सिंहस्थ 2028: उज्जैन में 13 नए ब्रिज और 50 हजार बायो टॉयलेट, नए थानों का भी होगा निर्माण
सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन में 13 नए ब्रिज, 29 किलोमीटर लंबे घाट और 50 हजार बायो टॉयलेट बनाए जाएंगे। भीड़ प्रबंधन को प्राथमिकता देते हुए आपदा के दौरान 15 मिनट में रेस्क्यू योजना तैयार होगी।
सिंहस्थ 2028 की तैयारियां जोरों पर हैं। उज्जैन में 13 नए ब्रिज (Bridges) बनाए जाएंगे। इनमें से 8 ब्रिज क्षिप्रा नदी (Kshipra River) पर होंगे। साथ ही 5 रेलवे ओवर ब्रिज (Railway Over Bridge) का भी निर्माण होगा।
सरकार ने इन सभी प्रोजेक्ट्स को 31 दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इन योजनाओं को प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Kumbh) की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) राजेश राजौरा ने कहा कि शाही स्नान (Royal Bath) वाले दिन 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। ऐसे में भीड़ प्रबंधन और आपदा प्रबंधन (Disaster Management) को प्राथमिकता दी जाएगी।
क्षिप्रा नदी किनारे 29 किलोमीटर लंबे घाट (Ghats) का निर्माण होगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नदी किनारे पैदल पाथवे (Pedestrian Pathway) भी बनाया जाएगा।
महाकाल लोक (Mahakal Lok) और तपोभूमि (Tapobhoomi) में कानूनी व्यवस्था के लिए दो नए थानों (Police Stations) का प्रस्ताव है।
रेलवे ट्रैक को किया जाएगा कवर
भीड़ की सुरक्षा के लिए रेलवे ट्रैक को दोनों ओर से कवर किया जाएगा। इसके अलावा, सिंहस्थ के दौरान हर दिन 740 टन सॉलिड वेस्ट (Solid Waste) उत्पन्न होगा। इसे संभालने के लिए 50 हजार बायो टॉयलेट (Bio Toilets) बनाए जाएंगे।
साधु-संतों से राय ली जाएगी
साधु-संतों (Saints) और अखाड़ों (Akhadas) के लिए स्थान का आवंटन उनकी स्वीकृति के बाद होगा। उनके लिए मैपिंग (Mapping) कराई जाएगी ताकि उन्हें सुविधाएं समय पर मिल सकें।