सीएम को सिफारिशी पत्र लिखने के मामले में बोले मंत्री शुक्ला- स्टाफ ने मुझे धोखे में रखकर लिए दस्तखत
सीएम डॉ मोहन यादव के नाम सिफारिशी पत्र लिखने के मामले में मंत्री राकेश शुक्ला का बड़ा बयान सामने आया। शुक्ला मध्य प्रदेश सरकार में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हैं।
भोपाल। खनिज कारोबारी आनंद गोयनका की बंद खदान को चालू कराने की सिफारिश के साथ मुख्यमंत्री को लिखे पत्र मामले में प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश शुक्ला की बड़ी सफाई सामने आई। उन्होंने कहा कि उनके ही निजी स्टॉफ ने उन्हें धोखे में रख,पत्र पर हस्ताक्षर कराए। इसी मामले में शुक्रवार को संगठन ने भी उन्हें तलब कर सफाई मांगी।
सामान्य पत्र बता मुझे धोखे में रखा गया: शुक्ला
'द सूत्र' से बातचीत में शुक्ला ने कहा कि पत्र को लेकर उनके ही निजी स्टॉफ ने उन्हें धोखे में रखा। बुधवार को शिवपुरी प्रवास पर जाने से पहले पत्र को सामान्य बताकर उनसे हस्ताक्षर लिए गए। पत्र का मजमून नॉर्मल देख उन्होंने अन्य नस्तियों के बीच रूटीन प्रक्रिया के तहत इस पत्र पर भी हस्ताक्षर कर दिए। शुक्ला ने स्वीकार किया कि वह दौरे पर जाने की जल्दी में थे,लिहाजा पत्र के पीछे छिपी मंशा व प्रकरण की गंभीरता को भांप नहीं सके,हालांकि मूल पत्र अब भी उनके पास है। इसे कहीं भेजा नहीं गया। मंत्री ने कहा कि संबंधित कर्मचारी की पहचान कर ली गई है। जल्द ही उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, मंत्री के सिफारिशी पत्र का मामला उजागर होते ही भाजपा संगठन ने मंत्री शुक्ला को तलब किया। शुक्ला शुक्रवार की सुबह पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा व दोपहर में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से मिले। उन्होंने पत्र को लेकर अपनी सफाई पेश की।
इधर,सूत्रों का दावा है कि मंत्री स्टाफ में बतौर निज सचिव काम कर रहे शिवाकांत त्रिपाठी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। त्रिपाठी को मप्र ऊर्जा विकास निगम में वापस भेजा गया है। वह इसी निगम के कर्मचारी हैं। शुक्ला निगम के अध्यक्ष भी हैं। इस नाते शिवाकांत, अध्यक्ष के निज सचिव के तौर पर काम कर रहे थे। हालांकि, मंत्री स्टाफ में उनकी पदस्थापना बतौर निज सहायक हुई थी, लेकिन बाद में मंत्री का भरोसा जीत वह निज सचिव बन गए।
जबकि मंत्री शुक्ला के एक और निज सचिव संजय पुंडरीक की पदस्थापना जीएडी की ओर से की गई। मंत्री शुक्ला अधिकतर अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रवास पर रहते हैं। वह सहज, सरल भी हैं। इसका फायदा भी मंत्री बंगले पर तैनात कुछ कर्मचारी उठाते रहे हैं। करीब महीनेभर पूर्व ही बंटी त्यागी नामक एक 'भरोसेमंद' को बंगले से चलता किया गया।
राकेश शुक्ला प्रदेश सरकार में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के मंत्री व मप्र ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम संबोधित उनका एक पत्र गुरुवार को लीक हुआ। इसमें उन्होंने खनिज कारोबारी आनंद गोयनका की कटनी जिले में बंद खदानों को चालू कराने की सिफारिश की। इस मामले को 'द सूत्र' ने प्रमुखता से उठाया। खबर प्रसारित होने से सियासी हलकों में हलचल मच गई।
दरअसल,यह हाई प्रोफाइल मामला पहले भी सुर्खियों में रहा है। इससे जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस लेने के लिए विभाग को लिखित निर्देशित करने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्री नागर सिंह चौहान से वन विभाग का दायित्व छीन लिया था। वहीं मंत्री के निर्देश पर अमल करने वाले विभाग के तत्कालीन एसीएस जय नारायण कंसोटिया को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया। तब यह प्रकरण काफी सुर्खियों में रहा था।
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ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला | मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड