Simhastha 2028 : जापान से लौटते ही ACS राजौरा ने उज्जैन में ली मैराथन बैठक

सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर उज्जैन में स्थायी निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने निर्देश दिए कि साधु-संतों से चर्चा कर कार्य योजना तैयार की जाए।

Advertisment
author-image
Manish Kumar
New Update
dr rajesh rajaura ujjain meeting
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

UJJAIN. उज्जैन में सिंहस्थ 2028 (Simhastha 2028) को लेकर अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा (Dr. Rajesh Rajoura) ने स्थानीय अधिकारियों संग विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा (Dr. Rajesh Rajoura) ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थायी निर्माण कार्यों की योजना साधु-संतों के साथ चर्चा कर तैयार की जाए।

मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव के एसीएस राजेश राजौरा ने जापान से कल रात लौटते ही सीधे उज्जैन की समीक्षा बैठक ली। रविवार की सुबह 10 से शुरू होकर यह बैठक रात 8 बजे तक चली। 
बैठक में संभागायुक्त संजय गुप्ता, एडीजीपी उमेश जोगा, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
उज्जैन में महाकाल मंदिर और काल भैरव सहित अन्य एरिया की संकरी गलियों और चौराहों का भ्रमण कर उनके चौड़ीकरण को लेकर जिला अधिकारियों के साथ फिर से एक बार मीटिंग करेंगे।

स्थायी संरचनाओं पर विशेष ध्यान

डॉ. राजौरा ने कहा कि मेला क्षेत्र में आश्रम, पार्किंग, भोजनशाला, धर्मशाला और सीवरेज (Sewage) जैसी सुविधाओं का विकास किया जाए। सभी संरचनाओं की डिजाइन ऐसी होनी चाहिए कि वह लंबे समय तक उपयोगी रहे। कार्यों की शुरुआत जून 2025 से युद्ध स्तर पर की जाएगी।

यह भी पढ़ें - महाकाल मंदिर एक्ट में बदलाव: उज्जैन के सभी बड़े मंदिर होंगे शामिल

स्वच्छता और पेयजल पर विशेष जोर

बैठक में पेयजल आपूर्ति की समीक्षा के दौरान बताया गया कि मेला क्षेत्र में 200 एमएलडी पानी की क्षमता विकसित होगी। इसके अलावा 160 एमएलडी सीवरेज (Sewage) जनरेशन के लिए स्थायी और अस्थायी एसटीपी (STP) बनाए जाएंगे। मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 16 हजार 220 सफाई कर्मियों की आवश्यकता होगी।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

सिंहस्थ में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 500 अस्थायी अस्पताल और कैंप (Temporary Hospitals and Camps) लगाए जाएंगे। क्षेत्र को छह जोन में विभाजित कर आपातकालीन सुविधाओं जैसे बर्न यूनिट, एंबुलेंस, ब्लड बैंक और ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) की तैयारी की जाएगी। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ (Paramedical Staff) को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें - कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ, महाकुंभ और सिंहस्थ में क्या अंतर है, जानें

पर्यटन और यातायात प्रबंधन

पर्यटन के दृष्टिकोण से अष्ट भैरव मंदिरों (Ashta Bhairav Temples), पंचक्रोशी यात्रा मार्ग और हेरिटेज स्थलों का विकास किया जाएगा। यातायात प्रबंधन के लिए ऑल इन वन ऐप (All-in-One App) बनाया जाएगा। इसमें ड्रोन सर्विस, पार्किंग प्रबंधन, और वर्चुअल टूर (Virtual Tour) जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

क्षिप्रा नदी परियोजना और जल संसाधन विकास

बैठक में क्षिप्रा नदी (Kshipra River) पर बैराजों (Barrages) के निर्माण की समीक्षा हुई। देवास, इंदौर और उज्जैन में प्रवाह बनाए रखने के लिए नर्मदा-क्षिप्रा लिंक (Narmada-Kshipra Link) परियोजना पर काम हो रहा है।

यह भी पढ़ें - नमामि क्षिप्रा: सिंहस्थ 2028 से पहले प्रदूषण मुक्त होगी क्षिप्रा, स्पेशल पीआईयू गठित

स्मार्ट सिटी और सुरक्षा व्यवस्थाएं

स्मार्ट सिटी (Smart City) के कार्यों में आईटीएमएस (ITMS) और फेस रिकग्निशन (Face Recognition) सिस्टम को डेवलप करने पर जोर दिया गया। सभी सुरक्षा उपायों को 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। सिंहस्थ क्षेत्र में पुलिस विभाग को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी जाएगी।

यह भी पढ़ें - धर्म अध्यात्म: सिंहस्थ में दुनिया को धर्म की राह दिखाएगा उज्जैन

MP News health services Kshipra River सिंहस्थ 2028 Simhastha 2028 review meeting ACS Dr. Rajesh Rajoura mp news hindi ujjain