जगदलपुर जिले के धरमपुरा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में पीलिया और डेंगू के मामले सामने आने से हड़कंप मच गया है। विद्यालय में पढ़ने वाले कई बच्चे इन गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो गए हैं। मंगलवार को करीब 10 बच्चे पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद मेकाज (मेडिकल कॉलेज) अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि यह सभी बच्चे पीलिया की चपेट में हैं। उनकी खून और अन्य जरूरी जांच की जा रही है, जिसके परिणाम के बाद सही उपचार की दिशा तय होगी।
अब तक की जानकारी के अनुसार, लगभग 25 छात्र पीलिया और 3 छात्र डेंगू से प्रभावित पाए गए हैं। बच्चों के बीमार होने का सिलसिला तब शुरू हुआ, जब वे सभी विद्यालय परिसर में रह रहे थे। जैसे-जैसे बीमार छात्रों की संख्या बढ़ती गई, विद्यालय प्रबंधन ने स्कूल में छुट्टी घोषित कर दी, ताकि स्थिति पर काबू पाया जा सके और बीमार बच्चों का उचित इलाज हो सके।
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बेमेतरा के ढाबा गांव में डायरिया का कहर, 111 मरीज
बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत ढाबा में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 5 दिनों में यहां 111 मरीज उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर स्वास्थ्य शिविर में पहुंच चुके हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि इस बीमारी से अभी तक किसी की मृत्यु नहीं हुई है, और जो लोग प्रभावित हुए थे, वे धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग अभी तक डायरिया के फैलने का सटीक कारण पता लगाने में असफल रहे हैं। गांव की सरपंच गीता नायक के अनुसार, गांव में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। स्वास्थ्य शिविर में मरीजों का इलाज जारी है और गांव में पानी के सभी स्रोतों की जांच की जा चुकी है।
गांव खारून नदी के किनारे बसा हुआ है, और स्थानीय लोगों का मानना है कि भूमिगत जल स्रोत से प्रदूषित पानी आने के कारण डायरिया का प्रकोप फैला हो सकता है। वहीं, विभागीय अधिकारियों का मानना है कि खान-पान में गड़बड़ी भी इस बीमारी के फैलने का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
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