समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने हाल ही में मुग़ल शासक औरंगजेब को उत्तम प्रशासक बताते हुए बयान दिया, जिसके बाद सियासी माहौल गरमा गया। उनका कहना था कि औरंगजेब एक क्रूर शासक नहीं थे और यदि उन्होंने मंदिर तोड़े थे तो उन्होंने मस्जिद भी तोड़ी थी, इस पर हिंदू-मुस्लिम विवाद को बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। अबू आजमी के इस बयान ने पूरे देश में विवाद पैदा कर दिया है, और उनका यह बयान मध्य प्रदेश की सियासत तक भी पहुंच गया है।
रामेश्वर शर्मा की तीखी प्रतिक्रिया
सपा विधायक के बयान पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक मूर्ख व्यक्ति यह कह रहा था कि औरंगजेब महान था। रामेश्वर शर्मा ने औरंगजेब को लुटेरा बताते हुए कहा कि बाबर, अकबर और हुमायूं भी लुटेरे थे। उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति औरंगजेब की तारीफ करेगा, उसे कब्रिस्तान भेज दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप को महान बताते हुए कहा कि ये नेता हमेशा महान थे और रहेंगे।
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मध्य प्रदेश में बढ़ा विवाद
भोपाल में रामेश्वर शर्मा के बयान के बाद सियासी तूल और बढ़ गया है। भाजपा विधायक ने साफ तौर पर कहा कि इतिहास में लुटेरों और आक्रांताओं का कोई स्थान नहीं होना चाहिए, और जो भी इस तरह के इतिहासकारों को महिमामंडित करेगा, उसे अपनी विचारधारा पर पुनः विचार करना होगा। उनके इस बयान के बाद, राज्य में सपा और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
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सपा विधायक का बयान
अबू आजमी के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उनका कहना था कि औरंगजेब एक महान प्रशासक थे, जिनकी आलोचना सिर्फ हिंदू-मुस्लिम नजरिए से की जा रही है। उन्होंने औरंगजेब के कार्यों को संदर्भ में रखते हुए कहा कि वह कोई सामान्य शासक नहीं थे, और उनके द्वारा किए गए धार्मिक कार्यों को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। यह बयान सपा और भाजपा दोनों के समर्थकों के बीच तीखी बहस का कारण बना है।
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राजनीतिक विरोध और प्रतिक्रिया
अबू आजमी के बयान के बाद, भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा के नेताओं ने अबू आजमी के बयान की कड़ी निंदा की है, जबकि सपा ने इसे उनके व्यक्तिगत विचारों के रूप में पेश किया है। दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि यह मामला केवल औरंगजेब के इतिहास के बारे में नहीं, बल्कि समाज में धर्म और राजनीति के दृष्टिकोण पर भी है।
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कौन था औरंगजेब
मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल में भारत में धार्मिक भेदभाव और युद्धों का दौर चला था। उन्होंने हिंदू मंदिरों को तोड़े जाने के आदेश दिए थे, जिससे उनके खिलाफ काफी विरोध हुआ। हालांकि, अबू आजमी का यह कहना था कि उनके खिलाफ उठाए गए सवालों को हिंदू-मुस्लिम संघर्ष से जोड़ने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि औरंगजेब ने मस्जिदें भी तोड़ी थीं, जिससे यह सवाल उठाना उचित नहीं कि केवल एक पक्ष को ही दोषी ठहराया जाए।
औरंगजेब की तारीफ करने वाले को कब्रिस्तान भेज देंगे: रामेश्वर शर्मा
अबू आजमी ने औरंगजेब को उत्तम प्रशासक बताया, जिसे लेकर देशभर में सियासी हलचल मच गई। मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस बयान की तीखी आलोचना की और औरंगजेब को लुटेरा करार दिया।
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने हाल ही में मुग़ल शासक औरंगजेब को उत्तम प्रशासक बताते हुए बयान दिया, जिसके बाद सियासी माहौल गरमा गया। उनका कहना था कि औरंगजेब एक क्रूर शासक नहीं थे और यदि उन्होंने मंदिर तोड़े थे तो उन्होंने मस्जिद भी तोड़ी थी, इस पर हिंदू-मुस्लिम विवाद को बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। अबू आजमी के इस बयान ने पूरे देश में विवाद पैदा कर दिया है, और उनका यह बयान मध्य प्रदेश की सियासत तक भी पहुंच गया है।
रामेश्वर शर्मा की तीखी प्रतिक्रिया
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मध्य प्रदेश में बढ़ा विवाद
भोपाल में रामेश्वर शर्मा के बयान के बाद सियासी तूल और बढ़ गया है। भाजपा विधायक ने साफ तौर पर कहा कि इतिहास में लुटेरों और आक्रांताओं का कोई स्थान नहीं होना चाहिए, और जो भी इस तरह के इतिहासकारों को महिमामंडित करेगा, उसे अपनी विचारधारा पर पुनः विचार करना होगा। उनके इस बयान के बाद, राज्य में सपा और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
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सपा विधायक का बयान
अबू आजमी के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उनका कहना था कि औरंगजेब एक महान प्रशासक थे, जिनकी आलोचना सिर्फ हिंदू-मुस्लिम नजरिए से की जा रही है। उन्होंने औरंगजेब के कार्यों को संदर्भ में रखते हुए कहा कि वह कोई सामान्य शासक नहीं थे, और उनके द्वारा किए गए धार्मिक कार्यों को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। यह बयान सपा और भाजपा दोनों के समर्थकों के बीच तीखी बहस का कारण बना है।
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राजनीतिक विरोध और प्रतिक्रिया
अबू आजमी के बयान के बाद, भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा के नेताओं ने अबू आजमी के बयान की कड़ी निंदा की है, जबकि सपा ने इसे उनके व्यक्तिगत विचारों के रूप में पेश किया है। दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि यह मामला केवल औरंगजेब के इतिहास के बारे में नहीं, बल्कि समाज में धर्म और राजनीति के दृष्टिकोण पर भी है।
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कौन था औरंगजेब
मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल में भारत में धार्मिक भेदभाव और युद्धों का दौर चला था। उन्होंने हिंदू मंदिरों को तोड़े जाने के आदेश दिए थे, जिससे उनके खिलाफ काफी विरोध हुआ। हालांकि, अबू आजमी का यह कहना था कि उनके खिलाफ उठाए गए सवालों को हिंदू-मुस्लिम संघर्ष से जोड़ने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि औरंगजेब ने मस्जिदें भी तोड़ी थीं, जिससे यह सवाल उठाना उचित नहीं कि केवल एक पक्ष को ही दोषी ठहराया जाए।