मध्यप्रदेश में पंचायत पदाधिकारियों के मानदेय में तीन गुना वृद्धि होगी; भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वर्चुअली किया संवाद

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश में पंचायत पदाधिकारियों के मानदेय में तीन गुना वृद्धि होगी; भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वर्चुअली किया संवाद

BHOPAL. शिवराज ने आज समत्व भवन, मुख्यमंत्री निवास से वीसी द्वारा सिंगल क्लिक के माध्यम से मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत प्रदेश के 26 हजार 150 श्रमिकों को 583.36 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किया और पंचायतराज प्रतिनिधियों से संवाद किया। संवाद में प्रदेश के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों सहित जिला एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक परिवारों को प्राप्त सहायता राशि उनके लिए संबल साबित होगी। जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, उप सरपंच, पंच आदि के मानदेय में लगभग 3 गुना वृद्धि की जा रही है। इसके साथ ही वाहन भत्ता भी बढ़ाया जाएगा। शीघ्र ही इस संबंध में आदेश जारी होंगे। निर्विरोध चुनी गई 705 पंचायतों को 55 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि जारी कर दी गई है।




— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) July 11, 2023



पंचायत पदाधिकारियों के मानदेय और अन्य सुविधाओं में होगी बढ़ोतरी 




  • जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और उप सरपंच एवं पंच के मानदेय में लगभग 3 गुना वृद्धि की जाएगी।


  • जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 11 हजार 100 रुपए से बढ़ाकर 35 हजार रूपए, वाहन भत्ता 43 हजार से बढ़ाकर 65 हजार रुपए किया जाएगा। अब जिला पंचायत अध्यक्ष को 54 हजार 100 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर एक लाख रुपए प्रतिमाह मानदेय, वाहन भत्ता सहित मिलेगा।

  • जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 9 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 28 हजार 500 रुपए, वाहन भत्ता 9 हजार से बढ़ाकर 13 हजार 500 रुपए किया जा रहा है। अब जिला पंचायत उपाध्यक्ष को 18 हजार 500 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर 42 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय वाहन भत्ता सहित मिलेगा।

  • जनपद पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 6 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 19 हजार 500 रुपए प्रतिमाह किया जा रहा है।

  • जनपद पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 4 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 13 हजार 500 रुपए प्रतिमाह किया जा रहा है।

  • सरपंच का मानदेय 1 हजार 750 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 4 हजार 250 रुपए प्रतिमाह किया गया है।

  • उप सरपंच और पंच को 600 रुपए वार्षिक मानदेय मिलता है, जिसे 3 गुना बढ़ाकर 1800 रुपए किया जा रहा है।



  • संबल 2.0 में 17 लाख पात्रों के नाम जोड़े



    मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज संबल योजना में दी गई राशि से मजदूर परिवारों की आजीविका की गाड़ी चल सकेगी। संबल योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। 16 मई 2022 को मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल 2.0) लागू की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को प्रारंभ करने का विचार ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती और शिशुवती माताओं की तकलीफ देखने के पश्चात उनके मन में आया था। संबल योजना श्रमिक परिवारों की महिलाओं को प्रसूति के पूर्व 4 हजार और प्रसूति के पश्चात 12 हजार रुपए की राशि प्रदान कर राहत देती है। दुर्घटना में असामयिक मृत्यु पर 4 लाख रुपए और सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपए का प्रावधान है। स्थायी अपंगता पर 2 लाख और सामान्य अपंगता पर भी एक लाख रुपए का प्रावधान है। अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रूपए की राशि सहायता स्वरूप दी जाती है।



    श्रमिकों के बच्चों को निशुल्क कौशल प्रशिक्षण मिलेगा



    शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में श्रमोदय विद्यालय भी संचालित हैं। जिनमें पब्लिक स्कूल की तरह आवश्यक सुविधाएं हैं। विद्यार्थियों को आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध है। प्रदेश में एक करोड़ 57 लाख पंजीयन किए जा चुके हैं। संबल 2.0 योजना में अब तक प्रदेश में 4 लाख 68 हजार से अधिक परिवारों को 4211 करोड़ रूपए से अधिक की सहायता अंत्येष्टि तथा अनुग्रह सहायता के रूप में दी जा चुकी हैं। मप्र भवन और अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए नए आईटीआई प्रारंभ कर रहा है। यहां श्रमिकों के बच्चों को निशुल्क कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। मंडल ने वर्ष 2008-09 से अब तक 5 लाख 86 हजार से अधिक परिवारों को विभिन्न योजनाओं में 35 करोड़ 77 लाख से अधिक का हितलाभ दिया है।



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    एक माह में करीब एक हजार नवीन कार्य स्वीकृत किए गए हैं



    अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव ने प्रेजेंटेशन में बताया कि प्रदेश में एक अप्रैल 2023 से मजदूरी की पुनरीक्षित दर 221 रुपए लागू हैं। जून माह में मध्यप्रदेश को योजना की दो किश्तें प्राप्त हो चुकी हैं। समय पर राशि प्राप्त होने से श्रमिकों के भुगतान में आसानी हुई है। मजदूरी के पुराने भुगतान भी लंबित नहीं हैं। प्रदेश में वर्तमान में 11 लाख 75 हजार 792 कार्य चल रहे हैं। इनमें हितग्राही मूलक कार्यों की संख्या 8 लाख 73 हजार 163 है। सामुदायिक कार्यों की संख्या 3 लाख 2 हजार 629 है। इन कार्यों में चेक डैम, स्टॉप डैम, अमृत सरोवर आदि शामिल हैं। सुदूर खेत सड़क के 11 हजार 685 कार्यों पर एक हजार 523 करोड़ रूपए की राशि व्यय हुई है। पूर्व वर्षों के करीब ढाई हजार सुदूर खेत सड़क (पुल-पुलिया सहित) कार्य भी पूर्ण कर लिए गए हैं। एक माह में करीब एक हजार नवीन कार्य स्वीकृत किए गए हैं। मनरेगा में इस वित्त वर्ष में समय से मजदूरी का भुगतान प्रतिशत 99.43 है। प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर निर्माण के लक्ष्य के अनुसार प्रदेश में 5936 अमृत सरोवरों का कार्य शुरू हुआ। अब तक 4806 कार्य पूरे हो गए हैं। मध्यप्रदेश देश में इस कार्य में द्वितीय स्थान पर है।


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