मेरी बीवी को फूटी कौड़ी भी नहीं देना...ऐसा कहने वाले मुकेश अग्रवाल के नाम पर अभिनेत्री रेखा मध्य प्रदेश में खोल रही हैं मेडिकल कॉलेज

'द सूत्र' आपको बता रहा है कि अभिनेत्री रेखाअपने पति के नाम पर प्रदेश में कहां मेडिकल कॉलेज का निर्माण करना चाहती हैं।उन्होंने मध्य प्रदेश शासन से क्या आग्रह किया है, हम आपको इस रिपोर्ट में बताने वाले हैं।

Advertisment
author-image
Shrawan mavai
New Update
ख्वाहिश
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मेरी बीवी को फूटी कौड़ी भी नहीं देना...यह लिखा था उस शख्स ने जिसकी शादी 4 मार्च 1990 को खूबसूरत हुस्न की मलिका अभिनेत्री रेखा ( Actress Rekha) से हुई थी। 2 अक्टूबर 1990 के दिन इस शख्स ने अभिनेत्री के दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के लगभग 34 साल बाद अब उस शख्स की पत्नी अपने पति मुकेश अग्रवाल ( Mukesh Agrawal ) के नाम पर मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने की तैयारी कर रही हैं। 'द सूत्र' आपको बता रहा है कि अभिनेत्री अपने पति के नाम पर प्रदेश में कहां मेडिकल कॉलेज का निर्माण करना चाहती हैं...उन्होंने मप्र शासन से क्या आग्रह किया है? आपको यह भी बता दें कि अक्टूबर माह में ही रेखा का जन्मदिन और मुकेश अग्रवाल की पुण्यतिथि होती है।

मध्यप्रदेश में शुरू हो रहे मेडिकल कॉलेज से पहले आप रेखा और मुकेश की वो कहानी पढ़ लीजिए...जिसमें  रोमांस...रोमांच...दर्द और बहुत कुछ है...।

 

सैक्सी एंड बोल्ड...ये दो खूबियां अगर किसी एक व्यक्ति में देखनी हो तो उसका नाम रेखा है। अपने नाम के विपरीत रेखा ने हर उस 'रेखा' को तोड़ा जिसमें सीमित करने की कोशिश की गई। उनके व्यक्तित्व को शब्दों में बयां कर पाना बेहद कठिन है। हर बार ठोकर लगना और ठोकर लगते ही बिना किसी सहारे के गिर कर उठ जाना रेखा की बहुत सी खूबियों में से एक है। उनके जीवन के कई पहलू हैं। उनके बारे में कई लोगों ने लिखा लेकिन सब कुछ पढ़ने के बाद भी लगता है अभी कुछ और जानना बाकी रह गया...

10 अक्टूबर, साल 1954 को मद्रास (अब चेन्नई) में भानु लक्ष्मी गणेशन का जन्म हुआ। जब ये जन्मीं तो इनके माता - पिता की शादी नहीं हुई थी। आज यह आम बात है लेकिन एक 60 के दशक में यह बात सुनते ही लोगों की आंखें फटी की फटी रह जाती थी। भानुलक्ष्मी गणेशन ही आगे जाकर रेखा कहलाईं। इनके पिता थे जैमिनी गणेशन जो तमिल सिनेमा में जाना-माना नाम थे। इनकी मां का नाम था पुष्पवल्ली जो तेलुगु फिल्म ( Telugu Movie ) में उभरता सितारा थीं। जेमिनी गणेशन और पुष्पवल्ली की शादी भानु लक्ष्मी के जन्म के बाद हुई।

ये भी पढ़ें...Fortune India Celebrities List : शाहरुख बने सबसे ज्यादा टैक्स भरने वाले सेलेब्स, जानें अमिताभ ने कितना भरा टैक्स

रेखा बचपन से काफी सिंपल रहना पसंद करती थीं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई के चर्च पार्क कॉन्वेंट स्कूल में हुई। कुछ समय बाद  जैमिनी गणेशन और पुष्पवल्ली अलग हो गए।  रेखा पढ़-लिखकर एयर होस्टेस बनना चाहती थीं लेकिन घर के हालात कुछ ऐसे हो गए थे कि, उनकी मां ने उन्हें एक्टिंग में धकेल दिया। एक इंटरव्यू में रेखा ने फिल्मी दुनिया में उनके डेब्यू पर बात करते हुए कहा था कि, उन्हें "मार-मार कर एक्टर बनाया गया है।"

