यशवंत क्लब में अतुल सेठ के बेटे का हंगामा, सस्पेंड, सचिव को कलेक्टर की फटकार

सेठ ने शनिवार के दिन रेस्त्रां, कार्ड रूम व अन्य जगहों पर स्टाफ के साथ किसी बात को लेकर जमकर विवाद किया। यहां क्लब सदस्य परिवार के साथ भोजन कर रहे थे जिसमें उन्होंने जमकर गालियां दी और स्टाफ के साथ झूमाझटकी की

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Sanjay Gupta
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Yashwant Club Atul Seth
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Indore. यशवंत क्लब की सदस्यता विवाद को लेकर 'द सूत्र' के लगातार खुलासे के बाद क्लब की मैनेजिंग कमेटी घेरे में हैं। उधर अब क्लब में एक नया विवाद हो गया है। पम्मी छाबड़ा की पैनल से चुनाव लड़े और जीते पूर्व सह सचिव अतुल सेठ के बेटे सिदार्थ ने जमकर बवाल काटा है, लेकिन अब मैनेजिंग कमेटी में टोनी-गोरनी पैनल के करीब आ चुके अतुल सेठ के बेटे पर अपनी कृपा रखते हुए केवल 7 दिन के लिए सस्पेंड किया गया।

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यह किया सिदार्थ सेठ ने

सेठ ने शनिवार के दिन रेस्त्रां, कार्ड रूम व अन्य जगहों पर स्टाफ के साथ किसी बात को लेकर जमकर विवाद किया। यहां क्लब सदस्य परिवार के साथ भोजन कर रहे थे जिसमें उन्होंने जमकर गालियां दी और स्टाफ के साथ झूमाझटकी की और मारने की धमकी दी। यह भी कहा कि पूछ लेना टोनी अंकल (चेयरमैन) और पम्मी अंकल (पूर्व चेयरमैन) से मैं कौन हूं।

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सात दिन की दिखावटी कार्रवाई

इस तरह के अनुशासनहीनता में क्लब सामान्य तौर पर 30 से लेकर 120 दिन के लिए बाहर करता है लेकिन इस मामले में क्योंकि अतुल सेठ पाला बदलकर मैनेजिंग कमेटी के करीबी हो चुके हैं। इसलिए केवल सात दिन की दिखावटी कार्रवाई करते हुए मामले को ठंडा कर दिया।

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अब इधर यह करने में जुटे सचिव

उधर क्लब की सदस्यता मामले को लेकर सात सदस्यों के हस्ताक्षर से कलेक्टर आशीष सिंह को शिकायत हुई थी जिसकी जांच भी कलेक्टर ने कराई थी। इसमें से पांच सदस्यों ने शिकायत वापस ले ली। वहीं गिरीश और रणधीर द्वारा शिकायत पर हस्ताक्षर होने को लेकर कुछ दिन बाद सचिव को पत्र सौंपा। लेकिन क्योंकि यह दूसरी पैनल से जुड़े हैं, तो सचिव गोरानी ने यह जवाब लेने से ही इंकार कर दिया और इनके खिलाफ अनुशासन कमेटी बैठा दी, जिसमें सोमवार को पेश होने के लिए दोनों को कहा है। बताया जा रहा है कि इन्हें 30 से 120 दिन तक सस्पेंड कर दूसरे गुट को चेतावनी देने की कोशिश हो रही है।

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कलेक्टर को पता चला तो लगाई फटकार

इस मामले में कलेक्टर आशीष सिंह को मामले की जानकारी लगी कि शिकायत करने वालों के साथ यह हो रहा है। इस पर उन्होंने सचिव संजय गोरानी को फोन किया और जमकर फटकार लगाई। गोरानी ने इस पर सफाई दी कि यह अनुशासन कमेटी देखती है, हमारा इसमें कोई रोल नहीं रहता है। इस पर सिंह संतुष्ट नहीं हुए और कहा कि यह सभी व्यर्थ की बात है, कमेटी ही है, कोई कोर्ट तो नहीं है। क्लब में यदि कुछ हो रहा है और कोई शिकायत करना चाहता है तो, इसकी जांच होती है तो इसमें गलत क्या है। इस तरह की परंपरा क्यों डाली जा रही है कि किसी ने कलेक्टर को शिकायत की तो उसे अलग तरह से लेकर उस पर एक्शन लिया जा रहा है। यह ठीक नहीं है। यदि इस तरह क्लब में कुछ गलत होता है तो मैं नियमों के अनुसार कार्रवाई करूंगा। गोरानी ने मामले को देखने की बात तो कलेक्टर से कही थी लेकिन इसमें फिर क्लब ने गुरुवार को दोनों सदस्यों को फोन कर अनुशासन कमेटी के सामने सोमवार को पेश होने की सूचना दे दी।

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