होलकर कॉलेज के बंधक बने 150 प्रोफेसर्स  के दहशत में गुजरे 30 मिनट

'द सूत्र' ने जब कॉलेज में हुए हंगामे के सीसीटीवी फुटेज देखे तो नजर आया कि छात्र नेताओं और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के हाथ में डंडा है और कुछ लोग लकडिय़ों को तोडक़र डराने के उद्देश्य से हाथ में लकडिय़ा लेकर प्रिंसिपल के कक्ष में ले जा रहे हैं।

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Reena sharma vijayvargiya
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Holkar College spent 30 minutes terror
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INDORE. इंदौर के होलकर कॉलेज में सोमवार को छात्र नेता और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर्स को पूरे 30 मिनट तक बंधक बनाकर रखा था इस मामले को कलेक्टर आशीष सिंह ने संज्ञान में ले लिया है और चौबीस घंटे में मामले की जांच एडीएम को सौंपी है। 

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ऐसा लग रहा था की कब हॉल में से निकले 

इस बारे में जब कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर अनामिका जैन से द सूत्र ने चर्चा की तो उन्होंने सोमवार को हुए पूरे घटना क्रम की आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा सोमवार को कॉलेज के प्रोफेसर्स के साथ कॉलेज के यशवंत हॉल में हमारी मीटिंग चल रही थी तब ही अचानक से लाइट चली गई पहले हमें ये बात सामान्य लगी लेकिन कुछ ही देर में हॉल के बाहर से बहुत तेज-तेज नारेबाजी की आवाजें आने लगी, खिड़की में देखा तो करीब 25 से भी ज्यादा छात्र हंगामा कर रहे थे कुछ ही देर में उन्होंने हॉल के दरवाजे पर दो लोहे के सरिए लगाकर हॉल सील कर दिया और पता चला की लाइट भी उन्होंने ही कट की है। करीब आधे घंटे तक 150 प्रोफेसर्स में थे। शुरुआत में सभी बहुत डर रहे थे तब मैंने सभी को समझाया। सभी छात्र बहुत ही अभद्र शब्दों का प्रयोग कर रहे थें। जैसे-तैसे हमने एक खिड़की खोली और एक-एक करके वहां से निकले और सभी प्रोफेसर्स अपनी-अपनी कक्षा में गए तब मैं भी अपने कक्ष में आ गई। प्रिंसिपल ने बताया, वे सभी छात्र नेता और एबीवीपी के कार्यकर्ता थे और सभी 7 मार्च को कॉलेज परिसर में होली का कार्यक्रम करना चाहते थे जिसकी अनुमति मैंने नहीं दी थी जिसके चलते उन्होंने ये हंगामा किया।

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मुझसे बोले- अपनी कुर्सी बचाकर रखना 

प्रिंसिपल ने बताया की कक्ष में आते ही वे सभी यहां भी आ गए और जोर-जोर से नारे लगाने लगे और बोलने लगे की अपनी कुर्सी बचाकर रखना, आपको पता भी नहीं है कि हम किसके दम पर यहां तक पहुंचे है। कक्ष में अनुशासन समिति भी मौजूद नहीं थी उस दौरान भंवरकुआ थाने के टीआई को स्टॉफ भेजने के लिए कहा और उन्होंने उन्हें बाहर निकाला। 

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 एक माह से बना रहे थे दबाव 

पिछले एक माह से एबीवीपी के कार्यकर्ता कॉलेज में होली का इवेंट करने के लिए दबाव बना रहे थे उन्होंने बाहर की कुछ संस्थाओं से स्पांसरशिप भी ली थी और कॉलेज परिसर में जगह-जगह पोस्टर्स भी लगा दिए थे और कहने लगे की हम रेन डांस भी करेंगे। इस आयोजन के लिए उन्होंने प्रति स्टूडेंट 150 रुपए का टिकट भी रखा था लेकिन मुझे ये नामंजुर था इसलिए मैंने इस आयोजन की मैंने अनुमति नहीं दी, जिसके चलते उन्होंने ये उपद्र मचाया।