कैसे मिली पहली फिल्म

रेखा कभी एक्टर ( Actor ) नहीं बनना चाहती थीं लेकिन उनकी मां हमेशा से उन्हें एक्टर बनाना चाहती थीं। रेखा तीन साल की उम्र से ही सिनेमा जगत में एक्टिव हो गई थीं। वे मात्र 13 साल की थीं जब उन्होंने मुंबई में कदम रखा। वह पहली बार दो तेलुगु फिल्म इंति गुट्टू (1958) और रंगुला रत्नम (1966) में एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में दिखाई दीं। इसके बाद 1969 में कन्नड़ फिल्म आई ऑपरेशन जैकपॉट नल्ली सीआईडी 999 इसमें रेखा लीड रोल में थीं। उसी वर्ष, उन्होंने अपनी पहली हिंदी फिल्म, अंजाना सफ़र में अभिनय किया। जो सेंसरशिप के कारण दस साल तक रिलीज नहीं हो पाई।

पहली हिंदी फिल्म से ही विवाद शुरू 

रेखा के साथ विवादों का सिलसिला पहली हिंदी फिल्म अंजाना सफर से ही शुरू हो गया था। इस फिल्म में रेखा के साथ विश्वजीत को कास्ट किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म में कुछ रोमांटिक सीन रखे गए थे इसकी जानकारी रेखा को थी लेकिन लंबा किसिंग सीन होने वाला है यह बात वे नहीं जानती थीं। फिल्म के डायरेक्टर थे राजा नवाथे। कैमरा रोल हुआ और विश्वजीत रेखा को बांहों में जकड़ कर किस करने लगे। 5 मिनट तक उन्होंने रेखा को किस किया इस दौरान डायरेक्टर ने कट नहीं किया और रेखा इस पूरे वाकये के बाद दुखी हो गईं। फिल्म के सेट पर मौजूद सभी लोग तालियां और सीटी बजा रहे थे लेकिन रेखा की आंखों में आंसू थे। इसके बाद रेखा आगे बढ़ गईं और उन्होंने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा।

पहली हिंदी फिल्म में जो हुआ वह तो बस शुरुआत है। अभी आगे और भी कई ऐसे मौके आने वाले थे जब रेखा को काफी कुछ सहना पड़ा। पहली हिंदी फिल्म जैसे-तैसे शूट हुई लेकिन रिलीज नहीं हो पाई। इसके बाद बनी 'सावन भादो' जो साल 1970 में रिलीज हुई। यह रेखा की पहली हिंदी फिल्म थी जो रिलीज हुई। सावन भादो के बाद वे एक स्टार बन गईं। इस फिल्म में उनके अभिनय के लिए उनकी काफी तारीफ की गई। इसके बाद रेखा ने कई फिल्में की लेकिन सबसे बेहतरीन फिल्म थी 'घर' जिसमें उन्होंने रेप विक्टिम का रोल किया था।

ये भी पढ़ें...OTT पर भी दिखेगा स्त्री 2 का जलवा, 22 वें दिन कमाए 500 करोड़ रुपए

कई लोगों के साथ जोड़ा गया रेखा का नाम 

रेखा की फिल्में जितनी हिट रहीं उनके निजी जीवन की चर्चाएं उतनी ही तेज होती गई। 'घर' फिल्म में उनके को - स्टार रहे विनोद मेहरा के साथ उनके लव अफेयर की चर्चा भी खूब हुई। कुछ रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि, विनोद मेहरा और रेखा ने चोरी छुपे शादी कर ली थी। जब विनोद , रेखा को शादी के बाद उनकी मां से मिलवाने के लिए लाए तो विवाद हो गया। विनोद मेहरा की मां ने रेखा को मारने के लिए चप्पल तक उठा ली थी। इसके बाद विनोद ने रेखा को घर जाने के लिए कह दिया। समय के साथ यह रिश्ता भी खत्म हो गया।

