संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग ( MPPSC ) द्वारा 1669 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए दिसंबर 2022 में विज्ञापन निकला था। परीक्षा शेड्यूल की बात करें तो पहला चरण जनवरी 2024 में होना था, लेकिन अभी तक इस परीक्षा के कोई ठिकाने नहीं है। पहला चरण तीन मार्च को 826 पदों के लिए होना था, लेकिन वह हाईकोर्ट में उम्र छूट सीमा केस के चलते स्थगित हो गया। आयोग ने घोषित किया था जून और नवंबर में बाकी पदों के लिए अन्य दो चरणों में परीक्षा होगी ( MP PSC )। लेकिन कुल मिलाकर यह तीनों (मार्च, जून और नवंबर के) चरण और सभी 1669 पदों पर भर्ती परीक्षा अटक गई है।
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सरकार तय ही नहीं कर पा रही कि उसे करना क्या है?
ग्वालियर हाईकोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता की याचिका पर आयोग के आदेश दिया है कि दस साल की उम्र छूट सीमा के शासन के नोटिफिकेशन के हिसाब से उसे परीक्षा में बैठने की मंजूरी दी जाए। इस मामले में पीएससी के आवेदन पर रिव्यू करने के बाद ग्वालियर हाईकोर्ट ने आवेदन को खारिज कर दिया। इसके बाद मप्र शासन को तय करना है कि उन्हें इस आदेश के खिलाफ रिट लगाना है या फिर ग्वालियर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए फिर से आवेदन की विंडो खोलते हुए सभी को 10 साल की छूट का फायदा देना है।
पीएससी लिख चुका है सरकार को चिट्ठी
यह पूरा मामला नीतिगत है। इसके लिए पीएससी ने औपचारिक तौर पर मप्र शासन को चिट्ठी लिख दी है। शासन स्तर पर ही तय होना है कि उम्र छूट सीमा देना है या फिर रिट लगाना है। पीएससी के ओएसडी डॉ. रविंद्र पंचभाई ने द सूत्र को बताया कि आयोग शासन को इस संबंध में पत्र लिख चुका है। वहां से जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी, क्योंकि यह नीतिगत मैटर है। उम्र सीमा में छूट का जो आदेश है, उस पर जब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं आते, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा अभी नहीं करा सकते हैं।
पीएससी ने 27 फरवरी को यह जारी की थी सूचना
सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल व क्रीडा अधिकारी परीक्षा 2022, दिनांक तीन मार्च को किया जाना प्रस्तावित था। अपरिहार्य कारणों से यह परीक्षा आगामी आदेश तक स्थगित की जाती है और इसकी नई तिथि अलग से आयोग द्वारा वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी।
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यह है मामला-
क्या है ग्वालियर हाईकोर्ट का आर्डर
ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता रश्मि चौधरी (उम्र 52 साल) ने तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान द्वारा अतिथि शिक्षकों को भर्ती परीक्षा में दी गई उम्र में दस साल की छूट (6 अक्टूबर 2023) का हवाला देकर असिस्टेंट भर्ती परीक्षा में शामिल होने की मांग की, जिसे ग्वालियर हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया और याचिकाकर्ता को पात्र बताया और फार्म भरने के लिए पत्रा बताते हुए कहा कि पीएससी अतिथि विद्वानों के फार्म मंजूर करे। याचिकाकर्ता के वकील प्रतीप विसोरिया ने तर्क दिया था कि आयोग ने 20 दिसंबर 2022 को नोटिफिकेशन किया था, इसके अनुसार 48 साल वाले तक ही अतिथि विद्वान इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। 6 अक्टूबर 2023 को शासन ने दस साल की छूट दी यानि 58 साल तक के एसटी, एससी, ओबीसी महिला अतिथि विद्वान भी भर सकते हैं।
पीएससी ने यह कहकर लगाई थी आपत्ति
वहीं पीएससी ने इस मामले में ग्वालियर हाईकोर्ट को जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा याचिका 875/2024 में 11 जनवरी 2024 को दिए गए डबल बैंच के फैसले का हवाला दिया। इस फैसले में भी याचिकाकर्ता ने उम्र छूट की मांग की थी, जिसमें डबल बैंच ने कहा कि उम्र में छूट अक्टूबर 2023 में दी है और परीक्षा का नोटिफिकेशन दिसंबर 2022 में हुआ है, ऐसे में भूतकाल से जाकर उम्र की छूट का लाभ नहीं दिया जा सकता है। जब जबलपुर हाईकोर्ट में यह फैसला हुआ तो फिर आयोग ने अपील की है ग्वालियर हाईकोर्ट को याचिकाकर्ता रश्मि चौधरी के मामले में दिए गए फैसले को रिव्यू करे। लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने यह कहते हुआ पीएससी का आवेदन खारिज कर दिया कि हम अपने ही आदेश को रिव्यू नहीं कर सकते हैं।