/sootr/media/media_files/2025/07/24/ratapani-tiger-reserve-bike-rally-2025-07-24-16-40-36.jpg)
Photograph: (The Sootr)
सरकारी सिस्टम में कामकाज की महिमा ही न्यारी है। सरकार का कोई कार्यक्रम हो या कल्याणकारी योजना। प्रशासनिक अमला इन्हें जमीन पर उतारने से पहले अपने लाभ का गणित जरूर लगाता है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के भोपाल वन मंडल में सामने आया। जब एक घंटे के सरकारी कार्यक्रम में आयोजक अफसरों ने 7लाख रुपए सिर्फ पेट्रोल खर्च के नाम पर उड़ा डाले।
ये खबर भी पढ़िए...8 हजार एकड़ के राजा बरारी इस्टेट जंगल पर कब्जा, सरकार बेबस, संस्था मालामाल!
रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण
मौका था बीते दिसंबर में रातापानी टाइगर रिजर्व के लोकार्पण का। इसे जन कल्याण पर्व नाम दिया गया। भोपाल वन मंडल की ओर से इस आयोजन पर करीब 27 लाख रुपए खर्च होना बताया गया। इसका खुलासा आरटीआई में मिली जानकारी के आधार पर वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने किया। दुबे ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर इस शाही खर्च के लिए जिम्मेदार वन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने व सक्षम एजेंसी से जांच कराने की मांग भी की।
दुबे ने बताया कि महज एक घंटे के इस कार्यक्रम के लिए भोपाल,रायसेन व सीहोर से 5सौ बाइकर्स की रैली प्लान की गई। इनकी बाइक में 6 हजार 644 लीटर पेट्रोल भरना बताया गया। यानी एक-एक बाइक में 13 लीटर से अधिक पेट्रोल भरा जाना बताया गया। जबकि एक सामान्य बाइक के पेट्रोल टैंक की भंडारण क्षमता ही 5 से 10लीटर होती है। बाइकर्स के पेट्रोल खर्च पर वन अधिकारियों ने सात लाख रुपए खर्च किए।
भोपाल में एक घंटे के कार्यक्रम में लाखों के खर्च पर एक नजर...
|
ये खबर भी पढ़िए...272 एकड़ में फैले हरदा के श्री गंगेश्री मठ में संघ की एंट्री, महंत परंपरा खत्म
11.50 लाख का भोजन, ढाई लाख के हेलमेट बांटे
कार्यक्रम में बाइकर्स पांच सौ बुलाए जाने का दावा है,लेकिन भोजन पांच हजार लोगों को कराया गया। इस पर प्रति मेहमान की दर से करीब साढ़े 11 लाख रुपए खर्च हुए। वहीं सवा दो लाख के हेलमेट बाइकर्स को दिए गए तो साढ़े पांच लाख रुपए कार्यक्रम स्थल पर टेंट लगाने में खर्च हो गए।
विभागीय भुगतान बिलों में बाइकर्स व भोजन ग्रहण करने वालों की संख्या का गणित एकदम पुख्ता है,जबकि सूत्रों का दावा है कि कार्यक्रम में न तो 5सौ बाइकर्स जुटे,ना ही 5हजार की भीड़। राह चलते तमाशबीनों को मेहमान बताकर यह आंकड़ा तैयार किया गया।
ये खबर भी पढ़िए...दो दर्जन आईएफएस के खिलाफ 31 शिकायतें, अफसरों ने किया जंगल में मंगल
4 लाख करोड़ के कर्जदार मप्र के अफसरों का शाही अंदाज
दुबे कहते हैं,मध्य प्रदेश चार लाख करोड़ के कर्ज में डूबा है। प्रदेश को इससे उबारने सीएम मोहन यादव रात दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं। दूसरी ओर अफसरशाही का यह शाही अंदाज हैरत पैदा करता है। इसके चलते उन्होंने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शुभ रंजन सेन और भोपाल डीएफओ लोकप्रिय भारती को तत्काल हटाकर लोकायुक्त से समूचे मामले की जांच कराने की मांग की है।
ये खबर भी पढ़िए...MP News: वन विभाग में करोड़ों का घोटाला, कागजों में बांस रोपण, हकीकत में गबन
जानें क्या रातापानी टाइगर रिजर्व भोपाल का हिस्सा है?
रातापानी टाइगर रिजर्व, जो पूरी तरह से रायसेन जिले में स्थित है, भोपाल वन मंडल का हिस्सा नहीं है। यह रिजर्व सीहोर जिले के कुछ हिस्सों में भी फैला हुआ है। बावजूद इसके, भोपाल में आयोजित इस कार्यक्रम में इसे भोपाल के वन मंडल का हिस्सा बताया गया, जिससे कई सवाल खड़े हो गए।
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स औरएजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃
🤝💬👩👦👨👩👧👧👩