रेखा ने कभी सार्वजनिक तौर पर विनोद मेहरा के साथ अपने रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। बल्कि एक इंटरव्यू में विनोद मेहरा के साथ शादी की बात को नकारते हुए उन्होंने कहा था कि, वे उनके अच्छे दोस्त थे। उन्होंने कभी शादी नहीं की।

विनोद मेहरा ( Vinod Mehra ) के बाद रेखा का नाम जोड़ा गया अमिताभ बच्चन से। दोनों की पहली मुलकात दो अनजाने के सेट पर हुई। अमिताभ बच्चन जब रेखा से मिले तब तक उनकी शादी जाया से हो चुकी थी। कई रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि, रेखा और अमिताभ ने जब पहली बार एक - दूसरे को देखा तभी एक - दूसरे को पसंद कर लिया था। दावे यहां तक किए जाते हैं कि दोनों एक - दूसरे से उनके दोस्त के बंगले पर मिला करते थे। सिनेमा स्‍क्रीन पर दोनों की जोड़ी कमाल कर रही थी। दर्शकों को अमिताभ बच्चन और रेखा की जोड़ी काफी पसंद आई। इसके बाद दोनों का  लव अफेयर चर्चा का विषय बन गया।

यश चोपड़ा ने किए थे सनसनीखेज खुलासे

एक इंटरव्यू में, सिलसिला के निर्देशक यश चोपड़ा ( Director Yash Chopra ) ने रेखा और अमिताभ बच्चन के एक दूसरे को डेट करने के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि फिल्म की शूटिंग के दौरान वह डरे हुए थे क्योंकि उन्हें लग रहा था कि अमिताभ - रेखा की असल जिंदगी रील लाइफ में आ रही है। उन्होंने कहा कि जया उनकी पत्नी थीं, रेखा उनकी गर्लफ्रेंड थीं और जब वे साथ काम कर रहे थे तो कुछ भी हो सकता था।

सिलसिले के बाद खत्म हो गया अमिताभ - रेखा का रिश्ता 

सिलसिले के सेट पर अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan ) और रेखा की नजदीकियां हर कोई देख पा रहा लेकिन यही सेट इस प्रेम कहानी के अंत का साक्षी बना। फिल्म की शूटिंग शूटिंग ख़त्म होते - होते अमिताभ ने रेखा से दूरियां बना लीं। कहा जाता है कि, रेखा, अमिताभ की जिंदगी में दूसरी औरत बनकर नहीं रहना चाहती थीं। वे अमिताभ से शादी करना चाहती थीं लेकिन अमिताभ इसके लिए तैयार नहीं हुए।  इसके बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। एक समय ऐसा भी आया जब अमिताभ ने रेखा के साथ काम करने से मना कर दिया।

अमिताभ बच्चन के साथ रिश्ता टूटने के बाद रेखा बिखर गई थीं। कुछ दिनों तक वे गुमनाम भी रहीं। इसके बाद एक खबर आई और फिर सब कुछ बदल गया। एक ऐसे शख्स ने रेखा की जिंदगी में एंट्री जिसके साथ उन्होंने सात जनम जी कसमें खा लीं। रेखा ने मुकेश अग्रवाल नाम के बिजनेसमैन से शादी कर ली। यह 1990 की बात है। रेखा को सब जानते थे लेकिन मुकेश अग्रवाल बहुत से लोगों के लिए नया नाम था।

कौन थे मुकेश अग्रवाल

मुकेश अग्रवाल का जन्म एक मध्यम वर्गीय बनिया परिवार में हुआ था। उन्होंने 13 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और कई छोटे-मोटे काम करने के बाद बिजनेस में हाथ आजमाया। 1970 के दशक के आखिर में उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर दिया। उन्होंने हॉटलाइन ब्रांड नाम से किचनवेयर का काम शुरू कर दिया।मुकेश का व्यवसाय खूब फला-फूला और उनके ब्रांड हॉटलाइन को अपार सफलता मिली।

