संतोष वर्मा के बयान पर डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने पोस्ट की, पर कहीं नाम नहीं लिखा

मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला का "बिना नाम वाला बयान" विवादों में आ गया है। उन्होंने आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया दी, लेकिन उनका नाम नहीं लिया। ब्राह्मण संगठनों और कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं।

author-image
Ramanand Tiwari
New Update
rajendra shukla

Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. मध्य प्रदेश में आईएएस संतोष वर्मा के शर्मनाक बयान का जमकर विरोध हो रहा है। ब्राह्मण समाज सड़कों पर उतर आया है। प्रदेश के सभी हिस्सों में धरना प्रदर्शन चल रहे हैं।

इसी बीच अब मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। हालांकि शुक्ला ने इस पोस्ट में आईएएस संतोष वर्मा का नाम नहीं लिखा है। उनके इस परहेज पर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लिया है।

क्या लिखा शुक्ला ने...

वर्मा के बयान के चार दिन बाद डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बयान जारी किया है। उन्होंने लिखा कि एक आईएएस अधिकारी द्वारा बहन एवं बेटियों को लेकर की गई टिप्पणी अत्यंत आपत्तिजनक, असंवेदनशील और समाज में अनावश्यक विभाजन पैदा करने वाली है। किसी भी समाज के बहन एवं बेटियों के विरुद्ध ऐसी टिप्पणी विकृत मानसिकता का परिलक्षण है।

एक उच्च पद पर बैठे अधिकारी से ऐसे विचार न केवल सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि प्रशासनिक गरिमा पर भी प्रश्न उठाते हैं। सरकार की स्पष्ट मान्यता है कि किसी भी जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी द्वारा मातृशक्ति के विरुद्ध ऐसी टिप्पणी करना सामाजिक समरसता और संवैधानिक मर्यादा दोनों के विरुद्ध है। 

इस प्रकार की सोच भारतीय संस्कृति और हमारी परंपराओं का भी अपमान करती है। सभी वर्गों का सम्मान हमारी परंपरा का मूल है और किसी भी समुदाय विशेष को लक्षित कर की गई टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती। 

इसी आधार पर सरकार द्वारा उनसे बयान पर स्पष्टीकरण मांगा गया है जो संतुष्टि प्रदायक न होने पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी।

एमपी सरकार के दो साल पूरे होने पर सर्वे में शामिल होने के लिए फोटो पर क्लिक करें...

mp goverment two year

शुक्ला के बयान पर घमासान

शुक्ला के इस विवादित बयान को लेकर नया राजनीतिक घमासान खड़ा हो गया है। राजनीतिक हलकों में बड़ा सवाल है कि जब आईएएस वर्मा का वीडियो चार दिनों से सोशल, प्रिंट और राजनीतिक प्लेटफॉर्म पर घूम रहा है, तब उपमुख्यमंत्री ने नाम लेने से परहेज क्यों किया? 

राजेंद्र शुक्ला के इस ‘बिना नाम वाले बयान’ से ब्राह्मण समाज में गुस्सा है। जब सरकार ने नोटिस जारी कर दिया। जब पूरा प्रदेश अधिकारी का नाम जानता है तो उपमुख्यमंत्री ने आखिर वर्मा का नाम क्यों नहीं लिखा। 

ये खबर भी पढ़ें...

विवादित बयान पर आईएएस संतोष वर्मा को नोटिस, 7 दिन में मांगा जवाब

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस नेताओं ने शुक्ला पर तंज कसते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री चार दिन से खामोश थे। अब सामने आए जब सरकार ने आईएएस संतोष वर्मा को नोटिस जारी कर दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता रीतेश त्रिपाठी का आरोप है कि शुक्ला हटो बच्चों वाली स्थिति में हैं कि न बोल पाते हैं, न चुप रह पाते हैं। अगर इतना दुख था तो एफआईआर क्यों नहीं कराई?”

ये खबर भी पढ़ें...

अजाक्स का असली अध्यक्ष कौन; संतोष वर्मा या मुकेश मौर्य, सरकार लगाएगी मुहर

कांग्रेस की तीखी टिप्पणी 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विनोद शर्मा का यह आरोप है कि उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ब्राह्मण वोट बैंक की राजनीति करते हैं। रीवा में ‘ब्रह्मरत्न’ सम्मान लेते हैं और ब्राह्मण कोटे से ही डिप्टी सीएम बने हैं। तो ऐसे में उन्हें खुद आगे बढ़कर संतोष वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करानी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और ‘सुरक्षित दूरी’ अपनाते हुए सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट से काम चला लिया। 

शर्मा ने कहा कि उन्हें पूरे विंध्य क्षेत्र की जनता देख रही है। खासकर ब्राह्मण जिनके नाम पर वे वोट तो लेते हैं। जब ब्राह्मण के सम्मान की बात आती है तो मुंह फेर लेते हैं और गहरे बयान देने से बचते हैं। वे 4 दिन बाद जागे हैं, कहां सो रहे थे अभी तक जब उन्हें लगा कि उनके नीचे से जमीन खिसक रही है तो वे जागे हैं। शुक्ला ने जागने के बाद भी ब्राह्मणों की बच्चियों के लिए अनर्गल बयानबाजी देने वाले आईएएस संतोष वर्मा का नाम नहीं लिया। हम इसकी निंदा करते हैं।

ये खबर भी पढ़ें...

आईएएस संतोष वर्मा पर सरकार करेगी कार्यवाही, पुराने मामले भी खुलेंगे

विवाद की असली वजह

पूरे विवाद की जड़ में आईएएस संतोष वर्मा की वह टिप्पणी है, जिसे बहन-बेटियों के प्रति असंवेदनशील, आपत्तिजनक और सामाजिक विभाजन बढ़ाने वाला माना गया। उपमुख्यमंत्री ने भी अपनी पोस्ट में इसे भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अपमान बताया। सरकार ने इस आधार पर अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है और चेतावनी दी है कि जवाब संतोषजनक न होने पर कार्रवाई तय है।

ये खबर भी पढ़ें...

आईएएस संतोष वर्मा के विवादित बयान पर ग्वालियर में बवाल, गिरफ्तारी को लेकर धरने पर बैठा सवर्ण समाज

ब्राह्मण वोट बैंक बचा पाएंगे शुक्ला?

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विवाद का दूसरा पहलू यह भी है कि क्या उपमुख्यमंत्री ब्राह्मण समाज की नाराजगी को कम कर पाएंगे? क्योंकि सवाल सिर्फ बयान का नहीं, बल्कि नाम न लेने के फैसले का है। और यही बात उनके सामने बड़ा राजनीतिक संकट बनकर खड़ी हो सकती है।

विवाद थमने के बजाय और बढ़ता दिख रहा है। चार दिन बाद दिया गया बिना नाम वाला बयान अब खुद एक नया मुद्दा बन गया है। कांग्रेस इसे लेकर आक्रामक है, ब्राह्मण संगठनों में भी असंतोष है, और सोशल मीडिया पर सवालों की बाढ़ है। क्या उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला आगे इस पर स्पष्ट रुख अपनाएंगे? या मामला और उलझेगा यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

कांग्रेस का पलटवार विवादित बयान ब्राह्मण समाज उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला आईएएस संतोष वर्मा
Advertisment