अजाक्स के संरक्षक जेएन कंसोटिया पर कसेगा शिकंजा! सीएम तक पहुंचा 65 लाख गबन का मामला

अजाक्स संगठन में बड़े वित्तीय विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। संगठन पूर्व प्रांताध्यक्ष जेएन कंसोटिया पर 65 लाख रुपए बिना अनुमति बैंक से निकालने का बड़ा आरोप लगा है।

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Ramanand Tiwari
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मध्य प्रदेश में अजाक्स (AJJAKS) संगठन के संरक्षक और पूर्व प्रांताध्यक्ष जेएन कंसोटिया अब गंभीर आरोपों की जद में हैं। करीब दो दशक से अधिक समय तक संगठन चलाने वाले कंसोटिया पर 65 लाख रुपए के गबन का आरोप लगा है।

 यह शिकायत सीधे मुख्यमंत्री मोहन यादव तक पहुंच चुकी है। संतोष वर्मा पर कार्रवाई हो ही रही है। इसके अलावा उनके पदाधिकारियों पर भी सरकार जल्द शिकंजा कसेगी।

सूत्रों के अनुसार चौधरी मुकेश मौर्य के अधिकृत अध्यक्ष बनने के बाद उनके द्वारा CM से जो शिकायत की गई है। इस पर सरकार बड़ा एक्शन ले सकती है।

शिकायत में क्या है?

अजाक्स (Ajjaks Madhya Pradesh) के मौजूदा प्रांताध्यक्ष मुकेश मौर्य ने आरोप लगाया है कि भोपाल टीटी नगर में SBI और अरेरा कॉलोनी में बैंक ऑफ इंडिया में  अजाक्स के होल्ड अकाउंट हैं।

उनमें से 65 लाख रुपए बिना अनुमति निकाल लिए गए। शिकायत में ये भी कहा गया है कि ये पैसे कंसोटिया ने बैंक वालों से मिलकर निकलवाए हैं।

सरकार सख्त, संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी

प्रदेश सरकार पहले ही अजाक्स (पूर्व आईएएस कंसोटिया के संरक्षक में चल रहे अजाक्स) के अध्यक्ष संतोष वर्मा पर कार्रवाई कर चुकी है। अब सरकार कंसोटिया और संगठन के अन्य पदाधिकारियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है।

GAD की ओर से आदेश जारी कर मुकेश मौर्य को आधिकारिक प्रांताध्यक्ष घोषित किए जाने की संभावना जताई जा रही है। बता दें IAS संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर की गई है।

मुकेश मौर्य की शिकायत में लिखे बड़े बिंदु

मौर्य की लोकप्रियता संगठन में सबसे ऊपर

शिकायत के अनुसार, 2005 में जिला महासचिव के रूप में शुरुआत करने वाले मुकेश मौर्य ने लगातार मेहनत के दम पर संगठन में शीर्ष पदों तक राह बनाई। 2014 से 2023 तक वे ग्वालियर जिलाध्यक्ष रहे और संगठन में सबसे लोकप्रिय चेहरा माने गए।

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विवाद के बीच मौर्य चुने गए प्रांताध्यक्ष

ग्वालियर में पदाधिकारियों की आमसभा में 29 जुलाई 2023 को सर्वसम्मति से मौर्य को प्रांताध्यक्ष चुना गया। यह निर्णय अजाक्स पूर्व अध्यक्ष जेएन कंसोटिया और पूर्व पदाधिकारियों की कथित तानाशाही के खिलाफ उठे आंदोलन का परिणाम बताया गया।

वित्तीय अनियमितता का बड़ा आरोप

आरोप है कि प्रांताध्यक्ष बनने के बाद मौर्य ने अजाक्स के दोनों बैंक खातों पर नियंत्रण लिया था। पूर्व पदाधिकारियों के लेनदेन पर रोक लगाई। इसके बावजूद, शिकायत के अनुसार कंसोटिया ने अपने विभागीय प्रभाव का दुरुपयोग कर खाते से 65 लाख रुपए निकाल लिए।

कानूनी लड़ाई और कोर्ट के आदेश

कंसोटिया ने मौर्य की कार्यकारिणी को चुनौती देने हाई कोर्ट का सहारा लिया। लेकिन रजिस्ट्रार, फर्म्स एंड सोसायटी ने सुनवाई के बाद मौर्य की कार्यकारिणी को वैध घोषित कर दिया। 

इसके बाद भी कंसोटिया ने एक सेवानिवृत्त पदाधिकारी को अनधिकृत रूप से महासचिव नियुक्त कर फिर से अपील दायर की। केस अब भी विचाराधीन है।

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राष्ट्र विरोधी तत्वों का सहारा लेने का आरोप

शिकायत में कहा गया कि कंसोटिया, मौर्य की बढ़ती लोकप्रियता से खिन्न होकर ऐसे लोगों का सहारा ले रहे हैं जिन पर रेलवे संपत्ति क्षति और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के मुकदमे दर्ज हैं। उन्हीं के माध्यम से मौर्य की छवि खराब करने के आरोप भी लगाए गए हैं।

CM से कड़ी कार्रवाई की मांग

अजाक्स संगठन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कंसोटिया और उनके सहयोगियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए।
अनधिकृत पत्राचार पर रोक लगाई जाए।

साथ ही संगठन का आधिकारिक अधिकार चौधरी मुकेश मौर्य को सौंपकर स्थिर संचालन सुनिश्चित किया जाए।

शिकायत पर क्या बोले कंसोटिया

शिकायत को लेकर द सूत्र ने रिटायर्ड आईएएस जेएन कंसोटिया (Ajjaks former president JN Kansotia) से सवाल किए। कंसोटिया ने कहा कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।

 उन्होंने यह भी कहा कि अजाक्स के असली और चुने हुए अध्यक्ष संतोष वर्मा ही हैं, कोई और नहीं। कंसोटिया का कहना है कि बाकी लोग झूठ फैलाकर संगठन पर कब्जा करना चाहते हैं। बेवजह विवाद खड़ा कर रहे हैं।

मौर्य बोले- संगठन नियम के मुताबिक काम कर रहा

द सूत्र से बातचीत मेंअजाक्स के प्रांताध्यक्ष (अजाक्स अध्यक्ष बयान) चौधरी मुकेश मौर्य ने कहा कि हां हमने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से शिकायत की है। उन्होंने कहा कि अजाक्स के होल्ड अकाउंट से 65 लाख रुपए नियमों के खिलाफ निकाले गए हैं।

अजाक्स प्रांताध्यक्ष मुकेश मौर्य ने आगे कहा कि हमारा संगठन पूरी तरह नियम के मुताबिक काम कर रहा है, लेकिन कुछ लोग रुकावट डाल रहे हैं। हम चाहते हैं कि सरकार हमें अजाक्स का ऑफिस भी दिलवाए, जिस पर अभी भी इन लोगों ने कब्जा बना रखा है।

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