चर्चा में रहना चाहते थे मुकेश अग्रवाल

मुकेश सफल बिजनेसमैन थे और उनका एक खास शौक था। वे चर्चा में रहना चाहते थे। ग्लैमर की दुनिया उन्हें काफी अच्छी लगती थी। मुकेश हमेशा एलीट समूह का हिस्सा बनना चाहते थे। ग्लैमर की दुनिया के बड़े लोगों की नज़र में आने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार थे।

मुकेश के दोस्त और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी नीरज कुमार, जो दिल्ली के पुलिस आयुक्त भी रह चुके हैं, के अनुसार, मुकेश एक अच्छे व्यक्ति थे  लेकिन वह चाहते थे कि दुनिया को पता चले कि, वह अगला बड़ा नाम है। वह कभी भी लो प्रोफाइल रहना पसंद नहीं करते थे। नीरज कुमार बताते हैं कि, "उसने (मुकेश अग्रवाल) एक घोड़ा खरीदा था और महरौली में उसका एक फार्म हाउस था। जब उनसे मिलने कोई मेहमान आने वाला होता था, तो वह घोड़े पर चढ़कर वहीं बैठ जाता था।"

रेखा और मुकेश अग्रवाल की मुलाकात कैसे हुई

रेखा अक्सर अपनी अच्छी दोस्त और  मशहूर फैशन डिजाइनर बीना रमानी से मिलने दिल्ली आती रहती थीं। बीना रमानी से एक मुलाकात में रेखा ने घर बसाने की इच्छा जताई थी। अपनी पसंद बताते हुए उन्होंने कहा था कि, उन्हें बस एक ऐसा व्यक्ति चाहिए था जो उनसे प्यार करे, उनसे शादी करे और उन्हें एक सरनेम दे। इसके बाद बीना रमानी ने रेखा को मुकेश अग्रवाल से मिलवाया।

ये भी पढ़ें...नेटफ्लिक्स ने IC 814 सीरीज को लेकर मांगी माफी, कहा- सही कंटेंट करेंगे अपलोड

रेखा का क्रेजी फैन

बीना रमानी ने रेखा को फोन किया और उन्हें उनके 'क्रेजी फैन' के बारे में बताया था, जो एक मशहूर बिजनेसमैन था। जब बीना ने रेखा से पूछा कि, क्या वो अपना नंबर मुकेश को देना चाहती हैं, तो रेखा ने उन्हें मना कर दिया, इसके बजाय उन्होंने मुकेश अग्रवाल का नंबर मांग लिया।

फोन कॉल पर हुई लंबे समय तक बात

रेखा, मुकेश अग्रवाल को फोन करने के लिए बहुत उत्सुक या सहज नहीं थीं, लेकिन बीना के दबाव के बाद उन्होंने पहला कदम उठाया और मुकेश को फोन किया। दोनों की पहली बातचीत काफ़ी औपचारिक थी, लेकिन मुकेश, रेखा की आवाज़ से पूरी तरह प्रभावित हो गए थे। मुकेश को यकीन ही नहीं हो रहा था कि सुपरस्टार रेखा ने उन्हें फोन किया है। पहली फ़ोन कॉल के बाद, दोनों के बीच कई कॉल्स हुईं। महीनों फोन पर बात करने के बाद रेखा और मुकेश ने पहली डेट प्लान की।

मुकेश और रेखा की पहली मुलाकात

पहली फोन कॉल के एक महीने के भीतर ही दोनों की पहली मुलाकात बॉम्बे में हुई। ग्लैमर की दुनिया के दिखावटीपन से दूर, मुकेश की ईमानदारी और सादगी ने रेखा को प्रभावित कर दिया। वहीं दूसरी ओर मुकेश ने पहली मुलाकात के बाद रेखा के लिए तारीफ़ों की बौछार कर दी। दोनों की पहली मुलाकात काफी अच्छी रही।

रेखा और मुकेश अग्रवाल की दूसरी मुलाकात

बंबई में अपनी पहली मुलाकात के बाद मुकेश ने रेखा को दिल्ली आने के लिए मना लिया। जब वे दिल्ली आईं, तो उनके फार्म हाउस में दोनों ने काफी समय बिताया। दिल्ली में मुकेश अग्रवाल ने रेखा को काफी स्पेशल फील कराया। रेखा, मुकेश के इस व्यवहार से काफी इम्प्रेस हो गईं। मुकेश ने रेखा को उनके परिवार से भी मिलाया। मुकेश के परिवार के साथ भी रेखा की मुलाकात काफी अच्छी रही।

