विवादित आईएएस संतोष वर्मा का आईएएस अवॉर्ड वापस लेने प्रदेश सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश सरकार ने विवादित IAS अफसर संतोष वर्मा का अवॉर्ड वापस लेने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। इस पत्र के बाद उनके IAS अवॉर्ड पर खतरा मंडरा रहा है। फैसला अब केंद्र सरकार के हाथ में है।

author-image
Ravi Awasthi
New Update
tarmination letter against IAS santosh varma by state govt

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संतोष वर्मा का अवॉर्ड वापस लेने के लिए केंद्र को पत्र भेजा है। यह पत्र राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजा गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर यह कदम उठाया गया।

वर्मा मप्र कैडर के वर्ष 2012 बैच के प्रमोटी आईएएस हैं। वह संभवतया ऐसे दूसरे अधिकारी हैं, जिनके आईएएस अवॉर्ड पर राज्य सरकार को कठोर निर्णय लेना पड़ा है।

तीन पन्नों के इस पत्र में आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ अनेक गंभीर तथ्यों और घटनाक्रम का उल्लेख किया गया है। पत्र में 23 नवंबर को भोपाल के अजाक्स सम्मेलन में दिए गए वर्मा के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि इससे सामाजिक समरसता प्रभावित हुई। समाज में तनाव की स्थिति बनी। इसे आईएएस अधिकारी के लिए अपेक्षित आचरण का उल्लंघन माना गया है।

यह खबरें भी पढ़ें...

आईएएस संतोष वर्मा का प्रमोशन रुका, इनके साथ ये अफसर भी हैं रडार में, जल्द होगा आदेश

सीएम मोहन यादव का एक्शन, आईएएस संतोष वर्मा को कृषि विभाग से हटाया

फर्जी आदेश के आधार पर पदोन्नति का आरोप

संतोष वर्मा को राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति उस न्यायालयीन आदेश के आधार पर दी गई थी, जिसे बाद में फर्जी पाया गया। संबंधित आपराधिक प्रकरण (851/2016) में 6 अक्टूबर 2020 को कथित दोषमुक्ति आदेश का हवाला दिया गया था।

जबकि पुलिस जांच में सामने आया कि ऐसा कोई अंतिम आदेश उस तारीख को जारी ही नहीं हुआ था। बाद में इसी फर्जी आदेश के इस्तेमाल को लेकर अलग से आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुआ।

आईएएस वर्मा को लेकर राज्य सरकार के पत्र को ऐसे समझें 

संतोष वर्मा का आईएएस अवॉर्ड वापस लेने की सिफारिश: मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्रीय मंत्रालय से वर्मा का आईएएस अवॉर्ड वापस लेने की मांग की है।

फर्जी आदेश पर पदोन्नति का आरोप: वर्मा को फर्जी न्यायालयीन आदेश पर पदोन्नति मिली, जो बाद में संदिग्ध पाया गया।

गिरफ्तारी और निलंबन: वर्मा को फर्जी आदेश पेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, बाद में निलंबित किया गया।

विवादित बयान और सामाजिक तनाव: वर्मा का बयान सामाजिक तनाव का कारण बना, जिससे राज्य सरकार ने कार्रवाई की सिफारिश की।

केंद्र सरकार का अंतिम निर्णय: आईएएस अवॉर्ड वापस लेने का अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है, जो राष्ट्रपति के माध्यम से होगा।

गिरफ्तारी, निलंबन और विभागीय जांच का उल्लेख

राज्य सरकार ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि फर्जी आदेश प्रस्तुत करने के मामले में वर्मा की गिरफ्तारी हुई। न्यायालय से उन्हें जमानत मिली। 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस कस्टडी में रहने के कारण अखिल भारतीय सेवा नियम, 1969 के तहत उन्हें निलंबित किया गया। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की, जो अब भी जारी है।

अब भी लंबित हैं आपराधिक मामले

पत्र में यह तथ्य भी दर्ज है कि मूल आपराधिक प्रकरण अब भी न्यायालय में विचाराधीन है। उसमें कोई अंतिम आदेश पारित नहीं हुआ है। कथित फर्जी न्यायालयीन आदेश के आधार पर पदोन्नति का मामला अलग से जांच के दायरे में है।

केंद्र से राज्य सरकार की अपील

राज्य सरकार ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय से संतोष वर्मा को दी गई आईएएस पदोन्नति को निरस्त करने की मांग की है। उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा से बाहर करने की सिफारिश भी की गई है।

अब इस मामले में निगाहें केंद्र सरकार के फैसले पर टिकी हैं। आईएएस अवॉर्ड वापस लेने और सेवा से पृथक करने का अंतिम अधिकार केंद्र सरकार के पास ही होता है।

तो आईएएस अवॉर्ड गंवाने वाले वर्मा होंगे दूसरे अधिकारी

वर्मा ऐसे दूसरे अधिकारी हैं,जिनका आईएएस अवॉर्ड वापस लेने राज्य सरकार को केंद्र को पत्र लिखना पड़ा। इससे पहले वर्ष 1999 बैच की आईएएस शशि कर्णावत ने भी इसी तरह पद गंवाया था।

करीब 33 लाख के प्रिटिंग घोटाले में कर्णावत को अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद सरकार ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश केंद्र को की। वर्मा पर सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले बयान देने और पदोन्नति के लिए कूटरचित दस्तावेज का इस्तेमाल करने का गंभीर आरोप है।

यह खबरें भी पढ़ें...

हर ब्राह्मण परिवार से निकलेगी दुर्गा और काली: IAS संतोष वर्मा के बयान पर बरसीं महाकुंभ की वायरल साध्वी हर्षा रिछारिया

कितनों को मारोगे, हर घर से संतोष निकलेगा...फिर चर्चा में आए आईएएस संतोष वर्मा, नया वीडियो वायरल

तय मानी जा रही बर्खास्तगी,चार्जशीट भी जल्द

वर्मा राज्य प्रशासनिक सेवा के वर्ष 1996 बैच के अधिकारी के तौर पर सरकारी सेवा में आए। साल 2021 में उन्हें आईएएस अवॉर्ड हुआ।उन्हें वरिष्ठता के आधार पर साल 2012 बैच आवंटित किया गया।

सूत्रों के मुताबिक,राज्य सरकार की उक्त सिफारिश के बाद उनका आईएएस का तमगा छिनना तय माना जा रहा है। सरकार उन्हें जल्दी ही चार्जशीट भी थमाएगी। इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनकी सेवा समाप्त की जा सकती है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव केंद्र सरकार मध्य प्रदेश सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस संतोष वर्मा आईएएस अवॉर्ड वापस लेने की मांग
Advertisment