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उज्जैन में 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे विशाल आयोजन के लिए प्रशासन ने अब क्राउड मैनेजमेंट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।
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उज्जैन के अधिकारी पहुंचे प्रयागराज
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने अपने अधिकारियों के साथ प्रयागराज का दौरा किया, जहां उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं से जुड़े विभागों और स्टार्टअप्स के अनुभव साझा किए। कलेक्टर ने बताया कि प्रयागराज के आयोजन से कई अहम सीखने को मिला है, जिसमें पीडब्ल्यूडी (PWD), पीएचई (PHE), और जल संसाधन विभाग जैसे संगठनों की भूमिका शामिल है।
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क्राउड मैनेजमेंट में AI और ड्रोन का उपयोग
भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन से निगरानी और AI आधारित तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इन तकनीकों की मदद से भीड़ का रियल-टाइम डेटा इकट्ठा कर, उसकी स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा। प्रयागराज और हरिद्वार में काम कर चुकी विशेषज्ञ एजेंसियों को उज्जैन में आमंत्रित किया जाएगा।
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साधु-संतों और श्रद्धालुओं की जरूरतों का अध्ययन
उज्जैन प्रशासन प्रयागराज में साधु-संतों के व्यवहार और उनकी जरूरतों का अध्ययन कर रहा है। प्रयागराज में श्रद्धालुओं की अपेक्षाओं और व्यावहारिक दिक्कतों का समाधान उज्जैन के सिंहस्थ में लागू करने की योजना है।
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महाकुंभ के लिए IT फर्म की स्थापना
महाकुंभ के लिए एक आईटी फर्म का गठन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे। यह फर्म उज्जैन में बड़े पैमाने पर काम करेगी, जबकि भोपाल में नगरीय विकास और आवास संचालनालय को-ऑर्डिनेशन की भूमिका निभाएगा।
प्रयागराज और हरिद्वार से मिला अनुभव
प्रयागराज के महाकुंभ में पहले सप्ताह में ही 8 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिससे उज्जैन में बड़ी तैयारी की जरूरत महसूस की गई। हरिद्वार महाकुंभ की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया जाएगा।
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