मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर के दक्षिणी तट पर स्थित ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग और उसके आसपास के मंदिरों का विकास किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट 2028 में आयोजित होने वाले उज्जैन सिंहस्थ से पहले पूरा किया जाएगा। नर्मदा नदी के दो तटों पर ओंकारेश्वर और ममलेश्वर मंदिर स्थित हैं। इस परियोजना में यहां के काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ अन्य छोटे-बड़े मंदिरों को भी शामिल किया गया है।
ममलेश्वर मंदिर क्षेत्र में होंगे कई सुधार
इस प्रोजेक्ट के तहत ममलेश्वर मंदिर क्षेत्र में कई जरूरी सुधार किए जाएंगे। इनमें प्रतीक्षा स्थल (waiting area), पार्किंग, क्यू मैनेजमेंट सिस्टम, मंदिरों का पुनरोद्धार (restoration), मॉडर्न लाइटिंग और घाट को सुधारने का काम भी शामिल है। इस काम से पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और मंदिर क्षेत्र की सुंदरता भी बढ़ेगा।
6 मीटर चौड़ा पुल
ममलेश्वर मंदिर से काशी विश्वनाथ मंदिर (ओंकारेश्वर) तक पहुंचने के लिए 6 मीटर चौड़ा पुल बनाया जाएगा। इसके अलावा, 100 करोड़ रुपए के बजट से पूरे क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने और पहुंच मार्ग को चौड़ा करने का काम भी किया जाएगा, जिससे लोगों को यात्रा में सुविधा होगी।
ममलेश्वर मंदिर की विशेषताएं
ममलेश्वर मंदिर पांच मंजिला है और हर तल पर शिवालय स्थित है। यहां से ओंकारेश्वर मंदिर के शिखर के दर्शन भी होते हैं, जो एक खास अनुभव देता है।
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