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BHOPAL. गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने का विरोध कर कांग्रेस एक बार फिर BJP के निशाने पर आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि कांग्रेस ने इस्लामीकरण और ईसाईकरण की राह पकड़ ली है। सीएम शिवराज सिंह चौहान बोले कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का विरोध है। वहीं, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा, 'राष्ट्रद्रोही चरित्र को पहचानिए।' गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी कांग्रेस पर हमला बोला। दरअसल, केंद्र सरकार ने 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को देने की घोषणा की है। इस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को ट्वीट किया- केंद्र सरकार का यह फैसला सावरकर और नाथूराम गोडसे को सम्मान देने जैसा है।
उमा ने कहा- गीता प्रेस के योगदान के लिए नोबल पुरस्कार भी कम
उमा भारती ने ट्वीट किया, 'गीता प्रेस का भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व और अध्यात्म में हमेशा अद्वितीय योगदान रहा। हिंदू समाज के सभी धर्मग्रंथ सरल, त्रुटिहीन और कम कीमत पर उपलब्ध कराए। उनका किसी विवाद से कभी सरोकार नहीं रहा। उनके योगदान के लिए नोबल पुरस्कार भी कम पड़ेगा। जयराम रमेश जैसे स्तर के लोगों को शायद यही पता न हो कि गीता प्रेस में छपता क्या है? लगता है कि कांग्रेस ने इस्लामीकरण और ईसाईकरण की राह पकड़ ली है, बिना यह जाने कि ईसाई व मुसलमान जैसे समुदाय भी गीता प्रेस (गोरखपुर) के प्रति सम्मान का भाव रखते हैं। सोनिया गांधी अपने नेताओं के प्रति यदि सावधान न रहीं, तो कांग्रेस को वोट के बदले सिर्फ घृणा और तिरस्कार मिलेगा।'
यह भारत की संस्कृति, परंपरा और अध्यात्म का विरोध हैः शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'गीता प्रेस को मिल रहे सम्मान का विरोध करने वालों को देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। मैंने भी धार्मिक साहित्य का अध्ययन गीता प्रेस से प्रकाशित पुस्तकों को पढ़कर ही किया है। गीता प्रेस से प्रकाशित गीता और अन्य धार्मिक पुस्तकों ने देश में अध्यात्म को बढ़ाया है। कांग्रेस का गीता प्रेस को सम्मान देने का विरोध देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। यह भारत की संस्कृति, परंपरा और अध्यात्म का विरोध करना है।
गृहमंत्री ने कहा- जयराम रमेश जी, कांग्रेस पूर्वाग्रह से ग्रसित है
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'जयराम रमेश जी, कांग्रेस पूर्वाग्रह से ग्रसित है। गीता प्रेस जब से रामायण, गीता छाप रही है, तब भाजपा भी नहीं बनी थी। विकृत मानसिकता के लोग कभी-कभी कुछ भी बोल जाते हैं। प्रमोद कृष्णन ने ठीक कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में इटालियन कल्चर का कांग्रेस के अंदर प्रवेश हुआ। इटालियन कल्चर वाले समझ नहीं सकते कि गीता प्रेस की सनातन के लिए कितनी आवश्यकता है, कितनी महत्ता है। उनकी छापी गीता और रामायण हिंदुस्तान के हर घर के मंदिर में रखी रहती है। बस यही आपत्ति है, यही तुष्टिकरण की राजनीति है।'
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विश्व का सबसे बड़ा सम्मान मिलना चाहिएः उषा ठाकुर
भोपाल के मानस भवन में जगन्नाथ यात्रा में शामिल होने पहुंचीं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा, 'मेरी तो पूरे देश से प्रार्थना है कि इनके राष्ट्रद्रोही चरित्र को पहचानें। ये सावरकर की पट्टिका उखाड़ने को कटिबद्ध हो जाते हैं। यदि गीता प्रेस नहीं होती, तो मुझे लगता है कि सनातन का सारा साहित्य हम तक पहुंच ही नहीं पाता। जिस भाव से गीता प्रेस सेवा करता है, उनको तो देश और विश्व का सबसे बड़ा सम्मान मिलना ही चाहिए।'
मैं खुद गीता प्रेस की किताबें पढ़ता हूंः जयवर्धन सिंह
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के गीता प्रेस के विरोध में ट्वीट पर एमपी कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि मैं खुद गीता प्रेस की किताबें पढ़ता हूं। पूजा पाठ करते वक्त किताबें पढ़ता हूं। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। कांग्रेस मीडिया विभाग को निर्देश है कि गीता प्रेस पर कोई बयान न दें।