जब मुकेश ने रेखा को किया शादी के लिए प्रपोज

रविवार, 4 मार्च 1990 का दिन था, बमुश्किल एक महीने पहले मुकेश, रेखा से पहली बार मिले थे। 4 मार्च को वे रेखा से मिलने बॉम्बे स्थित उनके घर गए। रेखा को अंदेशा था कि, मुकेश किस उद्देश्य से उनके पास आए हैं। मुकेश रेखा के घर गए, कुछ देर बैठे और जैसे ही बातें शुरू हुईं मुकेश ने रेखा के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। रेखा मुकेश के इस प्रस्ताव से शॉक नहीं थीं। जैसे ही मुकेश ने प्रस्ताव रखा रेखा ने हां कर दी। रेखा मुकेश के सवाल से शॉक नहीं थी लेकिन मुकेश, रेखा के जवाब से पूरी तरह शॉक हो गए। कुछ देर शांति से  वे ख़ुशी से झूम उठे और उन्होंने रेखा का हाथ पकड़कर उनसे कहा - "चलो अभी शादी कर लेते हैं।"

रेखा और मुकेश एक - दूसरे को लेकर काफी सीरियस थे। दोनों ने कुछ ही घंटे में शादी भी कर ली। जब दोनों विवाह के बंधन में बंध रहे थे तो न रेखा का परिवार मौजूद था न मुकेश का। रेखा और मुकेश की शादी दोनों के लिए किसी सपने सी थी। मुकेश बॉलिवुड की उस हीरोइन से शादी करने जा रहे थे जिनसे मिलना करोड़ों लोगों का सपना था और रेखा को वो व्यक्ति मिल गया था जो उनसे बेइंतेहा मोहब्बत करता था और उन्हें सरनेम देने को भी तैयार था।

रेखा और मुकेश उसी दिन एक दूसरे के हो जाना चाहते थे। 4 मार्च की शाम को रेखा ने अपनी पसंदीदा लाल और सुनहरे रंग की कांजीवरम साड़ी पहनी थी। साड़ी के साथ पारंपरिक आभूषण पहने रेखा बेहद सुंदर लग रहीं थीं। मुकेश, रेखा और उनकी सबसे अच्छी दोस्त सुरिंदर जुहू में एक मंदिर की तलाश में निकले। वे इस्कॉन मंदिर में रुके, जहाँ बहुत भीड़ थी। इसके बाद उन्हें इस्कॉन के सामने एक मंदिर दिखा। इस मंदिर का नाम था मुक्तेश्वर देवालय। मुकेश अग्रवाल मंदिर में गए और पुजारी से कहा कि, वह तुरंत शादी करना चाहते हैं। मंदिर के पुजारी ने जब दुल्हन को देखा तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गईं। मुकेश को वे नहीं जानते थे लेकिन रेखा जैसी सुपर स्टार को वो न पहचाने यह नामुमकिन था। उनके मन में कई सवाल थे कि, इतनी बड़ी हिरोइन ऐसे चुपचाप एक साधारण से आदमी से शादी करने मंदिर क्यों आईं लेकिन वे कुछ पूछ नहीं पाए।

शाम हो चुकी थी मंदिर के द्वार बंद हो गए थे लेकिन मुकेश और रेखा के लिए पंडित ने मंदिर के द्वार भी खोले और उनकी शादी भी करवाई। बाद मंदिर के नियम तोड़ने के लिए उन्हें हटा दिया गया था। खैर रेखा और मुकेश अब एक दूसरे के हो गए थे। रेखा अब 'रेखा' नहीं रह गईं थीं उन्हें एक सरनेम मिल गया था और अब वे 'रेखा अग्रवाल' हो गईं थीं।

