जैन संत आचार्य श्री विराग सागर ( Acharya Virag Sagar ) ने समाधि ले ली है। महाराष्ट्र के जालना में आचार्य ने आज प्रातः काल 02:30 अपना देह त्यागा। वे बुंदेलखंड के प्रथम गणाचार्य थे।
मध्य प्रदेश के दमोह में जन्में
आचार्य श्री विराग सागर महाराज का जन्म मध्य प्रदेश के दमोह में हुआ था। उनकी समाधि की खबर सुनकर मध्य प्रदेश समेत देशभर में फैले उनके भक्तों में शोक का माहौल है। आचार्य श्री ने 300 से अधिक भक्तों को दीक्षा दी है।
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कल रात बिगड़ी थी तबीयत
आचार्य श्री विराग सागर की तबियत बिगड़ने की खबर कल रात ही आई थी। उन्हें उल्टियां हो रही थी। इसके बाद आज सुबह उनके समाधि में प्रवेश करने के समाचार आए।
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फरवरी में विद्यासागर महाराज ने ली थी समाधि
4 महीने के अंदर जैन समाज के लिए यह दूसरी बड़ी क्षति है। विराग सागर महाराज से पहले फरवरी 2024 में विद्यासागर महाराज ने समाधि में प्रवेश किया था। वे कई भाषाओं के ज्ञानी थे। उन्होंने हिंदी और संस्कृत में कई रचनाएं भी की हैं।
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