सिंहस्थ कुंभ 2028: स्थायी कुंभ नगरी के लिए जमीन देने से किसानों का इनकार, आंदोलन की चेतावनी

उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के आयोजन के लिए प्रशासन द्वारा लैंड पुलिंग योजना बनाई गई है, जिसके तहत हजारों किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। किसानों का कहना है कि इस योजना से उन्हें कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि उनका जीवन और कठिन हो जाएगा। 

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Sandeep Kumar
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उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के आयोजन से पहले एक बड़ा विवाद सामने आया है। प्रशासन और किसानों के बीच लैंड पुलिंग को लेकर मंगलवार को तीखी झड़प हुई। सिंहस्थ कुंभ के लिए 2378 हेक्टेयर जमीन पर स्थायी निर्माण के उद्देश्य से किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। किसानों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी उचित जानकारी के उनकी जमीन ली जा रही है, जो उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन को नुकसान पहुंचा सकती है। यह विवाद प्रशासन और किसानों के बीच एक गहरे मतभेद को उजागर करता है, जो अब संघर्ष का रूप ले चुका है।

किसानों की जताई आपत्ति

किसान इस योजना से असहमत हैं। उनका कहना है कि वे अपनी भूमि केवल कुंभ के लिए देना चाहते थे, न कि स्थायी निर्माण के लिए। कई किसानों के पास जमीन की बहुत छोटी हिस्सेदारी है, जिससे उनका जीवन प्रभावित हो रहा है। उनकी आपत्ति है कि यह योजना उन्हें बर्बाद कर देगी, और उन्हें अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि इस योजना को तुरंत निरस्त किया जाए और केवल सिंहस्थ मेला क्षेत्र की पुरानी योजना के तहत जमीन अधिग्रहण किया जाए।

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किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

किसानों का विरोध अब उग्र रूप लेने की कगार पर है। मंगलवार को 17 गांवों के सैकड़ों किसान उज्जैन के आगर रोड स्थित सामाजिक परिसर में जमा हुए। उनका उद्देश्य था कि वे कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए ट्रैक्टर रैली आयोजित करें, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। प्रशासन के विरोध के बावजूद, किसानों ने अपनी बात रखने की पूरी कोशिश की, और कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। उनका दावा है कि प्रशासन उनकी बातें सुनने को तैयार नहीं है और कुंभ के नाम पर उनकी जमीन छीनी जा रही है।

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नई कुंभ नगरी की योजना और विकास

सरकार ने सिंहस्थ कुंभ के आयोजन के लिए उज्जैन में एक नई स्थायी कुंभ नगरी बनाने की योजना बनाई है। इस नगरी में बड़े-बड़े इंटरकनेक्टेड चौड़ी सड़कों के अलावा, अस्पताल, स्कूल, सुंदर चौराहे, और कई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा, पार्किंग, जनसुविधा केंद्र, सीवरेज, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बिजली सब स्टेशन और फुटपाथ डिवाइडर का भी विकास किया जाएगा। यह पूरा शहर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस होगा और कुंभ के बाद भी यह किसानों और स्थानीय लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा।

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किसानों की चिंता और भविष्य की योजना

किसानों का मानना है कि इस योजना से उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा, बल्कि वे पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे। उनकी एकजुटता के कारण अब प्रशासन के लिए इस मामले को सुलझाना कठिन हो गया है। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह योजना मेला क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास के लिए है और यह किसानों के फायदे के लिए भी होगी। बावजूद इसके, किसानों का विरोध और उनकी चिंताएं बरकरार हैं।

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सिंहस्थ कुंभ के लिए 2000 करोड़ रुपए की योजना

मुख्यमंत्री मोहन यादव की पहल पर सिंहस्थ कुंभ के लिए एक विशाल विकास योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत उज्जैन क्षेत्र के 1806 किसानों की करीब 5000 एकड़ जमीन पर लैंड पुलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य हर 12 साल में होने वाले कुंभ मेले के दौरान अस्थायी संरचनाओं के बजाय स्थायी निर्माण करना है। इससे न केवल प्रशासन को लंबे समय तक काम आने वाली बुनियादी ढांचा मिलेगा, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।

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