दोनों की शादी जल्द बाजी में हुई थी इसके कारण परिवार का कोई भी व्यक्ति इस विवाह का साक्षी नहीं हो पाया था। रेखा की मां के कहने पर दोनों ने 15 अप्रैल 1990 को तिरुपति मंदिर में दोबारा शादी की। इस बार जेमिनी गणेशन भी शादी में आए। यह रेखा के लिए भावुक पल था क्योंकि जेमिनी गणेशन ने उन्हें कभी पब्लिकली स्वीकार नहीं किया था। उनका रेखा - मुकेश की शादी का साक्षी बनना काफी मायने रखता था।

शादी के बाद जब मुकेश अग्रवाल ने उन्हें अपनी किसी दोस्त को यह खबर देने के लिए कहा तो उन्होंने हेमा मालिनी को चुना। हेमा मालिनी के घर रेखा अपने पति मुकेश के साथ पहुंची तो हेमा मालिनी अचंभे में रह गईं। उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि, रेखा ने शादी कर ली। मुकेश अग्रवाल से मिलने के बाद हेमा मालिनी ने कहा - ये लड़का अमीर तो है न...। इसके बाद रेखा और मुकेश की शादी की खबर अब हर किसी तक पहुंच गई थी। इधर मुकेश अग्रवाल और रेखा अपने जीवन के सबसे सुखद समय में थे।

शादी के बाद कैसी थी मुकेश और रेखा की जिंदगी

शादी के बाद मुकेश और रेखा हनीमून के लिए लंदन गए। शादी के शुरुआती दिन बहुत अच्छे थे और यह पहली बार था जब दोनों ने एक-दूसरे के साथ इतना लंबा समय बिताया था लेकिन अभी कहानी नया मोड़ लेने वाली थी। लंदन में एक हफ़्ते के भीतर ही रेखा को पता चल गया कि वे दो अलग-अलग लोग हैं और उन्हें भी लगा कि मुकेश को कुछ परेशान कर रहा है। सवाल पूछने पर मुकेश ने रेखा से कहा कि, "तुम्हारी तरह मेरी ज़िंदगी में भी एक AB है।"

यहां मुकेश जिस जिसका जिक्र कर रहे थे वे रेखा का अतीत अमिताभ बच्चन थे।  उनके पति मुकेश का भी अपने 'AB' के साथ अतीत था। मुकेश की ज़िंदगी में 'AB' उनके मनोचिकित्सक आकाश बजाज थे, जो तलाकशुदा थे और उनके दो बच्चे थे। रेखा से मिलने से पहले मुकेश के बारे में कहा जाता था कि वे आकाश बजाज के साथ रिलेशनशिप में थे और वे उसके बच्चों से बहुत प्यार करते थे। दरअसल, वे किसी भी आम परिवार की तरह छुट्टियां मनाने भी साथ जाते थे लेकिन जब वह रेखा से मिले और उनसे शादी का प्रस्ताव रखा, तो उन्होंने आकाश बजाज को इस बारे में बताने की परवाह नहीं की।

खैर इस खुलासे के बाद मुकेश अग्रवाल और रेखा के बीच प्यार कम नहीं हुआ लेकिन इस बात को लेकर रेखा के मन में कई सवाल थे। दोनों हनीमून से वापस आ गए और रेखा अपने काम में व्यस्त हो गईं। रेखा एक सिंपल मैरिड लाइफ चाहती थी जबकि मुकेश को बड़ी - बड़ी पार्टी करने का शौक था। अक्सर वीकेंड पर रेखा के घर पर भीड़ होती थी और रेखा को मुकेश के साथ समय बिताने का समय भी नहीं मिलता था। रेखा को समझ आ गया था कि, मुकेश और वो दोनों बिलकुल अलग - अलग इंसान हैं।

ये भी पढ़ें...बदल गए तंबाकू उपयोग चेतावनी के विज्ञापन, सेंसर बोर्ड का आदेश

रिश्तों में कड़वाहट की शुरुआत 

साल 1990 में दुनिया भर में आर्थिक संकट आया था। भारत पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा। मुकेश की कंपनी व्यापार घाटे में चल रही थी और जब रेखा को इस बारे में पता चला तो वह काफी परेशान हो गईं। उनके रिश्ते में दरार तब आई जब रेखा को पता चला कि, मुकेश अपने व्यापार को बचाने की जगह मुंबई में अपना समय बिता रहे हैं।

