/sootr/media/media_files/2025/12/13/ias-santosh-verma-2025-12-13-21-51-08.jpg)
BHOPAL. विवादित बयानों के कार्रवाई में घिरे आईएएस संतोष वर्मा के दबे- छिपे कारनामे भी अब सामने आ रहे हैं। वर्मा के प्रशासनिक रसूख के चलते अब तक उनकी मनमाने निर्णय दबे हुए थे। वर्मा ने कृषि विपणन बोर्ड में अपने नजदीकी आउटसोर्स कर्मचारी को पावरफुल बनाने के लिए सरकारी नियमों की अनदेखी की।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में पदस्थापना के बाद आईएएस वर्मा के आदेशों से अधिकारी-कर्मचारी नाराज थे। वर्मा पर कार्रवाई की सुगबुगाहट के बाद कर्मचारी मुखर हो गए हैं। वे उनकी कारगुजारियों के बारे में बोलने लगे हैं।
एमपी सरकार के दो साल पूरे होने पर सर्वे में शामिल होने के लिए फोटो पर करें क्लिक...
विवादित आईएएस संतोष वर्मा का आईएएस अवॉर्ड वापस लेने प्रदेश सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र
सलाहकार से सलाह नहीं, कराए दूसरे काम
मध्यप्रदेश सरकार ने आईएएस संतोष वर्मा को कृषि विभाग में उपसचिव के रूप में पदस्थ किया था। विभाग में पदस्थापना के बाद वर्मा ने अपने भरोसेमंदों को प्रमुख दायित्व देने का काम शुरू कर दिया। नजदीकियों को प्रभावशाली बनाने के लिए वर्मा विभागीय गाइडलाइन को भी अनदेखा करते चले गए।
कृषि विपणन बोर्ड के चंद्रकांत कश्यप सलाहकार के रूप में कार्यरत थे। उनकी नियुक्ति आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में की गई थी। उपसचिव वर्मा ने अपना नजदीकी होने की वजह से कश्यप को अहम जिम्मेदारी देने से भी परहेज नहीं किया।
आईएएस संतोष वर्मा का प्रमोशन रुका, इनके साथ ये अफसर भी हैं रडार में, जल्द होगा आदेश
वर्मा ने बढ़ाया आउटसोर्स का प्रभाव
आउटसोर्स पर नियुक्त सलाहकार चंद्रकांत को बोर्ड के न्यायालयीन मामले और कृषि अभियांत्रिकी इकाई का दायित्व सौंपा गया। बोर्ड के नियमित और वरिष्ठ अधिकारी-कर्मचारियों के साथ पक्षपात किया गया। वर्मा ने नवम्बर में इस संबंध में आदेश जारी किया था।
इस आदेश से वरिष्ठता की अनदेखी हुई, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी थी। वर्मा ने नियमित कर्मचारियों से भर्ती नियमों में संशोधन, वेतनमान, पदोन्नति और बैकलॉग भर्ती के काम वापस ले लिए। ये काम गोपनीय होने के बावजूद आउटसोर्स कर्मचारी को सौंपे गए।
सीएम मोहन यादव का एक्शन, आईएएस संतोष वर्मा को कृषि विभाग से हटाया
नियमित कर्मचारियों की अनदेखी
चंद्रकांत को आउटसोर्स पर 26 सितंबर को बोर्ड में नियुक्ति मिली थी। फिर भी केवल दो माह में वे IAS वर्मा के खास बन गए। यही नहीं वर्मा के इशारे पर चंद्रकांत द्वारा पहले से इन शाखाओं को संभालने वाले कर्मचारियों को पूरी तरह दूर कर दिया गया था।
दूसरा कोई कर्मचारी इससे जुड़ी फाइल देख भी नहीं सकता था। कृषि विपणन बोर्ड के कर्मचारी आईएएस वर्मा द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी को गोपनीय और महत्वपूर्ण काम सौंपने पर सवाल उठा रहे हैं। इसकी शिकायत विभाग प्रमुख और सरकार से भी की गई है।
गाइडलाइन पर भारी मनमानी
आउटसोर्स कर्मचारियों को विभागों में सहायक कार्य, डेटा एंट्री, सुरक्षा, सफाई, और तकनीकी सहायता जैसे कार्य सौंपे जा सकते हैं। लेकिन वे नियमित कर्मचारियों के लिए निर्धारित काम नहीं कर सकते। इसके लिए सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग नीति और ठेका श्रम नियम के तहत कार्यों का निर्धारण करती है। इसके बावजूद वर्मा ने नियमित कर्मचारियों से ये काम आउटसोर्स कर्मचारी को सौंप दिए। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए काम तय होने पर भी वर्मा ने गाइडलाइन की परवाह तक नहीं की।
आईएएस संतोष वर्मा पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दिए संकेत
इसलिए अहम है बोर्ड के दायित्व
कृषि विपणन बोर्ड प्रदेश में सरकार और किसानों के बीच अहम कड़ी है। बोर्ड का दायित्व कृषि उपज मंडियों में नीलामी, मंडियों में सुविधाओं का विकास, उपज की खरीद-बिक्री की निगरानी और अवैध कारोबार पर नियंत्रण है। यह किसानों को खाद-बीज उपलब्ध कराने और कृषि अभियंत्रिकी में आधुनिक उपकरण प्रदान करने का भी जिम्मेदार है। बोर्ड के पास भरपूर बजट भी रहता है।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us
/sootr/media/post_attachments/1bf02302-168.jpg)