मध्य प्रदेश में पहली बार 132 केवी क्षमता का गैस इंसुलेटेड इनडोर सब स्टेशन बनाया जाएगा, जो अपनी अनूठा डिजाइन और हाइब्रिड लाइन के वजह से राज्य का पहला हाइब्रिड सब स्टेशन बनेगा। यह सब स्टेशन भोपाल स्थित मंत्रालय के पास बनेगा और इसकी बिजली सप्लाई सिस्टम को तीन तरह से बिछाया जाएगा।
हाइब्रिड लाइन का इस्तेमाल
भोपाल के गांव मुगालिया छाप में 220 केवी कैपेसिटी के एक्स्ट्रा हाई टेंशन सब स्टेशन से 50 किलोमीटर (सर्किट) लाइन बिछाई जाएगी। इसमें साधारण खंभों, मोनो पोल और अंडरग्राउंड लाइन का इस्तेमाल होगा, जिससे इसे "हाइब्रिड लाइन" कहा जाएगा। यह सिस्टम सब स्टेशन में फॉल्ट की संभावना को कम से कम कर देगा और इसके बनने के बाद क्षेत्र में बिजली सप्लाई की स्थिरता (Stability) बढ़ेगी।
मोनो पोल और अंडरग्राउंड लाइनों का निर्माण
इस हाइब्रिड लाइन को सपोर्ट करने के लिए पारंपरिक खंभों के साथ-साथ सड़क के डिवाइडर के बीच मोनो पोल लगाए जाएंगे। मंत्रालय के पास इस सब स्टेशन तक 132 केवी कैपेसिटी की डबल सर्किट एक्स्ट्रा हाई टेंशन लाइन अंडरग्राउंड होगी, जिससे बिजली की सप्लाई प्रणाली सुरक्षित और मजबूत होगी।
सब स्टेशन का कंस्ट्रक्शन और मेंटेनेंस
इस प्रोजेक्ट का कांस्ट्रक्शन हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग कंपनी कर रहा है और यह कंपनी अगले 35 सालों तक सब स्टेशन का मेंटेनेंस भी करेगी। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि ये एक्सपेरिमेंट प्रदेश में पहली बार किए जा रहे हैं।
वीआईपी इलाकों में पावर सप्लाई की स्थिरता
नया सब स्टेशन बनने से मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल, विधानसभा, 74 बंगले, मालवीय नगर और दूसरे वीआईपी इलाकों में बिजली सप्लाई की स्थिरता सुनिश्चित होगी। इसके निर्माण के बाद इन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा और फॉल्ट की स्थिति में कमी आएगी।
/sootr/media/media_files/2024/12/18/NBzkOBp79aszKoPYeGEF.jpg)
2060 तक की बिजली सप्लाई की योजना
यह सब स्टेशन वर्ष 2060 तक की बिजली जरूरत को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इससे राज्य के प्रमुख क्षेत्रों में बिजली की सप्लाई बेहतर होगी, और आगामी दशकों तक बिजली आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित होगी।
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें