ई-अटेंडेंस: शिक्षकों ने हाईकोर्ट से याचिका वापस ली, नए तथ्यों के साथ दोबारा होगी सुनवाई

10 दिसंबर को सरकारी स्कूलों में ई-अटेंडेंस के खिलाफ याचिका हाईकोर्ट में वापस ले ली गई। जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी ने याचिकाकर्ताओं को नई पिटिशन दाखिल करने का निर्देश दिया। इसमें सभी मुद्दे स्पष्ट रूप से रखे जाने चाहिए।

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Neel Tiwari
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JABALPUR. सरकारी स्कूलों में ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता के खिलाफ दाखिल याचिका 10 दिसंबर को अप्रत्याशित मोड़ पर पहुंची। 27 शिक्षकों की ओर से दायर यह याचिका आज हाईकोर्ट में वापस ले ली गई।

जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी ने याचिकाकर्ताओं को नई और स्पष्ट पिटिशन दाखिल करने का निर्देश दिया। इसमें सभी बिंदुओं को व्यवस्थित तरीके से रखा जाए। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान याचिका में कई मुद्दे व्यापक और असंबद्ध रूप से दर्ज किए गए हैं। इसलिए नियमों की विधिवत जांच नई याचिका के आधार पर ही संभव होगी।

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गुरुवार को पेश होगी फ्रेश पिटिशन

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि वे गुरुवार को नए तथ्यों और सबूतों के साथ फ्रेश पिटिशन पेश करेंगे। इसके बाद मामले की दोबारा सुनवाई होगी। शिक्षकों का आरोप है कि 'हमारे शिक्षक' एप तकनीकी रूप से कमजोर है। इसके अलावा, शिक्षक डेटा निजी संस्था द्वारा संचालित होने से साइबर सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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ई-अटेंडेंस लगाने के बाद पैसे गायब

इस मामले में शाहपुरा के शिक्षक सतीश कुमार जैन ने पुलिस में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि 'हमारे शिक्षक' एप इंस्टॉल करने के बाद उनके बैंक खाते से 79 हजार रुपए ठगे गए। शिक्षक की सतर्कता से बैंक ने 60000 वापस कर दिए। यह घटना ई-अटेंडेंस एप पर सवाल उठाती है। शिकायत में बताया गया कि ई-अटेंडेंस लगाने के 10 मिनट बाद खाते से रकम उड़ा ली गई।

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एप पर डेटा लीक और साइबर फ्रॉड के आरोप

याचिकाकर्ताओं के वकील अंशुमान सिंह ने बताया कि एप को चलाने की जिम्मेदारी एक निजी संस्था को दी गई है। जो शिक्षकों का व्यक्तिगत डेटा कलेक्ट कर रही है। केंद्र के निजी डेटा कलेक्शन नियम यहां लागू होते हैं। लेकिन एप में पर्याप्त सुरक्षा नहीं है।

शिक्षकों ने कोर्ट को यह भी बताया कि प्रदेश के 5–6 शिक्षकों के बैंक खातों से रकम निकाल ली गई। उनका निजी डेटा लीक हुआ। कई जिलों के शिक्षा अधिकारियों ने इन घटनाओं की शिकायत की और पत्र लिखे। लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने माना कि कुछ मामलों में फ्रॉड की शिकायतें सही हैं। अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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सरकार बोली-डेटा सेफ्टी सर्टिफिकेट मिला

सरकार की ओर से जवाब आया कि ई-अटेंडेंस एप सिस्टम पहले भी सही ठहरा है। एप के लिए डेटा सेफ्टी सर्टिफिकेट लिया गया है। सरकार का दावा है कि नेटवर्क या सर्वर की कोई दिक्कत नहीं है। अधिकांश शिक्षक बिना समस्या के उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि नेटवर्क एरर, सर्वर डाउन और तकनीकी खामियों के कारण प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज कराने में गंभीर बाधाएं आती हैं।

अब नई याचिका होगी दायर

 जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा कि पुराने मामलों में निर्णय आ चुके हैं। इस विवाद पर निर्णय नई याचिका की सामग्री पर लिया जाएगा। अब ध्यान गुरुवार को दाखिल होने वाली याचिका पर है। इससे बनने वाले कानूनी घटनाक्रम पर भी नजरें टिकी हैं।

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