विदेशी कंपनी की शराब सप्लाई के पीछे विजय का हाथ... 15 करोड़ से ज्यादा कमाया

भिलाई का फर्नीचर कारोबारी विजय भाटिया 6 जून तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेगा। ईओडब्ल्यू ने उसे सोमवार को कोर्ट में पेश कर एक हफ्ते की रिमांड मांगी थी।

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Kanak Durga Jha
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Vijay behind supply liquor foreign company earned more than 15 crores the sootr
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भिलाई का फर्नीचर कारोबारी विजय भाटिया 6 जून तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेगा। ईओडब्ल्यू ने उसे सोमवार को कोर्ट में पेश कर एक हफ्ते की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने चार दिन की रिमांड स्वीकृत की है। ईओडब्ल्यू ने उसे रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू की जांच में पता चला है कि विजय ने विदेशी कंपनी की शराब सप्लाई कर 15 करोड़ से ज्यादा कमीशन लिया। घोटाले के पैसे प्रॉपर्टी में लगाए हैं। इसकी जांच चल रही है। पकड़े जाने के पहले कारोबारी अपने परिवार के साथ ब्राजील जा रहा था। 

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इसके लिए वह दिल्ली पहुंचा था। पुलिस ने फ्लाइट पकड़ने के पहले ही उसे पकड़ लिया। विजय के खिलाफ ईडी ने पहले ही लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया था। ईडी की सूचना पर ईओडब्ल्यू विजय को पकड़ा गया है। विजय को ईओडब्ल्यू पिछले दो साल से फरार बता रही है। जबकि विजय कई बार पूर्व सीएम भूपेश बघेल के साथ रायपुर कोर्ट पहुंचा था। कई बार उसे शहर में घूमते देखा गया था। 

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पूर्व सीएम बघेल का करीबी है विजय - ईओडब्ल्यू 

ईओडब्ल्यू का दावा कि विजय पूर्व सीएम बघेल का करीबी है। वह शराब घोटाले में शामिल सिंडिकेट का अहम किरदार था। शराब में कमीशन कमाने के लिए तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया था। इसमें कारोबारी विजय भाटिया भी शामिल था। सिंडिकेट ने मोटा कमीशन कमाने के लिए शराब की नीति ही बदल दी। पुरानी नीति में पहले विदेशी शराब कंपनियां से छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन खरीदती थी। वहां से दुकानों में शराब की सप्लाई होती थी। 

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इससे सिंडिकेट को कमीशन नहीं मिल रहा था। इसलिए इस नीति को ही बदल दिया गया और एफाइल 10 ए लाइसेंस लाया गया। इसमें तीन कंपनियों नैक्सजेन पावर इंजीटेक, ओम साई वेबरेज और दीशिता वेंचर्स लिमिटेड को इसका लाइसेंस दिया गया। विजय ने अपने करीबी अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा के नाम पर ओम सांई बेवरेज लिमिटेड नामक कंपनी बनाई। इसकी 52 फीसदी हिस्सेदारी विजय ने खुद के पास रखी। यह कंपनी विदेशी दारू कंपनी से शराब खरीदती थी। इसमें अपना 10 प्रतिशत कमीशन जोड़कर सरकार को सप्लाई करती थी। 

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