बैकलॉग में 14 साल से उलझे उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 4500 पद, भर्तियां निकली, लेकिन खाली रह गए पद

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। भर्ती प्रक्रिया के बावजूद हजारों पद बैकलॉग में फंसे हुए हैं। 2011 से 2025 तक कई बार भर्ती निकाली गई। बैकलॉग के कारण नियुक्तियां नहीं हो पाईं। 2022 में 7591 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी झेल रहे हैं। भर्ती निकलती भी हैं, लेकिन हजारों पद बैकलॉग के भंवर में ही उलझकर रह जाते हैं। बीते 14 सालों से स्कूल शिक्षा विभाग के हजारों पद बैकलॉग की वजह से खाली पड़े हैं। 

साल 2011 से 2025 के बीच आधा दर्जन से ज्यादा बार शिक्षक भर्ती हो चुकी है। लेकिन बैकलॉग के कारण इन पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने 2022 में उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए 7591 पदों पर नोटिफिकेशन जारी किया था। 

डीपीआई की भर्ती प्रक्रिया को दो साल हो गए हैं। लेकिन अब भी 4500 से ज्यादा पद भरे नहीं जा सके हैं। डीपीआई ने पदों को भरने के लिए दूसरी काउंसलिंग ही नहीं की है। इस वजह से पात्रता और चयन परीक्षा के बाद भी हजारों अभ्यर्थी भटकने मजबूर हैं।  

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दो साल में भी भर्ती नहीं कर पाए पूरी

लोक शिक्षण संचालनालय ने 2022 में स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 7591 पदों पर भर्ती शुरू की थी। पहली काउंसलिंग के बाद अंग्रेजी विषय के 1645 के विरुद्ध 744 शिक्षकों की नियुक्ति ही की गई है। गणित के 1214 पदों में से 311 नियुक्तियां हुईं। बायोलॉजी के 676 पदों में से 246 नियुक्तियां हुईं। कैमेस्ट्री के 651 पदों में से 288 नियुक्तियां हुईं। 

फिजिक्स के 156 पदों पर नियुक्तियां हुईं। संस्कृत के 490 पदों में से 56 नियुक्तियां हुईं। कॉमर्स के 460 पदों में से 205 नियुक्तियां हुईं। हिंदी के 509 पदों में से 361 नियुक्तियां हुईं। इतिहास के 292 पदों में से 148 नियुक्तियां हुईं। राजनीति शास्त्र के 258 पदों में से 141 नियुक्तियां हुईं। अर्थशास्त्र के 266 पदों में से 157 नियुक्तियां हुईं।

कृषि के 231 पदों में से 75 नियुक्तियां हुईं। जियोग्राफी के 139 पदों में से 82 नियुक्तियां हुईं। होम साइंस के 28 पदों में से 10 नियुक्तियां हुईं। समाज शास्त्र के 79 पदों में से 29 नियुक्तियां हुईं। उर्दू के 42 पदों में से 3 नियुक्तियां हुईं।

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साढ़े 7 हजार पद, केवल 3 हजार पर नियुक्ति

उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए आए 7591 पदों के विरुद्ध डीपीआई अब तक केवल 3012 शिक्षकों की नियुक्ति ही कर पाया है। पूरी प्रक्रिया को दो साल होने जा रहे हैं। अब तक दूसरी काउंसलिंग भी नहीं बुलाई गई है। प्रतीक्षा सूची में शामिल हजारों अभ्यर्थी इन पदों के विरुद्ध काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं। उधर डीपीआई अब तक बैकलॉग की स्थिति ही स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। नतीजा वेटिंग अभ्यर्थियों के पद भी बैकलॉग के भंवर में अटककर रह गए हैं। 

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साल बीता पर नहीं हुई दूसरी काउंसलिंग

वेटिंग अभ्यर्थियों का कहना है 2022 में नोटिफिकेशन आने के बाद पहले तो ईएसबी ने परीक्षा कराने में महीनों लगाए। जब परीक्षा हो गई तो रिजल्ट महीनों तक लटका रहा। जैसे- तैसे रिजल्ट जारी हुआ तो एक साल से भर्ती ही चल रही है। 

4500 से ज्यादा पद खाली हैं लेकिन डीपीआई दूसरी काउंसलिंग ही नहीं बुला सका है। यह भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा कि आखिर खाली बचे 4579 में से बैगलॉग में सुरक्षित पदों की संख्या कितनी है। 

बैकलॉग की वजह से शिक्षकों के कितने पद सालों से खाली हैं। उन पर भर्ती न हो पाने की वजह के संबंध में द सूत्र ने स्कूल शिक्षा विभाग के संजय गोयल से भी संपर्क किया। लेकिन उनकी ओर से भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। 

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बैकलॉग के पदों को रिवाइज करना भूले

मध्यप्रदेश में बीते डेढ़ दशक से बैकलॉग के पदों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बैकलॉग में चिन्हित किए जाने के बाद हजारों पद खाली हैं। इन पदों को 2011 से बैकलॉग में रखा गया है। अब यह संख्या 4500 से ऊपर पहुंच गई है। 

इस बीच छह से ज्यादा बार भर्तियां निकाली जा चुकी हैं, इसके बावजूद बैकलॉग के पद खाली ही बने हुए हैं। जबकि एक निर्धारित अवधि और लगातार भर्तियों में खाली रहने के बाद ऐसे पदों के बैकलॉग को रिवाइज नहीं किया गया है।

इनमें से ज्यादातर बैकलॉग पद अनुसूचित जनजाति कैटेगरी और दिव्यांग वर्ग के हैं। अभ्यर्थी देश के दूसरे राज्यों की तरह हजारों बैकलॉग पदों को रिवाइज करने की मांग कर रहे हैं।

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