होलकर कॉलेज में छात्रों को रेन डांस की नहीं मिली मंजूरी, 150 प्रोफेसर बनाए गए बंधक
छात्र नेता व एबीवीपी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पूरे परिसर में शर्मा कोचिंग के सहयोग से आयोजन के पोस्टर लगा दिए। कॉलेज प्रशासन ने इन्हें हटवाया तो छात्र नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया।
इंदौर के प्रतिष्ठित सरकारी होलकर कॉलेज में सोमवार को छात्र नेताओं ने 150 प्रोफेसरों को बंधक बना लिया। उन्होंने प्रोफेसरों को कॉलेज के ही एक हॉल में बंद कर दिया और फिर बाहर से दरवाजा बंद करके नारेबाजी करने लगे। इस दौरान हॉल की बिजली भी बंद कर दी। आधे घंटे तक यह हंगामा चलता रहा। फिर जैसे–तैसे एक कर्मचारी ने गेट खोला तब सभी बाहर आ सके। इस मामले में प्राचार्य ने कलेक्टर से मिलकर उन्हें भी सारी जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि विवाद की मूल वजह पोस्टर हटाना नहीं, बल्कि उन्होंने रेन डांस की मंजूरी मांगी थी। इससे सभी प्रोफेसरों में खासी नाराजगी थी।
कुछ दिन पहले कुछ छात्र नेता व एबीवीपी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने मैदान में 7 मार्च को होली सेलिब्रेशन की अनुमति मांगी थी। सोमवार को पूरे परिसर में शर्मा कोचिंग के सहयोग से आयोजन के पोस्टर लगा दिए गए। कॉलेज प्रशासन ने इन्हें हटवाया तो छात्र नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच प्राचार्य फैकल्टी की मीटिंग के लिए यशवंत हॉल गईं तो छात्र नेता वहां भी पहुंच गए। नारेबाजी करने लगे।
जब प्राचार्य डॉ. अनामिका जैन कॉलेज के यशवंत हॉल में मीटिंग के लिए पहुंचीं, तो हंगामा कर रहे छात्र नेता भी उनके पीछे–पीछे वहां पहुंच गए। प्राचार्य हॉल में पहुंचीं और शोर होने के कारण उन्होंने भीतर से दरवाजा बंद करा दिया तो छात्र नेताओं ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। वे लोग दरवाजे को खोल ना पाएं इसके लिए एक लकड़ी भी गेट पर लगा दी। साथ ही मेन स्विच ऑफ कर बिजली गुल कर दी। लगातार चिल्लाने पर भी आधे घंटे तक दरवाजा नहीं खोला। कर्मचारी ने खिड़की से निकल कर दरवाजा खोला तब सभी बाहर निकल पाए। छात्र नेताओं ने बाद में प्राचार्य कक्ष में भी हंगामा किया।
कॉलेज परिसर में हो रहे आयोजन से सभी नाराज
घटना को लेकर कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अनामिका जैन ने बताया कि उन्होंने सुरक्षा कारणों से आयोजन की मंजूरी नहीं दी थी। इसके बावजूद बिना अनुमति के लगाए गए पोस्टर हटाए थे। इसमें किसी शर्मा कोचिंग को स्पॉन्सर बना दिया गया था। इसको लेकर फैकल्टी व प्रोफेसरों में काफी नाराजगी है। इसके संबंध में प्रशासन को अवगत कराया गया है।
एबीवीपी से जुड़े छात्र नेताओं का कहना है कि वे पहले प्राचार्य से इस आयोजन को लेकर अनुमति लेने गए थे। पहले अनुमति दी गई, उसी के बाद पोस्टर लगाए गए। इसके बाद उन्होंने बिना कारण बताए पोस्टर हटवा दिए थे। हमने जब इसका कारण पूछा तो प्राचार्य बात करने के बजाय मीटिंग में चली गई थी।