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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और राजस्थान के जोधपुर स्थित AIIMS जल्द ही एक महत्वपूर्ण एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं। इसका मकसद कैंसर की पहचान और रोकथाम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करना है। यह साझेदारी कैंसर के निदान को और अधिक सटीक और सुलभ बनाने के साथ-साथ, भारत में कैंसर के इलाज में अग्रणी भूमिका निभाएगी।
AI आधारित स्क्रीनिंग तकनीक
भोपाल AIIMS ने कैंसर की एआई आधारित स्क्रीनिंग में दक्षता प्राप्त की है, जिसे अब जोधपुर AIIMS में भी लागू किया जाएगा। यह तकनीक बिना लक्षण वाले मरीजों में भी प्रारंभिक चरण में कैंसर का पता लगाने में सक्षम है, जिससे मरीजों को समय से पहले इलाज मिल सके। भोपाल AIIMS के निदेशक प्रोफेसर अजय सिंह ने कहा, इस तकनीक के माध्यम से हम कैंसर की स्क्रीनिंग को तेज और अधिक सुलभ बना सकते हैं। इससे दूर-दराज और पिछड़े क्षेत्रों में कई जानें बचाई जा सकती हैं।
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कैंसर देखभाल में नया केंद्र
दोनों AIIMS मिलकर कैंसर देखभाल के लिए एक शीर्ष केंद्र विकसित करने की योजना बना रहे हैं। यह टियर-2 शहरों में कैंसर के इलाज में मदद करेगा। यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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स्नोफ्लेक मॉडल, एक नई पहल
AIIMS ने कैंसर के इलाज के लिए जो नया मॉडल विकसित किया है, उसे "स्नोफ्लेक मॉडल" (Snowflake Model) कहा गया है। यह मॉडल आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (NCG) और हब-एंड-स्पोक मॉडल के साथ जोड़ा जाएगा। इससे कैंसर के इलाज को और अधिक व्यवस्थित और सुलभ बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।