नीमच, मध्य प्रदेश के कृष्ण कुमार धाकड़ ने चाय की दुकान खोली है। उन्होंने इसे '498A Tea Cafe' नाम दिया है, जो उनकी कानूनी लड़ाई को दर्शाता है। स्टॉल पर लिखा है, "जब तक नहीं मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय," जो उनके संघर्ष को बताता है।
चाय की दुकान खोलने का कारण
केके का जीवन एक संघर्ष से भरा हुआ था। 2018 में उनकी शादी हुई थी और उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू किया था। यह व्यवसाय इतना सफल हुआ कि 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनकी तारीफ की थी। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन 2022 में अचानक उनकी पत्नी ससुराल छोड़कर मायके चली गई।
केके के अनुसार, उनकी पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया और गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराए, जैसे कि धारा 498A और CrPC (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) की धारा 125। इन कानूनी पेंचों में फंसने के बाद केके डिप्रेशन में चले गए और आत्महत्या करने तक के विचारों में डूबे रहे।
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मां का प्यार और संघर्ष की नई शुरुआत
माँ के प्यार और समर्थन ने केके को फिर से संघर्ष करने की ताकत दी। इसके बाद उन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखने का निर्णय लिया और अपनी ससुराल में ही, पत्नी के घर के पास एक चाय की दुकान खोल दी। दुकान का नाम '498A Tea Cafe' रखा गया, जो उनके संघर्ष और न्याय की तलाश को दर्शाता है। इस चाय की टपरी पर केके ने दूल्हे की शेरवानी, वरमाला और हाथों में हथकड़ी की फोटो लटका रखी है, ताकि लोग उनकी कहानी जान सकें और उनके संघर्ष को समझ सकें।
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केके की कहानी सुनने से उन्हें प्रेरणा मिलती
केके का यह कदम केवल एक चाय की दुकान खोलने का नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन की लड़ाई का प्रतीक बन गया है। यह स्टॉल उनके लिए न्याय की प्रतीक्षा का प्रतीक बन गया है, और यह उन्हें मानसिक शांति और ताकत देने का माध्यम है। उनकी दुकान पर आने वाले लोग न केवल चाय का आनंद लेते हैं, बल्कि केके की कहानी भी सुनते हैं और उन्हें प्रेरणा मिलती है।
केके का यह कदम यह दिखाता है कि कैसे किसी व्यक्ति के जीवन में आ रही समस्याएं और संघर्ष उसे खुद को साबित करने और समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
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सपनों को पूरा करने के लिए चुना रास्ता
केके की कहानी यह भी बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य और कानूनी लड़ाई के बीच की दूरी कितनी कठिन हो सकती है। डिप्रेशन और आत्महत्या के विचारों से जूझते हुए भी केके ने खुद को संभाला और अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक नया रास्ता चुना। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि सही समर्थन और प्यार से हर संघर्ष का सामना किया जा सकता है।
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उम्मीद है एक दिन न्याय जरूर मिलेगा
केके का यह कदम केवल एक चाय की दुकान खोलने तक सीमित नहीं रहेगा। वह अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे और उम्मीद करते हैं कि एक दिन उन्हें न्याय मिलेगा। '498A Tea Cafe' उनका एक छोटा सा कदम है, लेकिन यह उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाए रखता है।
केके के इस प्रयास से यह साफ है कि यदि किसी के पास सही समर्थन और दृष्टिकोण हो तो जीवन के संघर्षों का सामना किया जा सकता है। उनका यह कदम समाज को भी यह संदेश देता है कि किसी भी समस्या का सामना अकेले नहीं किया जा सकता, और एक दूसरे का समर्थन करना बेहद जरूरी है।
पति पत्नी का झगड़ा | मध्यप्रदेश
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