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अजाक्स के अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मणों की बेटियों को लेकर दिया गया बयान अब विवादों में घिर चुका है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya ) ने वर्मा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदाजनक बताया है।
उन्होंने कहा कि सरकार वर्मा को कड़ी से कड़ी सजा देने की कोशिश कर रही है। वहीं, ब्राह्मण समाज आज (5 दिसंबर) फिर वर्मा के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा है।
इसके अलावा, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ भाजपा सांसदों और ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों ने भी वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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क्या था आईएएस संतोष वर्मा का बयान ?
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अजाक्स (Ajjaks Madhya Pradesh) संगठन के प्रांतीय अधिवेशन के दौरान IAS अफसर संतोष वर्मा (ias santosh verma bayan) को संगठन का नया प्रांताध्यक्ष चुना गया था।
इस दौरान अपने भाषण में संतोष वर्मा ( IAS संतोष वर्मा विवादित बयान) ने कहा था कि,जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।
अजाक्स अध्यक्ष संतोष वर्मा यह भी कहा कि समाज में आरक्षण (Reservation ) तब तक रहेगा, जब तक रोटी-बेटी का व्यवहार समान नहीं होता।
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जनवरों को अमृत हजम नहीं होता
इससे पहले पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर शिवपुरी में जमकर नाराजगी जताई थी। मिश्रा ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की भागवत कथा के मंच से ही सरकार से मांग की कि ऐसे अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। मिश्रा का कहना था कि वर्मा का बयान समाज को बांटने वाला है।
मिश्रा ने आगे कहा था कि दुनिया में कुछ चीजें अमृत जैसी होती हैं, लेकिन हर कोई उन्हें संभाल नहीं पाता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा-
आयुर्वेद में मधुमक्खी का शहद अमृत माना जाता है, लेकिन अगर कुत्ता उसे चाट ले तो उसकी मौत हो जाती है।
इसी तरह देशी गाय का घी अमृत है, लेकिन मक्खी उसे चाट ले तो मर जाती है। नीम को प्राकृतिक डॉक्टर कहा गया है, लेकिन अगर कौवा नीम की निबोली खा ले तो मर जाता है।
मिश्री मीठी और अमृत समान है, लेकिन अगर गधा खा ले तो वह भी नहीं बचता।
मिश्रा ने ये भी कहा था कि ये सारी चीजें अमृत हैं, लेकिन कुत्ते, मक्खी, कौवे और गधे को हजम नहीं होतीं। ठीक उसी तरह सनातन भी अमृत है, लेकिन ऐसे अधिकारियों (संतोष वर्मा) को यह अमृत हजम नहीं होता।
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