रेखा का दिल्ली आना-जाना कम हो गया था। रेखा की गैरमौजूदगी से परेशान मुकेश परेशान हो गए। उन्होंने रेखा को यहां तक कह दिया था कि, फिल्मों में काम करना बंद कर दें। जब रेखा ने दिल्ली आना-जाना कम कर दिया तो मुकेश बॉम्बे में समय बिताने लगे। मुकेश अक्सर बॉलीवुड पार्टियों में घूमते नजर आते थे। मुकेश का व्यवहार रेखा के लिए शर्मनाक होता जा रहा था। वह हमेशा अपनी वैवाहिक स्थिति का बखान करती थीं लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी।

मुकेश की बीमारी से अंजान थीं रेखा

मुकेश गंभीर डिप्रेशन के लिए भारी दवाइयां ले रहे थे और रेखा को इस बारे में पता नहीं था। रेखा मुकेश से दूर जाना चाहती थीं क्योंकि वह अपनी बेमतलब की शादी को समझ ही नहीं पा रही थीं। उन्होंने मुकेश अग्रवाल और उनके परिवार से खुद को दूर करने का फैसला कर लिया था। स्थिति यह हो गई थी कि, रेखा ने मुकेश के फोन भी उठाने बंद कर दिए थे। कई कोशिशों के बाद भी मुकेश रेखा से संपर्क नहीं कर पाए और उन्हें वापस नहीं ला पाए।

मुकेश गंभीर अवसाद में थे और रेखा इस बात से बेखबर थीं। 10 सितंबर 1990 को मुकेश अग्रवाल ने रेखा को फोन किया और दोनों आपसी सहमति से तलाक लेने पर सहमत हो गए।

सात महीने ही चली रेखा की पहली शादी

2 अक्टूबर 1990, किसी आम दिन की तरह ही था लेकिन रेखा को एक खबर मिली और उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गई। मुकेश सीवियर डिप्रेशन में थे। व्यापार में घाटा हो रहा था और रेखा संग रिश्ता भी टूट रहा था। 2 अक्टूबर को उन्होंने अपनी जान लेने का फैसला कर लिया था। मुकेश अग्रवाल ने अपनी पत्नी के दुपट्टे का इस्तेमाल करके अपने कमरे के सीलिंग फैन से लटककर आत्महत्या कर ली। उनकी शादी सिर्फ़ सात महीने ही चल पाई थी।

मुकेश की मौत का जिम्मेदार रेखा को ठहराया गया। हर कोई उनसे नफरत करने लगा। रेखा हमेशा से घर बसाना चाहती थीं, वह शादी करना चाहती थीं। उन्होंने एक बार दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर और मुकेश के अच्छे दोस्त नीरज कुमार से कहा था कि वह सामान्य पारिवारिक जीवन के लिए अपना स्टारडम छोड़ने के लिए तैयार हैं  लेकिन किस्मत ने रेखा के लिए कुछ और ही तय कर रखा था।

रेखा में आए बड़े बदलाव

मुकेश अग्रवाल की आत्महत्या के बाद रेखा में एक बड़ा बदलाव आया। उनके बारे में हमेशा गॉसिप की जाती थी और अटकलें लगाई जाती थीं - खासकर अमिताभ बच्चन के साथ उनके रिश्तों को लेकर। मुकेश अग्रवाल की आत्महत्या के बाद एक बार फिर उनका नाम अमिताभ बच्चन से जोड़ा जाने लगा। मुकेश की मौत के बाद रेखा ने इंटरव्यू में अपनी निजी जिंदगी के बारे में बात करना बंद कर दिया। वे अपनी निजी जिंदगी को अब खुद तक ही सीमित रखने लगीं।

