैं। लिखित जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने माना कि प्रदेश में 32 नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं, जिनको इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने चलने योग्य नहीं माना। इन कॉलेजों को छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता दी है।
प्रदेश में 131 नर्सिंग कॉलेज हैं जिनमें 8 सरकारी और 123 प्रायवेट कॉलेज शामिल हैं। इनमें से इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने 99 कॉलेजों को योग्य और 32 कॉलेजों को अयोग्य माना है। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल ने इनको मान्यता दे दी।
रेडी टू ईट : द सूत्र ने हाल ही में ये मुद्दा भी उठाया था कि सरकार एक साल बाद भी अपनी घोषणा पर अमल नहीं कर पाई है। अफसरों ने इस नाम पर सैर सपाटा भी कर लिया लेकिन योजना शुरु नहीं हो पाई। विधायकों ने पूछा कि क्या सरकार ने रेडी टू ईट को महिला स्वसहायता समूहों को सौंपने की घोषणा की थी और यह कब तक लागू हो जाएगी।
महिला एंव बाल विकास मंत्री ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में उन्होंने यह घोषणा की थी कि रेडी टू ईट बीज निगम से लेकर महिला स्वसहायता समूहों को सौंपी जाएगी। मंत्री ने माना कि इस योजना की जानकारी लेने के लिए एक अध्ययन दल कुछ राज्यों में गया था। इस अध्ययन दल की रिपोर्ट प्रक्रियाधीन है। यह योजना कब लागू होगी इसकी टाइम लिमिट बताना संभव नहीं है।
दवा खरीदी में घोटाला : द सूत्र ने पूरे डिटेल में रीएजेंट खरीदी में घोटाले का मामला बताया था। किस तरह मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने खरीदी में घोटाला किया है। यह सवाल भी विधायकों ने उठाए। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि उनके पास यह शिकायत आई थी।
इस पर जांच बैठाई गई है। जब यह जांच रिपोर्ट उनके पास आएगी तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। यानी महीनों बीतने के बाद भी अभी तक घोटाले की जांच भी पूरी नहीं हुई है।