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कई शिक्षक हार्ट पेशेंट

कॉलेज प्रिंसिपल के मुताबिक जिन 150 प्रोफेसर्स को बंधक बनाया गया था उसमें कई हार्ट पेशेंट्स है। कैंसर पेशेंट्स भी थे। जिसके चलते हमें चिंता हो रही थी कहीं किसी की तबीयत ना बिगड़ जाए लेकिन लगातार हम सभी एक-दूसरे का हौसला बढ़ा रहे थे और कुछ ही देर में हम एक-एक कार हॉल के बाहर आ गए। 

 एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल से किए सवाल

1. किससे पूछकर हटाएं पोस्टर?
2. आपने पोस्टर में हमारा नाम नहीं पढ़ा?
3. आप जानते नहीं हो हम कौन है?

प्रोफेसर्स ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

होलकर कॉलेज के सभी प्रोफेसर्स ने सोमवार को हुए उनके अपमान को लेकर मंगलवार को अनुशासन समिति की बैठक आयोजित की और सभी ने ये निर्णय लिया की उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और सभी ने विरोध जताते हुए काली पट्टी बांधकर अपना कार्य जारी रखा।

माफी मांगने की कर रहे कोशिश

प्रिंसिपल ने कहा किसी के माध्यम से पता चला है कि अभद्र व्यवहार करने वाले छात्र माफी मांग कर मामले को रफा-दफा करना चाहते हैं लेकिन मैं तीन माह से बहुत सहन कर रही हूं ये लोग लगातार ही किसी न किसी बात को लेकर दबाव बनाते रहते हैं, इन्हें किसी भी कीमत पर माफी नहीं दी जाएगी। उनके इस तरह के व्यवहार को हम नजर अंदाज नहीं करेंगे। जिस तरह से उन्होंने शिक्षकों का अपमान किया है वो माफी के योग्य नहीं है। 

जोर-जोर से ठोक रहे थे दरवाजा-खिड़की 

हम सभी की मीटिंग चल रही थी  उसी दौरान कुछ छात्रों ने हंगामे और नारेबाजी करना शुरू कर दी। कुछ देर के लिए सभी बहुत डर गए, क्योंकि उन्होंने दरवाजा सील कर दिया और जोर-जोर से दरवाजा-खिड़की ठोकने लगे। जैसे-तैसे हम सभी प्रोफेसर्स खिड़की से एक-एक करके बाहर निकले। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

डॉ. दीप्ती कमलपुरिया, फैकल्टी

हमें अंदर से दरवाजा बंद करना पड़ा

छात्रों के आते ही हम बहुत डर गए थे इसलिए हमने अंदर से दरवाजे-खिड़की बंद कर लिए थे। सभी छात्रों ने बहुत गलत व्यवहार किया है। शिक्षकों के साथ ऐसा व्यवहार करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाना चाहिए।

डॉ. प्रीति बर्वे, फैकल्टी

काफी देर तक चला धरना प्रदर्शन

छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होना चाहिए, ताकि ऐसा अभद्र व्यवहार कभी किसी शिक्षक के साथ न हो। हम सभी प्रोफेसर्स आधे घंटे तक दहशत में थे। 

डॉ. विनय दशोरे, फैकल्टी

हाथ में डंडा लेकर पहुंचे प्रिंसिपल के कक्ष 

'द सूत्र' ने जब कॉलेज में हुए हंगामें के सीसीटीवी फुटेज देखे तो नजर आया कि छात्र नेताओं और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के हाथ में डंडा है और कुछ लोग लकडिय़ों को तोडक़र डराने के उद्देश्य से हाथ में लकडिय़ा लेकर प्रिंसिपल के कक्ष में ले जा रहे हैं।

 

 

 

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