अमिताभ संग रिश्तों पर क्या बोलीं थी रेखा

साल 2004 में सिमी ग्रेवाल के साथ एक इंटरव्यू में, जब रेखा से पूछा गया कि क्या उन्हें कभी अमिताभ बच्चन से प्यार हुआ था, तो रेखा ने कहा, "बिल्कुल"। उन्होंने आगे बताया, "अरे, यह एक बेवकूफी भरा सवाल है। मुझे अभी तक एक भी ऐसा पुरुष, महिला, बच्चा नहीं मिला है जो पूरी तरह से, जुनून से, पागलपन से उनके प्यार में न पड़ जाए। तो मुझे क्यों बाहर होना चाहिए? मैं किस बात से इनकार करूं? मुझे उनसे प्यार नहीं है? बेशक है। आप प्यार में पूरी दुनिया को शामिल कर लेते हैं और फिर कुछ और जोड़ देते हैं - मैं उस व्यक्ति के लिए ऐसा महसूस करती हूँ। बॉटमलाइन।"

हालांकि, उसी साक्षात्कार में, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे कभी रिश्ते में नहीं थे। उन्होंने कहा, "उनके साथ कभी कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं था, यह सच है। विवादों और अटकलों में कोई सच्चाई नहीं थी।"

रेखा शायद बॉलीवुड की पहली अभिनेता हैं जिन्होंने 'वीमेन ओरिएंटेड' भूमिकाएं निभाईं। खून भरी मांग और बीवी हो तो ऐसी और अन्य फिल्मों में उनके काम ने उनकी अलग पहचान स्थापित की। रेखा ने उस दौर में मीरा नायर की कामसूत्र: ए टेल ऑफ लव और आस्था: इन द प्रिजन ऑफ़ स्प्रिंग जैसी फिल्में भी कीं। यह वो समय था जब फिल्म में एक्ट्रेस को शांत और शर्मीली लड़की की तरह दिखाया जाता था। 1981 में आई फिल्म "उमराओ जान" में उन्होंने ऐसा अभिनय किया की सब दीवाने हो गए। इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल फिल्ल्म अवार्ड मिला था। इसके अलावा उन्हें साल 2010 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। साल 2012 में वे राज्यसभा की सदस्य भी बनी। सैकड़ों फिल्मों में नजर आई रेखा अब कम ही कार्यक्रमों में दिखाई देती हैं। उनका जीवन संघर्ष और संघर्ष की कहानी है। फिल्मी दुनिया में उन्होंने एक्टिंग के वो स्टैण्डर्ड सेट किए जिस तक पहुंचना बहुत से लोगों के लिए सपना है। वे कई बार टूटी और कई बार बिखरीं लेकिन हर बार वे पहले से भी ज्यादा स्ट्रांग बनकर दुनिया के सामने आई। यही है असाधारण रेखा की कहानी।

अब लौटते हैं कॉलेज पर, ये होगा कहां ?  

दरअसल अभिनेत्री रेखा ने मप्र सरकार को प्रदेश के ग्वालियर जिले में अपने स्व. पति मुकेश अग्रवाल के नाम पर एक मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव दिया है। उनके इस प्रस्ताव पर स्वास्थ्य विभाग (मेडिकल एजुकेशन) परीक्षण कर स्वीकृति देने की तैयारी कर रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही अभिनेत्री रेखा अपने पति मुकेश अग्रवाल के नाम पर ग्वालियर में मेडिकल कॉलेज शुरुआत करेंगी। हालांकि बताया यह भी जाता है कि ग्वालियर में स्थित जमीन को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा है। अब  खबर है कि यह विवाद सुलझ गया है और इसी जमीन पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी। संभवत: ऐसा पहली बार होगा कि मप्र में हिंदी सिनेमा की कोई हस्ती शिक्षा संस्थान का संचालन करेगा।

रेखा ने दिए थे स्कूल के लिए 3 करोड़

वर्षों पहले अभिनेत्री रेखा ने छिंदवाड़ा में एक स्कूल के निर्माण और संचालन के लिए 3 करोड़ रुपए का दान दिया था। उनके इस दान से छिंदवाड़ा में एक स्कूल का निर्माण किया गया था। उस समय इस बात की काफी चर्चा थी कि रेखा मप्र में काफी कुछ करना चाहती हैं।

Thesootr links

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

bollywood actor बॉलीवुड फिल्में Bollywood Actors रेखा और अमिताभ की प्रेम कहानी फिल्में amitabh bachchan films Bollywood रेखा भारतीय फिल्में amitabh bacchan bollyood news Amitabh Bachan Rekha